खास तौर पर किसी जज की छवि कानून का शक्ति से पालन करने और कड़े पैसे लेने पर होती है लेकिन हम आपको बता दे कि अमेरिकी जज फ्रेंड कैप्रियों की बात अलग ही थी, वह दुनिया के ऐसे जैसे जो अपनी दयालुता और इंसानियत बड़े फैसलों के लिए मशहूर थे। उनकी पहचान केवल एक जज के रूप में नहीं बल्कि सबसे दयालु जज के रूप में और इंसान के रूप में थी उन्होंने करीब 4 दशक तक न्याय की कुर्सी पर बैठकर पर बैठकर साबित किया कि कानून का पालन करते हुए भी इंसानियत और करुणा को सबसे ऊपर रखा जा सकता है। 88 वर्ष की उम्र में उनका निधन हो गया है जिसकी वजह से पूरी दुनिया भावुक उठी।
रोड आइलैंड के गवर्नर डैनी मैगी ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा
” कैप्रियो सिर्फ एक जज नहीं बल्कि
न्याय के साथ करुणा का प्रतीक भी थे “
राज्य में उनके सम्मान में झंडे आदि झुका दिए गए कैप्रियों ने 2023 में सेवा भारती सेवानिवृत्ति ली थी। फ्रैंक कैप्रियो लंबे समय से अग्नाशय कैंसर से जूझ रहे थे उनके बेटे ने इंस्टाग्राम पर भावुक हो कि संदेश लिखा कि पिताजी ने साहस और उम्मीद के साथ इस बीमारी का सामना किया काफी संघर्षों के बाद उनका निधन हो गया। आज हम सभी उनके निधन पर अत्यंत दुखी हैं।
अपने मानवीय व्यवहार के कारण फ्रैंक कैप्रियो थे मशहूर

फ्रैंक कैप्रियो का नाम तब दुनिया भर में गूंजा जब 2000 में उनका कोर्ट रूम रियलिटी टीवी शो कॉट इन प्रोविडेंस आया। इस शो में ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों और पार्किंग टिकट जैसी छोटी गलतियों पर मुकदमा सुनते थे लेकिन उनका अंदाजा अनोखा था वह कठोर दंड देने की जगह लोगों के हालात को समझते थे कभी बच्चों से सजा का निर्णय करवाते तो कभी आर्थिक तंगी झेल रहे लोगों का चालान माफ कर देते हैं। इसी मानवी व्यवहार ने उन्हें सोशल मीडिया पर सुपरस्टार बना दिया था लोग उन्हें दुनिया का सबसे अच्छा दिल वाला जज कहने लगे थे।
संघर्षों से भी तक का कैप्रियों का जीवन

प्रत्येक व्यक्ति को अपने संघर्षों के बाद ही बड़ी सफलता हासिल होती है बिना संघर्षों के किसी भी व्यक्ति को बड़ी सफलता नहीं मिलती है। ऐसे ही हमारे जज फ्रेंड कैप्रियों ने भी काफी संघर्षों के बाद उच्च सफलता हासिल की थी।
कैप्रियो ने कंपैशन इन दा कोर्ट लाइफ : चेंजिंग स्टोरीस फ्रॉम अमेरिकाज नायसेस्ट जज शीर्षक से आत्मकथा भी लिखी थी। फ्रेंड के प्रयोग का जीवन संघर्ष से भरा रहा 1936 में प्रोविंस रोड आइलैंड में जन्मे कैप्रियो ने बचपन में ही जूते पॉलिश करने और अखबार बांटने जैसा काम किया। शिक्षक की नौकरी करते हुए उन्होंने रात में लॉ की पढ़ाई की और अंततः 1985 में प्रोविडेंस म्युनिसिपल कोर्ट के मुख्य जज बने। कैप्रियो अपने पीछे न सिर्फ परिवार और दोस्त छोड़ गए बल्कि इंसानियत की वह विरासत भी छोड़ गए जो पीढ़ियों को याद दिलाती रहेगी की अदालत की कठोर दीवारों के बीच में इंसानी दिल धड़क सकता है।