तेनाली रामाकृष्णा, जिन्हें तेनाली रामा के नाम से जाना जाता है, 16वीं शताब्दी में विजयनगर साम्राज्य के राजा कृष्णदेवराय के दरबार के प्रसिद्ध कवि और विदूषक थे। उनकी कुशाग्र बुद्धि और हास्य बोध के कारण वे आज भी लोकप्रिय हैं।
यहाँ तेनाली रामा की एक प्रसिद्ध कहानी प्रस्तुत है:
हीरों का सच
एक बार, एक व्यापारी राजा कृष्णदेवराय के दरबार में आया और शिकायत की कि उसके कीमती हीरे चोरी हो गए हैं। राजा ने तेनाली रामा को इस मामले की जांच करने का आदेश दिया।
तेनाली रामा ने सभी दरबारियों को बुलाया और कहा, “मेरे पास एक जादुई छड़ी है। यदि चोर इस छड़ी को छुएगा, तो छड़ी लंबी हो जाएगी।” इसके बाद, उन्होंने सभी को एक-एक करके छड़ी छूने के लिए कहा।
अगले दिन, तेनाली रामा ने सभी की छड़ियाँ जांचीं और पाया कि एक दरबारी की छड़ी थोड़ी छोटी थी। दरअसल, चोर ने डर के मारे अपनी छड़ी का सिरा काट दिया था, ताकि छड़ी लंबी न हो जाए। इस प्रकार, तेनाली रामा ने चोर को पकड़ लिया और व्यापारी के हीरे वापस दिलवाए।

तेनाली रामा की ऐसी अनेक कहानियाँ उनकी बुद्धिमत्ता और चतुराई को दर्शाती हैं, जो आज भी लोगों के बीच लोकप्रिय हैं।