Quad foreign Ministers meeting start:
क्वॉड का पूरा नाम है द क्वाड्रीलेटरल सिक्योरिटी डायलॉग है जिसे संक्षेप में Quad कहा जाता है । अब तक क्वाड की कई बैठकें संपन्न हो चुकी हैं इस बार 2022 में क्वाड देशों की यह दूसरी सफल बैठक होगी।
समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने इसकी जानकारी दी है कि इस बार क्वाड विदेश मंत्रियों की बैठक की मेजबानी ऑस्ट्रेलिया कर रहा है।
जाने कौन से देश शामिल है क्वाड में
जैसा कि आप सभी जानते हैं कि क्वाड देशों की यह चौथी बैठक है जिसकी मेजबानी ऑस्ट्रेलिया कर रहा है। यह बैठक ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न शहर में संपन्न होगी । क्वॉड देशों में भारत, अमेरिका ,जापान और ऑस्ट्रेलिया देश शामिल है। ऑस्ट्रेलिया की वर्तमान प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन के साथ चार देशों की बैठक हुई संपन्न।
क्वॉड मीटिंग में होती है विदेश मंत्रियों की बैठक
हम आपको बता दें कि स्क्वाड विदेश मंत्रियों की यह बैठक चौथी बैठक थी इस बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरीसन, ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री मारिश पायने ,जापान के विदेश मंत्री योशिमासा हयाशी और अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के साथ हिस्सा लिया।
बैठक की शुरुआत में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने क्वाड देशों के बीच अच्छे रिश्ते को लेकर प्रशंसा की तथा विदेश मंत्री ने कहा-” मुझे लगता है कि क्वाड देशों ने अपने काम व नीतियों से अपने आपसी संबंधों को सशक्त व मजबूत किया है “ यदि हमारे द्विपक्षीय संबंध मजबूत रहे हैं निश्चित रूप से मुझे उम्मीद है कि हमारे द्विपक्षीय संबंधों में हुई प्रगति क्वाड देशों के विकास के रूप में उभर कर सामने आयेंगे । जापानी विदेश मंत्री योशिमासा ने कहा कि जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा इस साल की पहली छमाही में क्वाड नेताओं की दूसरी व्यक्तिगत बैठक की मेजबानी करने के लिए इच्छुक हैं।
बात को आगे बढ़ाते हुए विधि भारतीय विदेश एस जयशंकर ने कहा कि सितंबर में ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री ,भारत के प्रधानमंत्री ,अमेरिका के राष्ट्रपति व जापान के प्रधानमंत्री ने मिलकर एक वजन को लेकर हमारा मार्गदर्शन किया था जिसे लेकर हम आगे बढ़ रहे हैं साथ ही में आपको बता देना चाहते हैं कि वर्तमान में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बिडेन, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरीसन ,भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा है । परंतु क्वाड के रूप में इस देशों का प्रतिनिधित्व इन सभी देशों के विदेश मंत्री के द्वारा किया जाता है।
जाने क्या बातचीत हुई क्वाड बैठक में
क्वॉड बैठक के प्रारंभ में ही भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बातचीत में कहा कि फरवरी 2021 में हमारी पिछली बातचीत के बाद से भूख राजनीतिक और भारतीय वैश्विक परिदृश्य अत्यधिक जटिल हो गया जहां पिछली महामारी के दौरान आर्थिक रूप से हमारी जनता को कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ा वही हमारे देश में का प्रमुख लोकतंत्र के रूप में हम क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता कानून के शासन पारदर्शिता अंतरराष्ट्रीय संबंधों में नेविगेशन की स्वतंत्रता और शांतिपूर्ण समाधान के लिए सम्मान के आधार पर एक नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को बनाए रखने की हमारी साझा दृष्टि का अनुसरण करते हैं ,जिससे हम प्रगति की ओर बढ़ रहे हैं।
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए भी कहते हैं कि जैसा की महामारी में हमें प्रभावित कर रही है हमारे वैश्विक स्वास्थ्य सुरक्षा ,क्वाड वैक्सीन पहल और सामूहिक वैक्सीनेशन वितरण प्रणाली को संबोधित करने के लिए सामूहिक प्रयास किए गए हैं । जिस प्रकार महामारी का विश्व के कई देशों ने इन चुनौतियों का सामना किया है उसी प्रकार भारत ने भी इस चुनौती का डटकर सामना किया और जिसमें भारत के नागरिकों का विशिष्ट योगदान रहा साथ ही साथ क्वार देशों ने मिलकर भी इस जंग को आपस में मिलकर जीतने का प्रयास किया।
जाने और क्या हुई खास चर्चा
अमेरिका की विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि हम एक साथ यह प्रदर्शित करते हैं कि हम अपने सभी लोगों को लाभ पहुंचाने में प्रभावी हैं । उन्होंने आगे कहा कि हम जब एक साथ होते हैं तो मेरे लिए बहुत ही बड़ी हैरानी वाली बात होती है क्योंकि क्वॉड उन देशों का एक समूह है जो किसी के खिलाफ होने के लिए साथ नहीं आया बल्कि हम जैसे हैं उसे लेकर हम साथ चल रहे हैं । यह सरल रूप से स्वतंत्र खुला हिंद प्रशांत हैं। आज की बैठक प्रगति पर निर्माण के बारे में है , यह एक कोविड महामारी को एक साथ खत्म करने का एक प्रयास है ।
इसके अलावा हम 2022 के अंत तक वैक्सीन की एक अरब डोज का उत्पादन करने के अपने लक्ष्य की दिशा में भी प्रगति कर रहे हैं।
ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री मॉरिस पायने का कहना था कि क्वाड एक साझेदारी है जो खुलेपन , पारदर्शिता, व्यवहारिक सहयोग के लिए प्रतिबद्ध हैं ताकि कोविड-19 और क्षेत्रीय सुरक्षा के सामने क्षेत्रीय सुधार का समर्थन किया जा सके। यह दिखाता है कि हिंदू प्रशांत सहयोगियों की प्राथमिकताओं का समर्थन करने के लिए चार लोकतंत्र क्या कर रहे सकते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि ऑस्ट्रेलिया के लिए भारत, जापान अमेरिका हमारे सबसे करीबी साझेदार हैं। हिंद प्रशांत प्रशांत में रणनीतिक प्रतिस्पर्धा के जवाब में हम अपने क्षेत्र में राष्ट्रों से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों पर प्रतिक्रिया को बढ़ाने और समन्वय करने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं।