अभी हाल ही में ऑस्ट्रेलिया ने अपने देश के 16 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए सोशल मीडिया प्रयोग पर बैन लगा दिया यह खबर तेजी से फैल रही है। जो की बिल्कुल सच है। इसी साल हुए एक सर्वे में लगभग 60% भारतीय अभिभावक भी कुछ ऐसा ही चाहते थे जिस प्रकार से ऑस्ट्रेलिया में बैन लगा है उसी प्रकार भारत में भी बच्चों के सोशल मीडिया प्रयोग करने पर बैन लगाना चाहिए।
क्या है बैन करने का कारण?
सरकार का कहना है कि ऑस्ट्लियाई युवा के लिए सोशल मीडिया नुकसानदायक हो सकता है। 14 से 17 साल की उम्र के लगभग 66% ऑस्ट्रेलियाई लोगों ने ऑनलाइन बहुत हानिकारक कंटेट देखा है, जिसमें नशीली दवाओं का इस्तेमाल, आत्महत्या या खुद को नुकसान पहुंचाना शामिल है।
इसी को देखते हुए ऑस्ट्रेलिया की सरकार ने इस साल एक आयु सीमा तकनीक का परीक्षण शुरू किया था। सरकार कहती है कि ऐसा वो उन मां-बाप के लिए कर रही है जो अपने बच्चों पर सोशल मीडिया के प्रभाव को लेकर चिंतित हैं।
16 वर्षीय कम उम्र के बच्चों का सोशल मीडिया प्रयोग करने से होने वाला खतरा
सोशल मीडिया पर लगातार एक्टिव रहने से बच्चों में मानसिक तनाव, चिंता, और डिप्रेशन हो सकता है। बच्चों को अनजाने में अश्लील या हिंसक सामग्री दिख सकती है, जो उनकी मानसिक विकास और समझ पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है
आदेश नहीं माने पर लगेगा जुर्माना
विधेयक के मुताबिक माता-पिता की सहमति या पहले से मौजूद सोशल मीडिया अकाउंट्स के लिए कोई छूट नहीं दी जाएगी। इसकी बड़ी बात यह भी है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को खुद बच्चों को इन मंचों से दूर रखने का बंदोबस्त करना होगा। कानून बनने के बाद, प्लेटफॉर्म के पास प्रतिबंध को लागू करने के तरीके पर काम करने के लिए एक साल का वक्त होगा।इसमें कामयाब नहीं होने पर उन्हें भारी जुर्माना भरना पड़ेगा। कुल 32.5 मिलियन डॉलर यानी 270 करोड़ का जुर्माना।
बच्चों का ऑनलाइन स्क्रीनिंग टाइम
बच्चों का सोशल मीडिया पर आधिकारिक समय व्यतीत होता है वह ज्यादातर समय मोबाइल पर व्यतीत करते हैं आउटडोर गेम खेलते ही नहीं है जिसकी वजह से उन्हें कई प्रकार के शारीरिक समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है कई प्रकार की बीमारियां उत्पन्न हो जाती हैं कि बच्चों को स्वस्थ रहने के लिए जरूरी है कि वह आउटडोर गेम खेले।
एक सर्वे में पाया गया है कि बच्चों का ऑनलाइन स्क्रीन टाइम बढ़ता जा रहा है जो कि इस प्रकार है –
- बच्चों में सोशल मीडिया की लत। 61%
- ऑनलाइन गेमिंग की लत 52%
- 1 से 3 घंटे रोजाना मोबाइल पर चैट। 39%
यदि बच्चे डिजिटल मीडिया का सही तरीके से प्रयोग करें यानी कि वह मोबाइल से पढ़ाई करें अच्छे कंटेंट देखें जिससे उनके मस्तिष्क का ग्रोथ हो उनका डेवलपमेंट हो तो यह उनके लिए सकारात्मक हो सकता है परंतु आज की पीढ़ी बदल रही है वह सकारात्मक की जगह नकारात्मक की ओर ज्यादा जा रही हैं। इन सब चीजों को देखते हुए ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने 16 वर्ष कम उम्र के बच्चों के सोशल मीडिया प्रयोग पर पूरी तरीके से बैन लगा दिया गया है और यह बिल संसद में पूर्ण बहुमत से पारित हुआ है।
वर्ष 2025 से लागू होगा नया कानून
सोशल मीडिया पर अकाउंट बनाने से पहले देनी होगी यह इनफॉरमेशन (जानकारी)
- एक टिकटॉक फेसबुक स्नैपचैट इंस्टाग्राम में यूजर्स को अपनी उम्र बतानी होगी।
- एडवांस वेरिफिकेशन तकनीकी बनाई जाएगी।
- कानून तोड़ने पर $32M डॉलर का जुर्माना लगेगा।
- आयु प्रमाण के लिए नहीं देने होंगे सरकारी दस्तावेज।
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