रामसर सम्मेलन के अनुसार आर्द्र भूमि क्षेत्र / वेटलैंड्स हैं –: “दलदल,पंकभूमि, पीट भूमि या पानी के क्षेत्र, चाहे प्राकृतिक या कृत्रिम, स्थायी या अस्थायी, पानी के साथ चाहे स्थैतिक हो या बहता हो, ताजा, खारा या नमकीन हो, इसमें समुद्री पानी के क्षेत्र भी शामिल हैं।
2 फरवरी 1971 को विश्व के विभिन्न देशों ने ईरान के रामसर में दुनिया के वेटलैंड के संरक्षण हेतु एक संधि पर हस्ताक्षर किए गए थे इसलिए इस दिन विश्व रामसर दिवस के रूप में मनाया जाता है। भारत के द्वारा इस संधि पर 1 फरवरी 1982 में हस्ताक्षर किए गए।
* अक्टूबर 1981 में भारत के दो स्थलों को सबसे पहले रामसर स्थल घोषित किया गया था। – ओड़िशा में स्थित चिलिका झील और राजस्थान में स्थित केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान।
* विश्व का पहला रामसर स्थल 1974 में ऑस्ट्रेलिया में स्थित कोबोर प्रायद्वीप को घोषित किया गया था।
वर्तमान में भारत में रामसर स्थलों की कुल संख्या 54 हो गई है जो कि पहले 49 थी अभी हाल ही में 5 भारतीय स्थलों को रामसर कन्वेंशन में शामिल किया गया जिसमें से 3 तमिल नाडु से एवं एक मध्यप्रदेश और एक मिजोरम से है।
आइए जानते हैं भारत में रामसर कन्वेंशन के तहत शामिल स्थलों की पूरी सूची…
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