मां के बिना जिंदगी वीरान होती है
तन्हा सफर में हर राह सुनसान होती है।
जिंदगी में मां का होना जरूरी है,
मां की दुआओं से ही हर मुश्किल आसान होती है
मां सभी की स्पेशल होती है मातृ दिवस वह स्पेशल दिन होता है, जो केवल अपनी मां के लिए नहीं बल्कि भारत की सभी मांओं को समर्पित है। मातृ दिवस अर्थात मदर्स डे यहां हर साल मई के महीने में दूसरे रविवार को मनाया जाता है भारत में मदर्स डे 8 मई 2022 को मनाया जाए जा रहा है।
कहते हैं कि भगवान हर जगह नहीं पहुंच सकते इसलिए उन्होंने स्वयं के रूप में धरती पर मां को बनाया है मां भगवान का दूसरा रूप होती है । मां हर बच्चे की पहली शिक्षिका होती है बच्चे की शक्ति होती है बच्चे के लिए एक डॉक्टर होती है बच्चे के लिए एक नर्स होती है बस सब कुछ बन जाती है
इस धरती पर मां स्थान कोई भी नहीं ले सकता मा शक्ति देती है मां बच्चे का आत्मविश्वास पढ़ाती है उस को प्रोत्साहित करती है इस दुनिया में यदि आपके साथ कोई निस्वार्थ भाव से कुछ करता है तो वह है केवल आपकी मां जिसे आप से कोई लालच नहीं है। दुनिया में मां के बराबर प्यार और पप्रवाह कोई और कर ही नहीं सकता । मां एक ऐसी दाती है जो बदले में किसी भी चीज की उम्मीद नहीं करती है बच्चों के प्रति भक्ति अतुलनीय प्रेम की देवी है मां।
जाने मदर्स डे मनाए जाने का इतिहास
भारतीय संस्कृति ने हमेशा माताओं के लिए एक विशेष स्थान पर जोर दिया है पहली बार मातृ दिवस मनाया जाने का विचार 1900 की शुरुआत में आया था 1908 में अमेरिका में अन्ना जार्विस नाम की एक महिला ने पहली बार अपनी मां की याद में इसे मनाने का फैसला था।
उसे कुछ समय बता समय के बाद अमेरिका के कई हिस्सों में से मदर्स डे के रूप में मनाया जाने लगा 1914 में अमेरिकी राष्ट्रपति को राष्ट्रीय अवकाश घोषित करने का निर्णय लिया। मां की तारीफ के लिए शब्द की आवश्यकता नहीं है क्योंकि मस्त शब्दों से परे है वह दुनिया की एक ऐसी मूर्ति है जिसकी अन्य सभी शक्तियां मौजूद हैं दया, ममता, प्रेम, भाव की अद्भुत मूर्ति होती है मां।
मदर्स डे कैसे मनाए
हर मां अपने बच्चों और परिवार द्वारा उसे समर्पित दिन की हकदार होती है । वह सभी को एक साथ रखने के लिए कड़ी मेहनत करती है सभी को प्रोत्साहित करती है मां को मानने के लिए सिर्फ 1 दिन ही काफी नहीं है बल्कि मां के लिए तो हर दिन स्पेशल होता है।
रोज के व्यस्त कार्य से समय निकालकर थोड़ा वक्त अपनी मां के साथ बिताना चाहिए । उनसे उनकी इच्छा पूछे उनके दुख दर्द को बांटे।
मां को बाहर घुमाने ले जाएं और उनको उनकी पसंदीदा चीज खिलाए।

इस बच्ची को अपनी मां को दुनिया जानती सस्ती भी चाहिए क्योंकि जो खुशियां दूसरों के लिए ढूंढते हैं कई बार हमारी मां उस खुशी से वंचित रह जाती है क्योंकि बड़े होने पर हम अपनी मां को अनदेखा करने लगते हैं उसके प्यार को भूल जाते हैं। जो हमें नहीं करना है और इस मदर्स डे पर संकल्प लेना है कि अपनी मां को कभी दुख नहीं पहुंचने देंगे