नाग पंचमी का त्योहार पूरे भारत में बहुत ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस दिन लोग साँपों की पूजा करते हैं और उन्हें दूध और अनाज चढ़ाते हैं।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि नाग पंचमी के पीछे की कहानी क्या है?
यह कहानी एक छोटे से गाँव की है, जहाँ एक गरीब किसान रहता था। उसका नाम शंकर था और वह अपने परिवार के साथ खेत में काम करता था। शंकर के पास एक छोटा सा खेत था, जहाँ वह अनाज उगाता था।
एक दिन, जब शंकर खेत में काम कर रहा था, तो उसने एक साँप को देखा। साँप बहुत भूखा था और शंकर के पास आ गया। शंकर ने साँप को देखा और उसे अपने घर ले गया।
शंकर की पत्नी ने साँप को देखा और डर गई। लेकिन शंकर ने कहा, “इस साँप को हमारे घर में रहने दो, यह हमारे परिवार की रक्षा करेगा।”
साँप शंकर के घर में रहने लगा और शंकर के परिवार की रक्षा करने लगा। एक दिन, साँप ने शंकर के परिवार को बताया कि वह एक नाग देवता है और वह शंकर के परिवार की रक्षा करने के लिए आया है।
शंकर का परिवार साँप की बात मान गया और साँप की पूजा करने लगे। उन्होंने साँप को दूध और अनाज चढ़ाया और साँप की पूजा की।
इस तरह, शंकर का परिवार सुखी और समृद्ध हो गया। और हर साल नाग पंचमी के दिन, वे साँप की पूजा करते थे और उनके परिवार की रक्षा के लिए प्रार्थना करते थे।