अंतर्राष्ट्रीय मानव एकता दिवस को मनाने का उद्देश्य लोगों को विविधता में एकता का महत्व बताते हुए जागरूकता फैलाना हैं। दुनिया के विभिन्न देश इस दिन अपनी जनता के बीच शांति, भाईचारा, प्यार, सौहार्द और एकता के संदेश का प्रसार करते हैं।
अंतरराष्ट्रीय मानव एकता दिवस :
अंतर्राष्ट्रीय मानव एकता दिवस (International Human Solidarity Day : 20th December) को प्रतिवर्ष 20 दिसम्बर को मनाया जाता है।
अंतर्राष्ट्रीय मानव एकता दिवस वर्ष 2023 की विषय (थीम )
अंतरराष्ट्रीय मानव एकजुटता दिवस 2023 का विषय ‘परिवर्तन की वकालत‘ है। यह विषय जागरूकता बढ़ाने के सक्रिय दृष्टिकोण को रेखांकित करता है। वैश्विक मुद्दों के बारे में और समानता, मानवाधिकार और सामाजिक न्याय पर जोर देने वाली नीतियों की वकालत करना हैं।
जाने कहां से हुई इसकी शुरुआत
सबसे पहले संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 22 दिसंबर 2005 को संकल्प 60/209 द्वारा मानव एकता को एकजुटता के मौलिक और सार्वभौमिक अधिकारों के रूप में मान्यता दी गई थी, जो 21वीं सदी में लोगों के बीच संबंधों को दर्शाता है, और इस संबंध में ही प्रत्येक वर्ष 20 दिसंबर को अंतर्राष्ट्रीय मानव एकता दिवस ( International Human Solidarity Day) मनाए जाने का निर्णय लिया गया।
क्या है एकता?
एकता लोगों के बीच भाईचारे अपनत्व एवं समृद्धि का प्रतीक होती है, जिस देश के नागरिकों अथवा किसी परिवार के सदस्यों के बीच एकता होती है उस देश /परिवार में कभी कोई विपत्ति नहीं आने पाती है। किंतु जिस जगह पर एकता की कमी होती है वहां पर लोगों में मतभेद होना शुरू हो जाता है।
किसी भी देश का आधार, उसकी मजबूती देश की एकता एकता होती है जो उसकी एकता (what is unity 3d) एवम अखंडता में ही निहित होता हैं।
हमारे भारत देश में शासन बदलते रहने के कारण एवम विचारो में भिन्नता के कारण मतभेद उत्पन्न होता गया और देश में सबसे बाद में ब्रिटिश हुकूमत ने राज किया और इन्होने इसी कमी का फायदा उठाकर फूट डालों एवम राज करो की नीति अपनाई। इसी एक हथियार के कारण अंग्रेजों से भारत पर 200 वर्षो की गुलामी की।
इससे जाहिर होता हैं कि देश का विकास, शांति, समृद्धि एवम अखंडता एकता के कारण ही संभव हैं। कौमी लड़ाई देश की नींव को खोखला करती हैं। इससे न निजी लाभ होता हैं ना ही राष्ट्रीय हित। आज भी हम कहीं न कहीं एकता में कमी के कारण ही अन्य देशों से पीछे हैं।