द्विपाद चक्रिकासन से पैरों का किसी भी प्रकार का दर्द हो और जल्दी खत्म हो जाता है परंतु इसको करते समय सावधानी आवश्यक बरतनी चाहिए यदि आप इसे सही तरीके से नहीं करते हैं तो यह आप पर गलत प्रभाव भी डाल सकता है इसलिए किसी भी आसान को करते समय उसके सभी आवश्यक शर्तों को जरूर जान ले।
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शवासन प्राणायाम मन एवं आत्मा पर नियंत्रण करना सिखाता है यह योग मन के नकारात्मक विचारो व भावनाओ को ख़त्म करके सकारात्मक विचारो को उत्पन्न करता है इससे एक पॉजिटिव ऊर्जा का संचार होता है आत्मिक बल बढ़ता है योग और प्राणायाम मन से चिंता, विरोधभास और निराशा को दूर करता है अतः इससे मन शांत रहता है
भ्रामरी का अर्थ है -भवँरे का गुंजन । इस प्राणायाम में रेचक करते समय भ्रमर के समान गुंजन की आवाज निकलती है इसलिए इसे मधुमक्खी श्वास भी कहा जा सकता है। भ्रामरी (बी ब्रीथ) ध्यान के लिए एक प्रभावी प्राणायाम (श्वास व्यायाम) है। भ्रामरी प्राणायाम थकान और मानसिक तनाव को कम करने में मदद करता है
योग विज्ञान पर आधारित एक आध्यात्मिक विषय है , जो मन और शरीर के बीच सामंजस्य स्थापित करने का साधन है योग के विज्ञान की उत्तपत्ति हजारो साल पहले हुई थी योग का प्रथम गुरु एवं योगी भगवान शिव को माना जाता है कई हजार वर्ष पूर्व आदियोगी ने अपने प्रबुद्ध योग ज्ञान को प्रसिद्द सप्त ऋषियों (कश्यप, अत्रि, वशिष्ठ, विश्वामित्र, गौतम, जमदग्नि और भारद्वाज।) को प्रदान किया
योग की विभिन्न मुद्राएं (Yoga Mudra in Hindi) निम्न प्रकार हैं-
योग एक व्यापक शब्द है जो संस्कृत भाषा के ‘युज धातु’ से निकला है, जिसका अर्थ होता है -“आत्मा का परमात्मा से मिलन” अर्थात योग में इतनी शक्ति होती है, कि यह आपको अमरत्व की प्राप्ति करा सकता है।