इसरो ने गुरुवार को पीएसएलवी सेन 59 रॉकेट के जरिए प्रो 3 मिशन को सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया है। इसरो का यह मिशन श्रीहरिकोटा धवन केंद्र स्पेस सेंटर से भेजा गया है यह मिशन पोलर सैटलाइट लॉन्च व्हीकल यानी पीएसएलवी (PSLV )से लांच किया गया है।
क्या है PROBA – 3 मिशन
इसरो ने इस वर्ष PROBA – 3 मिशन लॉन्च किया है इसके पहले इसरो PROBA – 1 और PROBA-2 भी लॉन्च कर चुका है। प्रोबा-3 (ऑनबोर्ड एनाटॉमी के लिए परियोजना) में दो उपग्रह शामिल हैं, जिसमें दो अंतरिक्ष यान एक साथ उड़ान भरेंगे, जो सूर्य के बाहरी वायुमंडल, कोरोना का अध्ययन करने के लिए एक मिलीमीटर तक सटीक गठन बनाए रखेंगे । इसरो की वाणिज्यिक शाखा न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड ने लॉन्च के लिए ईएसए से ऑर्डर प्राप्त किया है।
PROBA – 3 मिशन लॉन्च करने का उद्देश्य
प्रोबा-3 मिशन सूर्य के कोरोना का अध्ययन करने के लिए डिजाइन किया गया है। कोरोना सूर्य का बाहरी वातावरण है, जो सूर्य की सतह से कहीं ज्यादा गर्म होता है। यह अंतरिक्ष के मौसम का भी स्रोत है, जिससे यह वैज्ञानिकों के लिए खास रुचि का विषय है।
सूर्य का कोरोना क्या है?
सूर्य के वायुमंडल के सबसे ऊपरी हिस्से को कोरोना कहा जाता है। यह सूर्य की दृश्यमान सतह से कई हज़ार किलोमीटर ऊपर तक फैला हुआ है, जो धीरे-धीरे सौर हवा में बदल जाता है जो हमारे सौर मंडल से बाहर की ओर बहती है।
मिशन में सूर्य की गर्मी, सौर तूफान आदि के बारे में भी पता लगाएगा।इसके अलावा ये अंतरिक्ष मौसम की जानकारी भी देगा। यह मिशन दो साल का होगा।
PSLV रॉकेट ने एक बार फिर से रच दिया है इतिहास,इसरो के अध्यक्ष को मिली शुभकामनाएं….
प्रोबा-3 मिशन को शाम 4 बजकर 4 मिनट पर लॉन्च किया गया था, ये 1100 किलोमीटर की दूरी तय कर अपने टारगेट पर महज 19 मिनट में पहुंच गया। इसरो चीफ एस सोमनाथ ने कहा कि लॉन्चिंग पूरी तरह सफल रही। PSLV रॉकेट ने एक बार फिर इतिहास रच दिया, इस मिशन के पीछे काम कर रहीं सभी टीमों को बहुत बहुत शुभकामनाएं।
क्या होगा इसका फायदा
PROBA – 3 के जरिए वैज्ञानिक पता लगाना चाहते हैं कि कोरोना सूर्य की सतह से अधिक गर्म क्यों है और सौर हवा कैसे तेज होती है। हम आपको बता दे की कोरोना ग्राफ कोरोना और आसपास के वातावरण का स्टडी करेगा।