बसंत पंचमी की पूजा इस वर्ष 2025 में 3 फरवरी को की जाएगी । कुछ लोग इस असमंजस में थे की पूजा 2 फरवरी को होगी या 3 फरवरी को। तो हम आपको बता दें की बसंत पंचमी 2 फरवरी को मनाई गई परंतु उदया तिथि के अनुसार 3 फरवरी को भी बसंत पंचमी का शुभ योग है परंतु यह सुबह केवल 6:30 बजे तक ही रहेगा इसलिए जिनको व्रत रखना है वह 2 फरवरी को पूरे दिन की बसंत पंचमी मान सकते हैं।
ऐसे में इन प्रमुख पंचांगों के अनुसार बसंत पंचमी पर 3 फरवरी को सरस्वती पूजन करना ही शास्त्र सम्मत होगा। इससे उदया तिथि में पंचमी तिथि भी प्राप्त होगी। पंचांग के समान गणना के कारण 3 फरवरी को ही कुंभ की तीसरी और अंतिम शाही स्नान राशि होगी
बसंत पंचमी को वसंत पंचमी और सरस्वती पंचमी के नाम से भी जाना जाता है.
बसंत पंचमी पर मां सरस्वती की ऐसे करें पूजा
बसंत पंचमी की पूजा में माता सरस्वती की आराधना की जाती है जो की ज्ञान और विद्या की देवी मानी जाती हैं। मां सरस्वती अपने भक्तों पर हमेशा दया दिखाती है और उनके लिए ज्ञान का भंडार भर्ती है इसलिए माता के द्वारा दिए गए आशीर्वाद का सही तरीके से प्रयोग करना चाहिए । व्यक्ति को कभी भी अपने ज्ञान पर घमंड नहीं करना चाहिए अन्यथा माता नाराज हो जाती हैं। इस पूजा में साफ सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए । आईए जानते हैं कि कैसे करें माता सरस्वती की पूजन जिससे माता हम सभी पर प्रसन्न हो-
- सुबह स्नान , ध्यान करके माता की चौकी सजाये
- चौकी पर पीला वस्त्र भी साथ बिछाकर माता को आसान दे।
- माता का पूर्ण विधि से मंत्र उच्चारण करके पूजा करें।
- मां सरस्वती को पीले रंग का भोग लगाए पीला पुष्प अर्पित करें एवं पूजा करते समय पीले वस्त्र धारण करें।
- माता सरस्वती का विशेष मंत्र पढ़कर उनकी आरती करें एवं उनका ध्यान करें और अपने लिए एवं अपने आसपास सभी लोगों के लिए माता से प्रार्थना करें।
बसंत पंचमी के दिन पहने इस रंग का वस्त्र
इस दिन लोग देवी सरस्वती की पूजा करते हैं और उनसे ज्ञान, बुद्धि और शिक्षा के लिए दिव्य कृपा की कामना करते हैं। इस उत्सव के दौरान एक आम परंपरा है कि स्नान करके नए कपड़े पहने जाते हैं, लेकिन पीले रंग पर विशेष जोर दिया जाता है।
बसंत पंचमी के दिन ना करिए ये काम
बसंत पंचमी के दिन सात्विक आहार ही ग्रहण करें। इस दिन प्याज, लहसुन और तामसिक चीजों का सेवन न करें। बसंत पंचमी के दिन पेड़-पौधों की कटाई-छंटाई नहीं करना चाहिए। ऐसा करने शुभ नहीं माना जाता है।
बसंत पंचमी में इन चीजों का करे दान
बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती को प्रसन्न करने के लिए पीले रंग की वस्तुओं जैसे पीले वस्त्र, पीली मिठाई, पीले फल आदि का दान करना शुभ माना जाता है। बसंत पंचमी के मौके पर किताबें, पेन, कॉपी, पेंसिल आदि का दान करना भी शुभ माना जाता है।
माघ शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को विद्या और बुद्धि की देवी मां सरस्वती की उपासना की जाती है। इसी उपासना के महापर्व को वसंत पंचमी कहते हैं. इस पर्व पर ज्ञान की देवी मां सरस्वती के पूजन का विशेष महत्व है. इस दिन लोग सरस्वती की पूजा-अर्चना कर ज्ञान प्रदान करने की प्रार्थना करते हैं।
इस मंत्र से करें मां सरस्वती की आराधना
यह मंत्र सरस्वती माता को समर्पित है। इस मंत्र के बोल इस प्रकार हैं:
या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता, या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना, सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा, वीणा-पुस्तक-धारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम्, वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम्।