आज नवरात्रि का आठवां दिन है इस दिन माता महागौरी की पूजा की जाती है।इस दिन को महा अष्टमी या दुर्गा अष्टमी भी कहा जाता है। नवरात्रि की अष्टमी तिथि को मां दुर्गा के मां महागौरी स्वरूप की उपासना को शुभ माना जाता है। मां महागौरी का रंग पूर्णता गोरा होने के कारण ही इन्हें महागौरी या श्वेताम्बरधरा भी कहा जाता है। इस साल 10 अक्टूबर 2024 को मां दुर्गा के आठवें स्वरूप की पूजा की गई है।
मां महागौरी के स्वरूप की व्याख्या
कहते हैं कि एक बार जब मां पार्वती तपस्या कर रही थी तो तपस्या करने के कारण उनके शरीर का रंग श्याम वर्ण हो गया था तब भगवान शंकर अत्यंत चिंतित हो गए थे और माता को गंगा जी में स्नान करवाया जिससे उनके रंग में परिवर्तन दिखाई दिया और उनके शरीर का रंग श्याम से गौर वर्ण हो गया इसके कारण यह देवी महागौरी कहलाई। महागौरी माता को नवरात्रि के दिनों में नौ देवी माता के रूप में से आठवीं देवी के रूप में पूजा जाता है।
मां महागौरी इस चीज का है प्रतीक
भक्त पवित्रता, शांति और मातृत्व का आशीर्वाद पाने के लिए महागौरी की पूजा करते हैं। इस पोषण करने वाले रूप में, वह दिव्यता, दया और करुणा का प्रतीक है। उनकी पूजा करने से भक्तों को सभी पापों से मुक्ति मिलती है।
मां महागौरी का सिद्ध मंत्र
महागौरी मंत्र
|| नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:||
|| 2. बीज मंत्र: श्री क्लीं ह्रीं वरदायै नम: ||
मां गौरी का पसंदीदा रंग व प्रसाद
माता महागौरी को सफेद रंग के वस्त्र अर्पित करें और खुद भी सफेद रंग के वस्त्र पहनें। इसके बाद मां महागौरी को सफेद फूल अर्पित करें। माता महागौरी को हलवा, चना और पूड़ी का भोग लगाएं
मंदिर को फूलों और दीपक से सजाएं और माता को धूप, दीप, फूल, फल, मिठाई, चंदन, रोली, अक्षत आदि अर्पित करें. महागौरी माता को प्रसन्न करने के लिए विशेष मंत्रों का जाप करें।
पूजा के अंत में आरती करें और व्रत कथा का पाठ करें। पूजा खत्म होने के बाद गरीबों और जरूरतमंदों को प्रसाद और दान अवश्य दें।
मां गौरी को इस चीज का लगाए भोग
मां दुर्गा के आठवें स्वरूप महागौरी को मोगरे का फूल अति प्रिय है। ऐसे में साधक को इस दिन मां के चरणों में इस फूल को अर्पित करना चाहिए। इसके साथ ही मां को नारियल की बर्फी और लड्डू अवश्य चढ़ाएं। क्योंकि मां का प्रिय भोग नारियल माना गया है