सार
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग जिसे संक्षेप में यूजीसी के नाम से जाना जाता है। विश्वविद्यालयों में नैक का मूल्यांकन भी UGC करता है। इसके आधार पर विश्वविद्यालयों को ग्रेडिंग दिया जाता है । आज 12 दिसंबर को अंडरग्रैजुएट डिग्री के लिए नए मानदंड की घोषणा करने की उम्मीद की जा रही है । इसके अनुसार विद्यार्थियों को ऑनर्स डिग्री प्राप्त करने के लिए समय अवधि बढ़ा दी गई है।
विस्तार
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने ग्रेजुएशन की पढ़ाई के लिए नए नियम तैयार कर लिए हैं. यूजीसी की ओर से तैयार किए गए नये नियमों के मसौदे के अनुसार, अब छात्र तीन के बजाय चार साल की पढ़ाई पूरी करने पर ही स्नातक की ‘ऑनर्स’ डिग्री हासिल कर सकेंगे
यूजीसी के नए नियमों के बारे में अंडरग्रैजुएट डिग्री छात्रों को जानना है जरूरी ,जाने क्या है नए नियम
हम आपको बता दें कि अभी तक ग्रेजुएशन मात्र 3 वर्ष का होता था परंतु जैसे कि नए नियमों के मुताबिक अब ग्रेजुएशन 4 साल का करने का निर्णय लिया जा रहा है जिसमें 3 साल की डिग्री और 1 साल का स्पेशलाइजेशन डिप्लोमा का सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा आइए जानते हैं कि कौन से नए नियम जारी करने जा रहा है यूजीसी
- इसके ड्राफ्ट रेगुलेशंस में लिखा है कि karikulam and credit framework for 4 year undergraduate program ( करिकुलम एंड क्रेडिट फ्रेमवर्क फॉर फोर ईयर अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम) के नए सिस्टम के अंतर्गत किसी स्टूडेंट को यूजी डिग्री तभी मिलेगी जब वह 120 क्रैडिट्स तीन साल में पूरे करता है।
- यूजी ऑनर्स डिग्री चार साल में 160 डिग्री क्रैडिट पूरे करने पर मिलेगी। वर्तमान में ग्रेजुएशन कर पूरा करने की समय अवधि 3 वर्ष है मतलब ऑनर्स डिग्री 3 वर्ष के बाद मिल जाती हैं परंतु अब यह नियम बदल जाएगा। अब ऑनर्स की डिग्री 4 वर्ष के पश्चात ही मिलेगी।
- ड्राफ्ट रेगुलेशंस में यह भी लिखा है कि जो स्टूडेंट्स ग्रेजुएशन लेवल पर रिसर्च स्पेशलाइजेशन(research specialisation) लेना चाहते हैं, वे चार साल डिग्री प्रोग्राम ले सकते हैं, उनकी ऑनर्स डिग्री विद रिसर्च स्पेशलाइजेशन होगी।
- यूजीसी के मुताबिक, सभी स्टूडेंट्स के लिए यह प्रोग्राम मुहैया कराया जाएगा। लेकिन, इसमें दाखिले के लिए छात्रों को बाध्य नहीं किया जाएगा। छात्र चाहें तो वह पहले से चले आ रहे तीन वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रमों को ही जारी रख सकते हैं।
- नए नियम जारी होने के बावजूद भी पुराने नियमों को विकल्प के तौर पर रखा जाएगा अर्थात जो बच्चे 3 वर्ष का ग्रेजुएशन करना चाहते हैं कर सकते हैं
- ये चार साल यूजी प्रोग्राम नई शिक्षा नीति के प्रावधानों के अंतर्गत है, जो चार साल के अंडर ग्रेजुएट कोर्सेज की बात करता है, जिसमें मल्टीपल एंट्री और एघ्जिट हैं। कई यूनिवर्सिटीज जैसे दिल्ली विश्वविद्यालय और जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी इसे प्रोग्राम पहले ही शुरू कर चुके हैं।
- यूजीसी चेयरमैन ने कहा कि एफवाईयूजीपी के तहत सिर्फ नए छात्रों को दाखिला लेने का मौका दिया जाएगा तो इसका परिणाम चार साल बाद पता चलेगा। वहीं, यदि पुराने छात्रों को इसमें शामिल होने का मौका मिलता है तो परिणाम पहले दिखाई देंगे।
- चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम के उपरांत दो साल का परास्नातक (पीजी) और एमफिल करने वालें छात्रों के लिए पीएचडी में दाखिले के लिए 55 प्रतिशत अंक लाना अनिवार्य होगा। हालांकि, एमफिल कार्यक्रम को अब बहुत लंबे समय तक जारी नहीं रखा जाएगा। ऐसा नई शिक्षा नीति के तहत किए गए बदलावों के कारण किया जा रहा है।