कॉमनवेल्थ गेम 2022: वर्ष 2022 में कॉमनवेल्थ गेम बर्मिंघम संपन्न हुए। बर्मिंघममें जारी 22वे कॉमनवेल्थ गेम का समापन आज हो चुका है । इन खेलों में भारतीय खिलाड़ी ने दमदार प्रदर्शन करते हुए 22 गोल्ड समेत कुल 61 मेडल जीते हैं।
मंगलवार को 22 वर्ष राष्ट्रमंडल खेलों का आखिरी दिन था इस बार खेल में सर्वाधिक 12 मेडल रेसलिंग में आए। शुरुआत हुई वेटलिफ्टर से, इसके बाद रेसलर मुक्केबाजों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए मेडल प्राप्त किया। पहला गोल्ड मेडल वेटलिफ्टर मीराबाई चानू ने प्राप्त किया जबकि पहला सिल्वर मेडल जैवलिन थ्रो के खिलाड़ी चोपड़ा ने प्राप्त किया। कुछ पॉइंट से गोल्ड मेडल से वंचित रह गए। खेल के अंतिम दिन बैडमिंटन और टेबल टेनिस में स्वर्ण सफर देखने को मिला।
वर्ष 2022 में हुए कॉमनवेल्थ गेम में विजेता टीम ऑस्ट्रेलिया टीम विजेता रही । जिसने 67 गोल्ड सहित कुल 178 मेडल प्राप्त किए। जबकि दूसरे और तीसरे स्थान पर इंग्लैंड और कनाडा रहे इस बार चौथा स्थान कॉमनवेल्थ गेम में भारत को प्राप्त हुआ है भारत 61 मॉडल के साथ विजेता टीम में चौथे स्थान पर रहा। यह भारत के लिए एक बहुत बड़ी उपलब्धि साबित हुई क्योंकि इस बार भारतीय खिलाड़ी ने गोल्डन हैट्रिक लगा दी।
वर्ष 2016 में कॉमनवेल्थ गेम गोल्ड कोस्ट ऑस्ट्रेलिया में संपन्न हुए थे जबकि वर्ष 2026 में कॉमनवेल्थ गेम विक्टोरिया (ऑस्ट्रेलिया )में संपन्न होंगे।
कौन रहा अब कॉमनवेल्थ गेम में फ्लैग बैरियर
स्टार टेबल टेनिस खिलाड़ी शरत कमल और विश्व चैंपियन मुक्केबाज निकहत जरीन राष्ट्रमंडल खेलों के समापन समारोह में भारत के ध्वजवाहक बने । 40 वर्षीय रत्न इन खेलों में बेहतरीन प्रदर्शन किया और कुल 4 मेडल अपने नाम किए वही निकहत जरीन ने भी मुक्केबाजी में देश के लिए गोल्ड मेडल जीता।
राष्ट्रमंडल खेल 2022 के आरंभिक ध्वजवाहक
कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में पीवी सिंधु भारतीय दल की ध्वजवाहक थी।बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में भारतीय दल की ध्वजवाहक होने पर पीवी सिंधु ने खुशी जताई है। भारतीय बैडमिंटन स्टार पीवी सिंधु 2 बार ओलंपिक में मेडल जीत चुकी हैं। वहीं, भारतीय हॉकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह (Manpreet Singh) दूसरे ध्वजवाहक होंगे। भारतीय दल के दूसरे ध्वजवाहक होने पर मनप्रीत सिंह ने अपनी खुशी जाहिर की है।
क्या रही भारत की स्थिति
वर्किंग इन बर्मिंघम में हो रहे कॉमनवेल्थ गेम 2022 में भारत ने 22 गोल्ड 16 रजत जबकि 23 कांस्य पदकों के साथ कुल 61 पदक प्राप्त किए और कॉमनवेल्थ में चौथा स्थान प्राप्त किया। अन्य विजेता
, बर्मिंघम में ऑस्ट्रेलिया 67 स्वर्ण, 57 रजत और 54 कांस्य समेत कुल 178 पदकों के साथ पहले स्थान पर रहा। इंग्लैंड 57 स्वर्ण, 66 रजत और 53 कांस्य समेत 176 पदकों के साथ दूसरे और कनाडा 26 स्वर्ण, 32 रजत और 34 कांस्य समेत 92 पदकों के साथ तीसरे स्थान पर रहा।
- ऑस्ट्रेलिया, कुल मेडल 178
- इंग्लैंड, कुल मेडल 176
- कनाडा ,कुल मेडल 92
- इंडिया ,कुल मेडल 61
भारत ने कब और किस कॉमनवेल्थ में सबसे ज्यादा मेडल जीते
2010 दिल्ली – 38 गोल्ड – कुल 101 मेडल – दूसरे नंबर पर रहे
2002 मैनचेस्टर – 30 गोल्ड – कुल 69 मेडल – चौथे नंबर पर रहे
2018 गोल्ड कोस्ट – 26 गोल्ड – कुल 66 मेडल – तीसरे नंबर पर रहे
2014 ग्लासगो – 15 गोल्ड – कुल 64 मेडल – पांचवें नंबर पर रहे
2022 बर्मिंघम – 22 गोल्ड – कुल 61 मेडल – चौथे नंबर पर रहे।
कब बना भारत कॉमनवेल्थ गेम का सदस्य?
कॉमनवेल्थ गेम यानी कि राष्ट्रमंडल खेलों की शुरुआत 1930 में की गई थी पहले राष्ट्रमंडल खेल हैमिल्टन लंदन में हुए थे जिसमें भारत ने हिस्सा नहीं लिया था भारत ने पहली बार कॉमनवेल्थ गेम में सन 1934 में लंदन में होने वाले ओलंपिक में भाग लिया। भारत की तरफ से कॉमनवेल्थ गेम में पदक जीतने वाले पहले खिलाड़ी रेसलर मिल्खा सिंह थे
भारतीय खिलाड़ी 1930, 1950, 1962 और 1986 राष्ट्रमंडल खेलों में नहीं उतरे थे। 1934 में पहली बार भारतीय खिलाड़ियों ने जब भाग लिया था तब इसे ब्रिटिश एम्पायर गेम्स कहा जाता है। आइए जानते हैं कि अब तक भारत का प्रदर्शन कैसा रहा है।
22 स्वर्ण जीतने के साथ ही कॉमनवेल्थ गेम्स में ओवरऑल भारत के स्वर्ण पदकों की संख्या 200 के पार पहुंच गई है। भारत ने अब तक राष्ट्रमंडल खेलों में कुल 203 स्वर्ण, 190 रजत और 171 कांस्य पदक जीते हैं।
आइए जानते हैं कि कितने खिलाड़ियों ने भारत में गोल्ड मेडल रजत पदक एवं कांस्य पदक जीता
गोल्ड मेडल विजेता
- मीराबाई चानू (वेटलिफ्टिंग)
- जेरीमि लाल रिनुंगा( वेटलिफ्टिंग)
- अंकित शिउली (वेटलिफ्टिंग)
- भारतीय महिला टीम (लॉन बॉल्स) पहली बार पदक विजेता
- भारतीय पुरुष टीम (टेबल टेनिस टीम)
- सुधीर पेरा (पावर लिफ्टिंग)
- बजरंग पुनिया( कुश्ती)
- दीपक पुनिया (कुश्ती)
- साक्षी मलिक( कुश्ती)
- रवि दहिया (कुश्ती )
- विनेश फोगाट (कुश्ती) नवीन सिहाग ( कुश्ती)
- भावना पटेल (पैरा टेबल टेनिस)
- नीतू पनघट( मुक्केबाजी)
- अमित पंघाल( मुक्केबाजी )
- निखत जरीन (मुक्केबाजी)
- शरत कमल और श्रीजा अकोला( टेबल टेनिस बॉल)
- एडोलस पाल( एथलेटिक्स )
- पीवी सिंधु( बैडमिंटन)
- लक्ष्य सेन (बैडमिंटन)
- अजंता शरद (टेबल टेनिस)
- चिराग शेट्टी( बैडमिंटन)
रजत पदक विजेता
- 16 रजतः संकेत सरगर, बिंदियारानी देवी, सुशीला देवी, विकास ठाकुर, भारतीय बैडमिंटन टीम, तूलिका मान, मुरली श्रीशंकर, अंशु मलिक, प्रियंका, अविनाश साबले, पुरुष लॉन बॉल टीम, अब्दुल्ला अबोबैकर, शरथ-साथियान, महिला क्रिकेट टीम, सागर, पुरुष हॉकी टीम।
कांस्य पदक विजेता
- 23 कांस्यः गुरुराजा, विजय कुमार यादव, हरजिंदर कौर, लवप्रीत सिंह, सौरव घोषाल, गुरदीप सिंह, तेजस्विन शंकर, दिव्या काकरन, मोहित ग्रेवाल, जैस्मिन, पूजा गहलोत, पूजा सिहाग, मोहम्मद हुसामुद्दीन, दीपक नेहरा, रोहित टोकस, सोनलबेन, महिला हॉकी टीम, संदीप कुमार, अन्नू रानी, सौरव-दीपिका, किदांबी श्रीकांत, त्रिषा-गायत्री, साथियान।
भारत ने वर्ष 2010 में कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी की थी। बर्मिंघम गेम्स के शुभंकर का नाम पेरी रखा गया ।जो खेलों की मेजबानी करने में मदद करेगा। पेरी एक बैल है क्योंकि बर्मिंघम का पर्याय भी जानवर होता है। पेरी नीले लाल और पीले रंग की धारियों वाला एक किट पहने हुआ है। जो बर्मिंघम के फ्लैग रंगों को दर्शाता है।