एक बार की बात है, एक छोटा सा बच्चा था जिसका नाम अल्बर्ट था। वह दुनिया के बारे में बहुत सारे सवाल पूछता रहता था। जब भी वह आसमान की ओर देखता, तारे टिमटिमाते उसे सोच में डाल देते। वह सोचता, “ये तारे आखिर क्या हैं? इतने सारे तारे कहाँ से आते हैं?”
एक दिन, अल्बर्ट ने अपने पिता से पूछा, “पिताजी, सूरज इतना बड़ा क्यों है और हम इतने छोटे क्यों हैं?” उसके पिता ने मुस्कुराते हुए कहा, “बेटा, ये बहुत बड़ा सवाल है। जब तू बड़ा होगा, तब इसका जवाब खुद ढूंढ लेगा।”
अल्बर्ट की जिज्ञासा कम होने के बजाय और बढ़ गई। वह किताबें पढ़ता, वैज्ञानिकों से मिलता और प्रयोग करता रहा। उसने पाया कि दुनिया बहुत ही रोचक जगह है और इसमें जानने के लिए बहुत कुछ है।

बड़े होकर, अल्बर्ट एक महान वैज्ञानिक बन गया। उसने कई ऐसे सिद्धांत दिए जिन्होंने दुनिया को बदल कर रख दिया। उनमें से सबसे महत्वपूर्ण सिद्धांत था सापेक्षता का सिद्धांत। इस सिद्धांत से हमें समय और अंतरिक्ष के बारे में बहुत कुछ जानने को मिला।
कहानी से सीखने योग्य बातें:
- जिज्ञासु बनो: अल्बर्ट की तरह, हमें भी हमेशा कुछ नया जानने की कोशिश करनी चाहिए। सवाल पूछना और उनका जवाब ढूंढना सीखना चाहिए।
- कड़ी मेहनत करो: अल्बर्ट ने अपनी सफलता के लिए बहुत मेहनत की। हमें भी अपनी मंजिल तक पहुंचने के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए।
- कभी हार मत मानो: अल्बर्ट को भी कई बार मुश्किलों का सामना करना पड़ा, लेकिन उसने कभी हार नहीं मानी। हमें भी मुश्किलों से डरना नहीं चाहिए और हमेशा आगे बढ़ते रहना चाहिए
- कहानी से शिक्षा
यह कहानी हमें बताती है कि जिज्ञासा और कड़ी मेहनत से हम कुछ भी हासिल कर सकते हैं। अल्बर्ट आइंस्टीन एक आदर्श उदाहरण हैं कि कैसे एक छोटा सा बच्चा अपनी जिज्ञासा के बल पर दुनिया का सबसे महान वैज्ञानिक बन सकता है।