क्या हुआ जब अमेरिका के राष्ट्रपति ने की टाईपिस्ट की नौकरी
ये कहानी एक ऐसे व्यक्ति की है जो की अमेरिका का रहने वाला था , जो बचपन से ही बहुत संघर्षशील था , जब वो 6 साल का था तब उसके पिता की हृदय गति रुक गयी जिसके कारण उसके पिता की मृत्यु हो गयी. तीन साल बाद उसकी माँ को निमोनिया हो गया जिसके कारण उसकी माँ की मृत्यु हो गयी. सीखने की ललक और परिश्रम के दम पर उसने इंजीनियरिंग की उपाधि प्राप्त की , उसके बाद उसने एक अच्छी नौकरी ढूँढ़नी शुरू कर दी. उसकी नजर में कई सारी कंपनिया थी लेकिन उसने सिर्फ वहीं आवेदन किया जहां ‘’ काम करने और नयी – नयी चीजे सीखने का मौका मिलता था. जब वह उस संस्थान के कार्यालय में गया तो उसे बताया गया की यहाँ पर तो सिर्फ एक टाईपिस्ट की जगह खाली है . उस नौजवान के पास तो इंजीनियरिंग की उपाधि थी, लेकिन उसने भविष्य में बेहतर अवसरों के लिए टाईपिस्ट की नौकरी के लिए तुरंत हां कर दी .
उस व्यक्ति को उसी दिन से काम करने के लिए कहा गया |लेकिन उस व्यक्ति ने 4 दिन बाद आने का वादा किया . 4 दिन बाद जब उसने काम संभालना शुरू किया तो उस कम्पनी के मैनेजर ने पूछा’’ आप पहले तो काम करने के लिए बहुत आतुर थे , फिर 4 दिन बाद क्यों आये?? उस व्यक्ति ने जवाब दिया ‘’ मुझे टाईपिंग करनी नही आती थी , इन 4 दिनों में मैंने टाईपिंग सीखने की कोशिश की है और मुझे विश्वास है की अब में अच्छे से टाईपिंग कर लूँगा ‘’|
अपने काम को पूरी लगन और दक्षता से करने की इस आदत ने उसे सयुंक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति के पद तक पहुँचाया . उस व्यक्ति का नाम था ‘’ [हर्बर्ट क्लार्क हूवर] हूवर का कहना था की सौपे गये किसी भी काम को सम्पूर्ण लगन से करने पर उसका बेहतर परिणाम सामने आता है . इसीलिए जो भी काम हाथ में ले उसे पूरी लगन से करे.