उत्तर प्रदेश सहायक शिक्षक भर्ती मामले में एक बड़ा फैसला आया है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 69,000 सहायक शिक्षकों के लिए नई चयन सूची बनाने का निर्देश दिए हैं। वर्तमान में कार्यरत शिक्षकों की नौकरी चली जाएंगी। लेकिन न्यायालय ने इसमें एक बड़ी राहत भी दी है। कि इस सत्र में पढ़ाने वाले शिक्षकों को पूरा वेतन दिया जाएगा।
इसके अलावा उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में शिक्षकों को राहत देते हुए यह भी स्पष्ट कहा कि नई चयन सूची बनाते समय यदि वर्तमान में कार्यरत किसी भी सहायक शिक्षक पर विपरीत असर पड़ता है, तो उन्हें मौजूदा सत्र का लाभ दिया जाए ताकि छात्रों की पढ़ाई बाधित न हो।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय के इस बड़े फैसले से पिछले चार सालों से शिक्षक पद पर नौकरी कर रहे अभ्यर्थियों के पद पर तलवार लटक गई है। अब इस भर्ती की नई मेरिट लिस्ट आएगी।
जाने क्या है पूरा मामला
याचिकाकर्ताओं ने एकल पीठ के 13 मार्च, 2022 के आदेश को चुनौती देते हुए कहा था कि राज्य सरकार द्वारा दी गई आरक्षण व्यवस्था सही नहीं है। जिसके बाद अब हाई कोर्ट ने पुरानी मेरिट रद्द करने के आदेश दिए हैं। जाहिर है कि इससे वर्तमान में कार्यरत शिक्षकों की नौकरी जाएगी। लेकिन अपने फैसले में कोर्ट ने एक बड़ी राहत भी दी है।
यूपी शिक्षक भर्ती का यह मामला 69,000 सहायक अध्यापक भर्ती में आरक्षण के प्रावधानों में अनियमतता से जुड़ा है।
कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि आरक्षित वर्ग के वे अभ्यर्थी जो सामान्य वर्ग की मेरिट सूची में आते हैं, उन्हें सामान्य वर्ग में समायोजित किया जाना चाहिए। साथ ही ऊर्ध्वाधर आरक्षण का लाभ क्षैतिज आरक्षण श्रेणियों को भी दिया जाना चाहिए। इसके अलावा हाई कोर्ट ने एकल पीठ के उस फैसले को बरकरार रखा जिसमें 5 जनवरी, 2022 को आरक्षित वर्ग के 6,800 उम्मीदवारों की चयन सूची रद्द कर दी गई थी।