खुशी उस बेहतरीन चंदन की भांति है, जिसे आप दूसरों के मस्तिष्क पर लगाएंगे
तो आपकी उंगलियां स्वयं महक उठेंगी।।
दोस्तों, यहां पर मेरा यह कहने का अभिप्राय ये है कि यदि आप खुशियों को दूसरों के साथ बांटते हैं तो आपको स्वयं प्रसन्नता महसूस होगी। यदि आप किसी के लिए कुछ करते हैं, किसी की मदद करते हैं तो सच मानिए आपके मन में आंतरिक रूप से सकारात्मक विचार उत्पन्न होंगे और आपको प्रसन्नता होगी।
आखिर खुशी है क्या?
बौद्ध भिक्षु मैथ्यू रिकॉर्ड कहते है कि इंसानी दिमाग में खुशी को लेकर एक खास सिस्टम होता है। डोपामाइन, ऑक्सीटॉसिन, सेरोटोनिन और एंडीफिंस खुशी पैदा करने वाले हार्मोन है। यही वे हार्मोन से जो अलग-अलग स्थितियों में दिमाग में बने खुशी के क्षेत्र में अपनी मात्रा को कम या ज्यादा करके खुशी को बढ़ाते या घटाते रहते हैं।

कुछ लोग सोचते हैं कि अगर वे किसी खास लक्ष्य को हासिल कर लेंगे तो उन्हे खुशी मिल जाएगी। मसलन अपना घर अच्छा, जीवनसाथी या फिर कोई खास नौकरी अथवा तनख्वाह। जबकि,
मजेदार बात यह है कि अधिकतर हिंदू यूरोपीय भाषाओं में हैप्पी शब्द लकी शब्द से आया है । शायद खुशी को लेकर पुरखों का नजरिया हमसे अलग था । हमें लगता है कि अच्छी जिंदगी के लिए खुशी जरूरी तत्व है ।वही हमारे पूर्वज मानते हैं कुछ नसीब वालों को ही खुशी मिलती है। जिंदगी में खुशी कोई ऐसी अलग चीज नहीं है जिससे जीवन बेहतर हो जाए।यह तो आपकी सकारात्मक सोच पर निर्भर करता है। हम जो कुछ भी करते हैं उस से ही हमे खुशी का अनुभव होता है। जैसे – लोग छोटी-छोटी खुशियों को नजरअंदाज कर देते हैं परंतु यदि हम छोटी-छोटी खुशियों में ही अवसर ढूंढे तो हमें अपार खुशी प्राप्त हो सकती है।

छोटी-छोटी खुशियों को ना करे नजरअंदाज ….
जिंदगी में यदि ऊंचा मुकाम हासिल करना है तो छोटी-छोटी खुशियों से प्रसन्न होना सीखे, उन्हें नजरअंदाज ना करें। नई और मजेदार चीजें सीखना, अपने लक्ष्य तय करना और फिर उन्हें प्राप्त करना, रिश्तो को सहेजकर रखना, दूसरों के साथ खुशी बांटना, दूसरों की मदद करना और अपने जीवन के दायरे के बाहर जिंदगी का मकसद तलाश करना। इन सब में जो संतोष मिलता है, असल में वही हमारी खुशी है।
सच मानिए, तो जब हम दूसरों की मदद करते हैं तो जो संतुष्टि प्राप्त होती है वह हमारी खुशी में चार चांद लगा देती है।

जीवन रस का आनंद करुणा और सहानुभूति का भाव पैदा करने में है।
हैप्पीनेस: ए गाइड टू डेवलपिंग लाइव्स मोस्ट इंपोर्टेंट स्किल बुक क्या है?
ओ बायोकेमिस्ट्स ए बौद्ध भिक्षु बने मैथ्यू रिकॉर्ड ने अपनी इस किताब happiness a guide to developing life most important skill में उन्होंने सब कुछ कह दिया अर्थात खुशी क्या है और हमें कैसे प्राप्त होती है?
किताब का शीर्षक ही अपने आप में सब कुछ कह देता है हमें डेवलपिंग और स्किल शब्दों पर ज्यादा गौर देने की जरूरत नहीं है। उन्हें दो बातों को निखारने पर काम करने की भी जरूरत है।
वे कहते हैं कि खुशी सुखद अनुभव की अंत हीन खोज नहीं है यह तो थकावट के लिए किसी नुस्खे या दवाई जैसी लगती है। खुशी होने का बड़ा माध्यम तो आपकी भीतर ही है। अगर आप सभी के लिए उदार भाव रखेंगे एवम सकारात्मक विचार रखेंगे तो अंदर से शांति का अनुभव होगा और आप प्रसन्नता महसूस करेंगे।
खुश रहना भी है एक बेहतरीन हुनर
खुश रहना भी अपने आप में एक हुनर है, जिन्हें मन को ट्रेनिंग देकर सिखाया जा सकता है। यदि आप अपने मस्तिष्क को नियंत्रित करना जानते हैं और उन्हें सही दिशा देना जानते हैं, तो सच में आपको अपने अच्छे कार्यों के द्वारा खुशी महसूस होगी।
हमेशा कोई भी व्यक्ति दुखी नहीं होना चाहता है। कोई नहीं चाहता कि उसका दिन बुरा गुजरे ।हम सभी बेहतरीन खुशी चाहते हैं । जरूरी है कि हम अपने मन को उसी तरह के काम करने को कहे ,जो हमारे भीतर खुशी, शांति और संतोष की भावना पैदा कर सके।

पॉजिटिव साइकोलॉजी पर एक रिसर्च के दौरान बताया गया कि एक सिंपल फार्मूला यह है कि लोग सोचते हैं कि हमें बड़ी सफलता प्राप्त होने पर ही खुशी मिलती है ,या हमारा प्रमोशन होने पर हमें खुशी मिलती है। लेकिन न्यूरोसाइंस की रिसर्च के द्वारा यह बात सामने आई है कि असल में इसका उल्टा है, मतलब जॉब में सफलता मिलेगी या नहीं। इसका 25% अंदाजा ,यक्ति के ज्ञान और IQ लेवल से ही लग जाता है ।बाकी इसका अंदाजा इस बात से है कि इंसान में कितना काम को लेकर उम्मीदें और जुनून है।
यदि सकारात्मक विचारों के साथ आगे बढ़ते हैं और आपके अंदर वास्तव में कुछ सीखने की जिज्ञासा है तो आप आगे बढ़ सकते हैं। फिर चाहे कितनी ही मुसीबतो या संघर्षों का सामना आपको क्यों ही ना करना पड़े ,परंतु आप खुश रहना नहीं छोड़ते। कुल मिलाकर बात यह है कि लोग कितने खुश रहेंगे इसका अंदाजा हम आप केवल 10% ही लगा सकते हैं। बाकी 90% इस बात से तय होता है कि आदमी का दिमाग इस दुनिया को किस तरह देखता है। जाहिर है कि खुशी आप की आंतरिक मन से उत्पन्न होती है ना कि बाह्य रूप से।
खुश रहने के लिए ऐसे करे काम

- आइए जानते हैं कि खुश रहने का सबसे अच्छा तरीका क्या है
- खुशियों को दूसरों के साथ बांटना सीखें
- दूसरों की मदद करें
- दिखावा ना करें
- अपनी तुलना कभी किसी के साथ ना करें
- माता पिता की सेवा करें उन्हें तकलीफ ना दे
- दिन में एक बार अपना पसंदीदा काम जरूर करें
- प्रतिदिन योग प्राणायाम करें
- खुद को समय दें और खुद का निरीक्षण करें
- कभी किसी को दुख ना पहुंचाएं
- दोस्तों दूसरों की मदद करने के पश्चात हमें जो प्रसन्नता महसूस होती है ऐसी प्रसन्नता हमें कहीं और किसी भी काम से नहीं सकती है। क्योंकि यदि आप स्वयं खाते हैं तो उससे शायद ही आपको खुशी हो परंतु यदि आप दूसरों को खिलाते हैं तो आप आप को अपार प्रसन्नता का अनुभव होगा ।
- तो जिंदगी का सिर्फ एक ही लक्ष्य ना चाहिए कि हमें स्वयं को भी खुश रखना है और अपनी तरफ से दूसरों को भी दुखी नहीं होने देना है। खुद को और खुद के साथ दूसरों के साथ खुशियों को बांटना भी एक विलक्षण प्रतिभा है।

तो जिंदगी का सिर्फ एक ही लक्ष्य ना चाहिए कि हमें स्वयं को भी खुश रखना है और अपनी तरफ से दूसरों को भी दुखी नहीं होने देना है। खुद को और खुद के साथ दूसरों के साथ खुशियों को बांटना भी एक विलक्षण प्रतिभा है।