मैं कहता हूं,मैं बढ़ता हूं
मैं नभ की चोटी पर चढ़ता हूं।
कुचला जाकर भी धूली सा
आँधी से और उमड़ता हूं,
मेरा जीवन ललकार बने
असफलता ही असि धार बने।
इस निर्मम रण में
पग -पग रुकना ही मेरा वार बने।।
” अज्ञेय”
एक बार की बात है कि एक आदमी भटकते भटकते रेगिस्तान पहुंच जाता है, उसके पास खाने-पीने की थोड़ी बहुत वस्तुएं होती है। परंतु आगे बढ़ते-बढ़ते समय के साथ-साथ वो सब भी समाप्त हो जाती है। वह व्यक्ति चलते-चलते बहुत थक जाता है , जिससे उसकी आधी वस्तुए रास्ते मे ही छूट जाती है।
वह आदमी पानी की तलाश में इधर-उधर भटकता रहता है, परंतु उसे कहीं भी पानी दिखाई नहीं देता है। वह प्यास से व्याकुल होने लगता हैं। और पानी को खोजते- खोजते वह बहुत दूर तक निकल जाता है।उसे वहां से बाहर निकलने का रास्ता भी नजर नही आता है। हर बार मात्र एक ही चीज ही उसके हाथ लगती थी और वो थी निराशा और हताशा, आगे बढ़ते- बढ़ते पानी न मिलने पर जब वह थक गया तो जमीन पर गिर पड़ा ।
इधर उधर नजर दौड़ाने पर उसे दूर एक झोपड़ी दिखाई पड़ती है,वह वहां जाता है और इधर से देखने लगता है कि यहां पर कौन है ?परंतु वहाँ उसे कोई भी व्यक्ति दिखाई नहीं देता है । कुछ देर बाद वहीं पास में उसे एक नल दिखाई पड़ता है जब वह जाकर उसे चलाता है और पानी निकालने का प्रयास करता है,लेकिन उसमें से एक भी बूंद पानी नहीं निकलता जिससे वह और भी बहुत ज्यादा हताश भी महसूस करने लगता है.. उसके बाद वह जब दोबारा झोपड़ी के अंदर जाता है ,तो उसे वही पर पानी से बोतल भरी हुई एक बोतल दिखाई पड़ती है जो की पास में ही ऊपर टंगी हुई होती है। जिसे देखकर वह व्यक्ति बहुत अधिक प्रसन्न होता है और सच्चे दिल से भगवान को धन्यवाद करता है। बोतल को नीचे उतारता है, जिस पर उसे एक चिट्ठी लगी हुई उसे मिलती है। पानी पीने से पहले वह आदमी पहले उस चिट्टी को पढ़ता है , उसमें लिखा होता है कि इस पानी को पीना नहीं है बल्कि नल में डालना है।
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इसके बाद नल से पानी निकल आएगा जिसे पीकर तुम अपनी प्यास बुझा सकते हो, परंतु दोबारा इस पानी की बोतल को भरकर वहीं पर टांग देना।
व्यक्ति सोचने लगता है कि यदि मैंने इस पानी को नल में डाल दिया और पानी नहीं निकला तो मैं पानी कैसे पिऊंगा ।इसलिए वह निर्णय कर है कि पहले वह आपनी प्यास बुझायेगा।
परंतु कुछ देर बाद सोचने के बाद वह सोचता है कि नहीं मैं वही करूंगा जो इस चिट्ठी में लिखा है वह वैसा ही करता है और पानी लेकर नल में डाल देता है और नल को चलाता है।जिससे उसमे से धारदार पानी खूब तेजी से निकलने लगता है। बहुत प्रसन्न होता है और जी भर के पानी पीता है और पुनः उसी चिट्ठी में लिखे अनुसार के अनुसार उस पानी को पानी से भर कर वहीं पर टांग देता है।
कुछ देर बाद उसे वहाँ एक और बोतल दिखाई पड़ती है परंतु वो बिल्कुल खाली थी , लेकिन उसके अंदर एक चिट्ठी लिखी हुई रखी है ,जब वह उसे निकालकर खोलता है तो उसे उसमे रेगिस्तान से बाहर निकलने का रास्ता मिलता है जिसे देखकर बहुत ही खुश हो जाता है और वह सोचता है कि उसकी जिंदगी अब बच जाएगी।
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और अब वह आसानी से अपने घर पहुंच जाएगा परंतु उसी के साथ में उसमें एक विशेष शर्त भी लिखी होती है कि इस नक्शे को दोबारा उसी बोतल में डाल कर उसे वही टांग दे और रास्ता याद करके अपने घर चला जाएं। वह व्यक्ति ऐसा ही करता है और उस बोतल में चिट्ठी को डाल करके वही टांग कर वहां से चला जाता है।
वह आदमी जो झोपड़ी से बाहर चला जाता है और वापस उसी झोपड़ी में फिर लौटकर आता है और वहां पर एक ईंट उठाकर जमीन पर लिखता है कि यह सब सच होता है भरोसा कीजिए।
दोस्तों , ये कहानी एकदम सच पर आधारित है।साथ ही यह हमारे जीवन से संबंधित हैं ,क्योंकि जब हम सभी लोग किसी एग्जाम की तैयारी करते है और बहुत पढ़ाई व मेहनत करने के बाद भी हमको सफलता नही मिलती है तो हम लोग हिम्मत हार जाते हैं, निराश हो जाये है। यहाँ तक कि लोगो को लगने लगता है कि जीवन ख़त्म हो गया कुछ भी अब शेष नही रह गया। यानी कि अब हम सफल नहीं हो सकते है।
तो दोस्तो ,उस वक्त उस हारे हुए व्यक्ति को जो मोटिवेशन मंत्र , अध्यात्म का मंत्र मिलता है,वह उस बोतल में रखे पानी के समान ही है जिसे आपको नल में डालकर उसमे से पानी निकलता है अर्थात उस मोटिवेशनल व अध्ययन मंत्र को अपने कर्म के साथ मिलाकर के मेहनत रूपी नल को और तेजी से चलाना है। जिससे आपको सफलता रूपी पानी की धारा मिलेगी।
लेकिन आपको करना क्या है कि इस ज्ञान की बात को वापस वही पहुंचाना है जिससे और भी लोगों को फायदा मिल सके अर्थात उस मोटिवेशनल मंत्र, अध्यात्म मंत्र का। यह जो अध्यात्म एवं मोटिवेशन का मंत्र है जो आपके कर्म के साथ मिल कर आपको सफलता दिला रहा है । उसे आप अन्य लोगों तक भी पहुचाइए ताकि इसका अन्य लोगो को भी इसका लाभ मिल सके और वो भी सफलता के शिखर पर पहुँच सके ।
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साथ ही दोस्तो, जिंदगी में आपको जब कभी आगे बढ़ने का सही रास्ता मिल तो उसे याद रखना है। साथ ही उस पर आगे बढ़ना है रुकना नहीं है।
यकीन मानिए ये सब काम आता है, सच होता है,कि जब आप बहुत निराश होते हैं और उस समय यदि आपको कोई मोटिवेशन या ज्ञान का कोई ज्ञान मंत्र मिल जाता है तो आपका आत्मविश्वास दुगना हो जाता है। जिससे आप पुनः एक बार फिर से उसी पथ पर चलने के लिए अग्रसर हो जाते हैं जो आपको आपके लक्ष्य तक पहुचायेगा।
क्योंकि कहते है-
” जिंदगी एक संघर्ष है ,संघर्ष जिंदगी नहीं है।
आपको जिंदगी में सफल होने के लिए मेहनत करना है, मेहनत करने के लिए सफल नहीं होना है।”
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