सार
कोलकाता मेट्रो ने इतिहास रच दिया है। देश में पहली बार मेट्रो हुगली नदी के नीचे सुरंग से होती हुई कोलकाता से हावड़ा पहुंची। इस सफर में किसी आम जनता में शामिल व्यक्ति को नहीं बिठाया गया बल्कि इसमें केवल अधिकारी और इंजीनियर सवार थे।जो कि मेट्रो का निरक्षण कर रहे थे।
विस्तार
पहली बार कही ऐसा दृश्य देखने को मिला है जहां नदी के नीचे से मेट्रो ने दौड़ लगाई हो। ये नजारा वाकई अद्भुत और सराहनीय है। कोलकाता की जनता इस नजारे को देखकर हैरान है। हर कोई इस अनोखी मेट्रो को देखकर अचंभित है। तो आईये जानते है कोलकाता कि अंडर रिवर वाटर मेट्रो की कुछ बाते –
कैसी है कोलकाता की अंडर वॉटर मेट्रो?
कोलकाता मेट्रो मे सवारी करने के बाद इस मामले पर ज्यादा जानकारी देते हुए अधिकारियों ने बताया कि मेट्रो के GM उदय कुमार रेड्डी ने इस अनोखी मेट्रो का लुफ्त उठाया और महाकारण स्टेशन से हावड़ा मैदान तक सफर तय किया। इस दौरान मेट्रो में अधिकारी और इंजीनियर दोनों मौजूद रहे। इसका ट्रायल हावड़ा मैदान से एस्प्लेनेड से शुरू किया गया।जो कि बताया जा रहा है कि ये प्रोजेक्ट इस साल के अंत तक पूरा हो सकता है।
जाने क्या है नई कोलकाता अंडर वॉटर मेट्रो की खासियत..
* ये खास मेट्रो कॉरिडोर को हुगली नदी के नीचे बनाया है। जोकि कोलकाता के रास्ते साल्ट लेक और हावड़ा को जोड़ने का काम करेगा।
* इस अनोखी मेट्रो का 5.8 किलोमीटर हिस्सा एलिवेटेड है जबकि 10.8 किलोमीटर का हिस्सा अंडरग्राउंड है। कुल हिस्सा 16.55 किलोमीटर लंबा है।
* ये कॉरिडोर 16.5 किलोमीटर लंबा है और इस प्रोजेक्ट को ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर नाम दिया गया है।