गया के वजीरगंज के साधारण परिवार में जन्मी और कोलकाता में पिता की जनरल स्टोर की दुकान से पढ़ाई करने वाली श्वेता भगत ने यूपीएससी परीक्षा पास कर गांव का नाम रोशन कर दिया है। शनिवार को गांव लौटने पर कुशवाहा भवन प्रांगण में ग्रामीणों ने भव्य स्वागत किया। फूल-मालाओं और जयकारों के बीच श्वेता एवं उनके परिजनों का सम्मान किया गया।
समारोह में पंचायत समिति सदस्य शशिभूषण प्रसाद और सम्राट अशोक कुशवाहा सेवा समिति के पूर्व अध्यक्ष पिंकू वर्मा ने कहा कि शिक्षा शेरनी का दूध है, जो पिएगा वही दहाड़ेगा. उन्होंने ग्रामीणों से अपील की कि आधी रोटी खाकर भी बच्चों को पढ़ाएं, क्योंकि शिक्षा के बिना सुखी जीवन संभव नहीं।
गांव से इंदौर तक का सफर

श्वेता ने बताया कि 10 साल की उम्र तक उन्होंने गांव के प्राथमिक विद्यालय में पढ़ाई की, फिर कोलकाता में मैट्रिक तक की शिक्षा पूरी की।
2023 में पहली बार यूपीएससी का फॉर्म भरते ही उन्होंने परीक्षा और इंटरव्यू दोनों पास कर लिये। अब वह गृह मंत्रालय के अधीन राजभाषा विभाग, इंदौर में कनिष्ठ अनुवाद अधिकारी (Junior Translation Officer) के पद पर कार्यरत हैं.
पढ़ाई में कभी कमी नहीं आने दी- श्वेता के पिता
श्वेता के पिता सुशील मालाकार ने भावुक होकर कहा कि वह कोलकाता में साधारण दुकान चलाते हैं, लेकिन बच्चों की पढ़ाई में कभी कमी नहीं आने दी। श्वेता के दादा राजकुमार मालाकार ने भी खुशी के आंसू छलकाते हुए कहा कि पोती की उपलब्धि से परिवार गर्वित है।
आशीर्वाद लेकर लौटीं
समारोह के अंत में श्वेता ने गांव के बुजुर्गों का आशीर्वाद लिया और कहा कि उनकी सफलता पूरे गांव की प्रेरणा है. उन्होंने युवाओं से कठिन मेहनत और निरंतर पढ़ाई जारी रखने की अपील की।