प्रेरणादायक कहानी:
एक छोटे से गाँव में एक लड़का रहता था जिसका नाम अर्जुन था। अर्जुन का सपना था कि वह एक दिन एक सफल खिलाड़ी बनेगा और अपने देश के लिए पदक जीतेगा।
लेकिन अर्जुन के परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी। उसके पिता एक छोटे से किसान थे और उसकी माँ एक घरेलू महिला थीं।
अर्जुन ने अपने गाँव के एक सरकारी स्कूल में पढ़ाई की और वहां से उसने अपनी 12वीं कक्षा पूरी की। लेकिन अर्जुन को खेलों में बहुत रुचि थी और उसने अपने स्कूल के दिनों में ही खेलना शुरू कर दिया था।
अर्जुन ने अपने गाँव के एक कोच के साथ प्रशिक्षण लेना शुरू किया और उसने जल्द ही अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करना शुरू कर दिया।
लेकिन अर्जुन के जीवन में एक बड़ा बदलाव आया जब उसने एक दुर्घटना में अपना एक पैर खो दिया। अर्जुन को लगा कि उसका सपना अब कभी पूरा नहीं होगा।
लेकिन अर्जुन ने हार नहीं मानी। उसने अपने कोच के साथ मिलकर एक नई योजना बनाई और उसने अपने खेल को फिर से शुरू किया।
अर्जुन ने अपने खेल में इतनी मेहनत की कि उसने जल्द ही अपने देश के लिए पदक जीतना शुरू कर दिया। अर्जुन ने अपने देश के लिए कई पदक जीते और उसने अपने सपने को पूरा किया।
अर्जुन की कहानी हमें यह सिखाती है कि अगर हम अपने सपनों को पूरा करने के लिए मेहनत करें और हार न मानें, तो हम कुछ भी हासिल कर सकते हैं।