मौसमी बुखार के कारण व उपाय
मौसमी बुखार (Seasonal Fever) वह बुखार है जो मौसम बदलने के समय, खासकर बरसात और सर्दी-गर्मी के बीच के संक्रमण काल में, अधिक फैलता है। इस दौरान शरीर का तापमान, वातावरण में बदलाव और संक्रमण फैलाने वाले जीवाणु या वायरस, हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता पर असर डालते हैं।
मौसमी बुखार होने के कारण
1. मौसम में अचानक बदलाव – तापमान का उतार-चढ़ाव शरीर के तापमान को संतुलित रखने की क्षमता को कमजोर कर देता है।
2. वायरल और बैक्टीरियल संक्रमण – बारिश, नमी और गंदे पानी से संक्रमण फैलने की संभावना बढ़ जाती है।
3. कमज़ोर प्रतिरोधक क्षमता – जिनकी इम्यूनिटी कम है, उन्हें मौसम बदलते ही बुखार जल्दी पकड़ लेता है।
4. गंदा या दूषित पानी पीना – इसमें मौजूद बैक्टीरिया और वायरस पेट और शरीर को संक्रमित करते हैं।
5. भीड़-भाड़ वाली जगह पर जाना – संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से वायरस फैलता है।
मौसमी बुखार के लक्षण
• शरीर का तापमान 100–103°F तक बढ़ जाना
• सिर में दर्द और आंखों में जलन
• गले में खराश या खिचखिच
• थकान और शरीर में कमजोरी
• कभी-कभी सर्दी, खांसी या नाक बहना
• जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द
बचाव के घरेलू उपाय
1. पानी उबालकर पीएं – दूषित पानी से बचें।
2. मौसमी फल और सब्ज़ियां खाएं – जैसे नींबू, संतरा, अमरूद, जिनमें विटामिन C अधिक होता है।
3. साफ-सफाई रखें – घर और आसपास कचरा व गंदा पानी जमा न होने दें।
4. भीड़-भाड़ से बचें – संक्रमण से दूरी रखें।
5. गुनगुना पानी पीएं और गरारे करें – गले के संक्रमण से बचाव के लिए।
जल्दी आराम पाने के घरेलू नुस्खे
1. तुलसी और अदरक की चाय – शरीर को गर्म रखती है और वायरस से लड़ती है।
2. गिलोय का काढ़ा – इम्यूनिटी बढ़ाकर बुखार को कम करने में मदद करता है।
3. हल्दी वाला दूध – एंटीसेप्टिक गुणों से संक्रमण से लड़ता है।
4. धनिये का पानी – शरीर को ठंडक और ताकत देता है।
5. पानी की कमी न होने दें – नारियल पानी, सूप या नींबू पानी लेते रहें।
💡 महत्वपूर्ण: अगर बुखार 2–3 दिन में कम न हो, तेज़ी से बढ़े या लगातार कमजोरी और सांस लेने में परेशानी हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें