माघ के महीने में जया एकादशी मनाई जाती है। जया एकादशी से हजारों पुण्य के बराबर फल मिलता है। माना जाता है कि इस व्रत को करने से पापों से मुक्ति मिलती और मोक्ष की प्राप्ति होती है। जया एकादशी काफी फलदाई है। जया एकादशी व्रत करने तथा दीन-दु:खी, जरूरतमंदों को दान देने से न केवल जीवन के पापों से मुक्ति मिलती है, बल्कि परमात्मा की कृपा भी प्राप्त होती है। इस दिन शहर में कई बड़े धार्मिक अनुष्ठान और कार्यक्रम आयोजित होंगे। घरों और मंदिरों में सत्यनारायण कथा का आयोजन किया जाएगा।
श्री श्री साकची शिव मंदिर एवं श्री श्याम परिवार का 36 वां श्री श्री श्याम महोत्सव 8 फरवरी मनाया जाएगा। दोपहर 2 बजे साकची शिव मंदिर से श्याम नाम की ध्वजा लिए निशान (शोभा) यात्रा निकाली जाएगी, जो विभिन्न मार्गों से होते हुए वापस मंदिर आकर संपन्न होगी। इसमें 1500 से अधिक भक्त निशान के साथ शामिल रहेंगे।
एकादशी का शुभ मुहूर्त

फरवरी को माघ शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि और शनिवार का दिन है। एकादशी तिथि शनिवार रात 8 बजकर 16 मिनट तक रहेगी। 8 फरवरी को दोपहर 2 बजकर 4 मिनट तक वैधृति योग रहेगा। वैधृति योग स्थिर कार्यों हेतु ठीक है परंतु यदि भाग-दौड़ वाला कार्य अथवा यात्रा आदि करनी हो तो इस योग में नहीं करनी चाहिए। साथ ही शनिवार शाम 6 बजकर 7 मिनट तक मृगशिरा नक्षत्र रहेगा। इसके अलावा 8 फरवरी को जया एकादशी का व्रत किया जाएगा।
पारण का समय
इस बार यह व्रत रवि योग में है। वहीं, व्रत का पारण द्वादशी तिथि को किया जाता है। धार्मिक परंपरा के अनुसार, पारण का समय सूर्योदय के बाद और द्वादशी तिथि समाप्त होने से पहले होना चाहिए। पंचांग के अनुसार, पारण का समय 9 फरवरी की सुबह 7 . 04 बजे से 9 . 17 बजे तक है।