बुद्ध पूर्णिमा बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए एक अत्यंत पवित्र पर्व है। इसे भगवान गौतम बुद्ध की जन्म, बोधि प्राप्ति (ज्ञान प्राप्ति) और महापरिनिर्वाण (मृत्यु) — इन तीनों घटनाओं की स्मृति में मनाया जाता है। यह पर्व वैशाख मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है, इसलिए इसे “बुद्ध पूर्णिमा” कहा जाता है।
बुद्ध पूर्णिमा क्यों मनाई जाती है?
- गौतम बुद्ध का जन्म – उन्होंने लुंबिनी (वर्तमान नेपाल में) में इसी दिन जन्म लिया था।
- ज्ञान की प्राप्ति – उन्हें इसी दिन गया (बिहार) में बोधि वृक्ष के नीचे तपस्या के बाद ज्ञान की प्राप्ति हुई थी।
- महापरिनिर्वाण – उन्होंने इसी दिन कुशीनगर (उत्तर प्रदेश) में शरीर त्याग किया।
बुद्ध पूर्णिमा का महत्त्व
- अहिंसा और करुणा का संदेश – यह दिन शांति, प्रेम और अहिंसा का प्रतीक है।
- बौद्ध अनुयायियों का सबसे बड़ा पर्व – बौद्ध धर्म मानने वाले इस दिन व्रत रखते हैं, पूजा करते हैं और भगवान बुद्ध की शिक्षाओं का स्मरण करते हैं।
- ध्यान और दान का दिन – इस दिन लोग ध्यान, साधना और जरूरतमंदों को दान करते हैं।
- आध्यात्मिक प्रेरणा – यह दिन हमें आत्मनिरीक्षण, सत्य और सदाचार का मार्ग अपनाने की प्रेरणा देता है।
जाने कौन थे महात्मा बुद्ध

1. भगवान बुद्ध कौन थे?
गौतम बुद्ध का असली नाम सिद्धार्थ गौतम था। उनका जन्म एक राजा के घर हुआ था, लेकिन जीवन के दुःख-दर्द देखकर उन्होंने संसार त्याग दिया और सत्य की खोज में निकल पड़े। वर्षों की तपस्या और ध्यान के बाद उन्हें ज्ञान (बोधि) प्राप्त हुआ और वे बुद्ध कहलाए। उन्होंने दुनिया को अष्टांगिक मार्ग, चार आर्य सत्य, और मध्यम मार्ग जैसे महत्वपूर्ण सिद्धांत दिए।
2. बुद्ध पूर्णिमा का ऐतिहासिक महत्व
- यह दिन बौद्ध धर्म के तीन मुख्य घटनाओं (जन्म, ज्ञान, निर्वाण) के कारण बहुत विशेष है।
- इसे त्रिशरण और पंचशील के पालन का दिन भी माना जाता है।
- भारत, नेपाल, श्रीलंका, थाईलैंड, म्यांमार, जापान और अन्य बौद्ध देशों में यह पर्व श्रद्धा से मनाया जाता है।
3. इस दिन लोग क्या करते हैं?
- बौद्ध विहारों में पूजा – मंदिरों में बुद्ध की मूर्तियों को स्नान कराकर उन्हें वस्त्र पहनाए जाते हैं।
- ध्यान और प्रवचन – भिक्षु और अनुयायी बुद्ध के उपदेशों का पाठ करते हैं।
- दान और करुणा के कार्य – लोग गरीबों को भोजन, वस्त्र, दवा आदि दान करते हैं।
- शांति मार्च और प्रार्थना सभाएं – बुद्ध की शिक्षाओं का प्रचार करने के लिए रैलियाँ निकाली जाती हैं।
4. बुद्ध पूर्णिमा का आध्यात्मिक संदेश
- यह पर्व हमें सिखाता है कि अहिंसा, सत्य, और करुणा से ही जीवन सार्थक होता है।
- काम, क्रोध, लोभ, मोह को त्याग कर ही शांति और मुक्ति पाई जा सकती है।
- यह आत्मनिरीक्षण और मन की शुद्धि का पर्व है।