बहुत समय पहले की बात है। यमराज, मृत्यु के देवता, धरती पर आए और अपनी बहन यमुनाजी के घर पहुँचे। यमुनाजी को अपने भाई की प्रतीक्षा थी। उसने साफ-सफाई की, घर को सजाया और विशेष पकवान बनाए।
भाई यमराज वहाँ पहुँचते ही आश्चर्यचकित हो गए। यमुनाजी ने भाई का स्वागत बहुत प्यार से किया, उनके पैर छुए और उन्हें बैठाया। उसने उन्हें सर्वश्रेष्ठ भोजन परोसा और मिठाइयाँ दीं।
यमराज को देखकर सभी देवता भी खुश हुए, लेकिन यमराज ने अपने बहन से कहा:
> “बहन, तुम्हारा यह प्रेम और सत्कार देखकर मुझे बहुत खुशी हुई। मैं वचन देता हूँ कि जो बहन अपने भाई की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करेगी,
उसके भाई का जीवन सुरक्षित और खुशहाल रहेगा।”
तब से यह परंपरा चली आ रही है। हर साल भाई दूज पर बहन अपने भाई के माथे पर तिलक करती है, उसे मिठाई खिलाती है, और उसकी सुख-शांति और लंबी उम्र की कामना करती है। भाई भी अपनी बहन को उपहार देकर उसकी खुशियों का ध्यान रखता है।
कथा का संदेश:
भाई दूज भाई-बहन के प्यार, सम्मान और सुरक्षा का प्रतीक है।
यह त्यौहार यह याद दिलाता है कि रिश्ते में प्रेम और देखभाल बहुत जरूरी है।
भाई-बहन का यह प्यार हमेशा मजबूत और अटूट बना रहे।

 
									 
					
