विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी WHO ने वर्ष 2021 में मलेरिया के पहले टीके को मंजूरी दी। मलेरिया की पहले टीके का नाम RTS,S/AS01 था । हम आपको बता दे कि WHO ने दूसरे टीके को भी मंजूरी हुए WHO के डायरेक्टर जनरल डॉक्टर ट्रेडोस एडानोम ने कहा कि हमारा फोकस दुनिया में मलेरिया वैक्सीन पहुंचाने के लिए इसकी फंडिंग पर है ताकि का हर जरूरत मंद तक पहुंच सके और लोग इस बीमारी से बच सके । इसके बाद संबंधित देशों की सरकारें तय करेंगी कि वह मलेरिया को कंट्रोल करने के उपाय में वैक्सीन को किस तरह से शामिल करती हैं । उन्होंने कहा कि हम यह नहीं कह सकते हैं कि दोनों टीको में कौन ज्यादा असरदार है बल्कि दोनों ही प्रभावी है। मलेरिया फैलाने वाले पांच परजीवी में सबसे खतरनाक प्लाज्मोडियम फलसीपेरम है। यह वैक्सीन प्लाज्मोडियम फलसीपेरम को भी बे असर करने वाली है।
दुनिया में मलेरिया की दूसरी टीके को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने यह कहते हुए पूर्ण रूप से मंजूरी दी कि दुनिया को मलेरिया से मुक्त करना है। इस खोजे गए दूसरे ने टीके का नाम R21/Matrix-M हैं। इस टीके की एक डोज की कीमत 166 रुपए है से लेकर 332 रुपए के बीच है। इस वैक्सीन को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने खोजा हैं।दुनिया की सबसे बड़े वैक्सीन निर्माता भारत का सीरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया इसे बना से बना रहा है फिलहाल घाना, नाइजीरिया और बुर्किना फासो में मलेरिया की टीके का इस्तेमाल किया जा रहा है।