मौनी अमावस्या माघ महीने की कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मनाई जाती है । सनातन धर्म में ऐसा माना जाता है कि मौनी अमावस्या के दिन मौन रहकर शांत मन से ईश्वर की आराधना की जाती है एवं गंगा स्नान करके दान पुण्य किया जाता है जिससे पूर्ण फल की प्राप्ति होती है सारे पाप समाप्त हो जाते हैं। वर्ष 2025 में मौनी अमावस्या 29 जनवरी को पड़ी है।
मौनी अमावस्या मनाने का कारण
मौन का महत्व: जिस दिन मां को शांत करने और आत्मा की आंतरिक शक्ति को जागृत करने का प्रयास किया जाता है।
आत्म शुद्धि: मोहन रहकर व्यक्ति आत्मा शुद्ध करता है और नकारात्मक विचारों से मुक्ति पता है।
धार्मिक महत्व: सनातन धर्म के अनुसार यह दिन देवताओं को समर्पित होता है
सनातन धर्म के अनुसार पौराणिक तथ्य
सनातन धर्म के अनुसार मौनी अमावस्या के दिन महाकुंभ में अमृत स्नान करने का सौभाग्य मिलता है। अमृत स्नान से तात्पर्य है कि जब समुद्र मंथन हो रहा था तब अमृत की चार बूंदे भारत भूमि के चार स्थानों पर गिरी थी। यह स्थान है प्रयागराज ,उज्जैन, नासिक, हरिद्वार। यह वह चार स्थान है जहां पर महाकुंभ के द्वारा अमृत स्नान करने का सौभाग्य मिलता है। ऐसा माना जाता है महाकुंभ में अमृत स्थान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है एवं पापों से मुक्ति प्राप्त मिल जाती है।
महाकुंभ की गणना
महाकुंभ प्रत्येक 12 वर्ष के बाद पड़ता है। जबकि अर्ध कुंभ 6 साल के बाद मनाया जाता है। इस वर्ष महाकुंभ पूर्ण 12 महाकुंभों के बाद पड़ा है इसलिए इसे 144 वर्ष बाद वाला पूर्ण महाकुंभ कहा जा रहा है।
6 वर्ष = अर्ध कुंभ
12 वर्ष = महाकुंभ
12 महाकुंभ=1 पूर्ण महाकुंभ (12*12=144 वर्ष)
ऐसा माना जा रहा है कि दोबारा पूर्ण महाकुंभ 2169 में पड़ेगा।
माघ मास की अमावस्या या मौनी अमावस्या एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है, जो पाप धोने और मोक्ष पाने का दिन माना जाता है। इस दिन लोग विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लेते हैं, जिनमें स्नान, दान और अपने पितरों का तर्पण शामिल हैं।
मौनी अमावस्या का महत्व:
मौनी अमावस्या को हिंदू धर्म में बहुत महत्व दिया जाता है। इस दिन को पाप धोने और मोक्ष पाने का दिन माना जाता है। लोग इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करते हैं और अपने पितरों का तर्पण करते हैं।
महाकुम्भ में अमृत स्नान:
मौनी अमावस्या के दिन महाकुम्भ में अमृत स्नान का विशेष महत्व है। लोग इस दिन पवित्र संगम में स्नान करते हैं और अमृत स्नान के लिए जाते हैं। कहते हैं कि इस दिन पवित्र संगम में देवताओं का निवास होता है, इसलिए इस दिन कई लोग महाकुम्भ में अमृत स्नान के लिए जाते हैं।
मौनी अमावस्या की कथा:
मौनी अमावस्या की कथा के अनुसार, इस दिन भगवान विष्णु ने अपने अवतार में पापों को धोया था। इसलिए, इस दिन लोग पाप धोने और मोक्ष पाने के लिए स्नान और अन्य धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लेते हैं।
मौनी अमावस्या पर तीन काम जरुर करना चाहिए
मौनी अमावस्या के दिन मौन स्नान,ध्यान और दान जरूर करना चाहिए इससे व्यक्ति को सभी पापा से मुक्ति मिल जाती है।
निष्कर्ष:
मौनी अमावस्या एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है जो पाप धोने और मोक्ष पाने का दिन माना जाता है। इस दिन लोग विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लेते हैं और पवित्र नदियों में स्नान करते हैं। महाकुम्भ में अमृत स्नान का विशेष महत्व है और लोग इस दिन पवित्र संगम में स्नान करते हैं।