एक पंक्ति के माध्यम से हम अपनी बात प्रारंभ करना चाहते हैं –
दोस्तों जैसा कि आप सभी जानते हैं कि आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में हर व्यक्ति किसी न किसी समस्या से परेशान है । दुनिया में 80% व्यक्ति को चिंताओं ने घेर रखा है कोई भी व्यक्ति आज के समय में अपने आप को ज्यादा खुश नहीं बताता है ।आज के समय में खुश रहना एक सबसे बड़ी चुनौती बन गई है । समस्याएं चाहे कितनी ही गंभीर क्यों ना हो व्यक्ति को हर हाल में खुश रहना चाहिए ।
जैसा कि कहा भी गया है – ” स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मस्तिष्क निवास करता है।” यदि व्यक्ति का शरीर स्वस्थ नहीं होगा तो वह खुश नहीं रह सकता है चाहे कितनी ही क्यों ना उसके बाद अपार धन संपदा हो और स्वस्थ शरीर ना हो पाने के कारण उसको किसी प्रकार का जीवन का सुख नहीं प्राप्त हो सकता है। इसलिए हम सभी को हर हाल में खुश रहना चाहिए और अपनी तरफ से सभी को खुश करना चाहिए सदैव हंसते और मुस्कुराते रहिए और दूसरों को भी हंसाए यही जिंदगी का मूल मंत्र होना चाहिएक्योंकि समस्याओं का बखान दूसरों के सामने करने से समस्या खत्म नहीं होती बल्कि और ज्यादा बढ़ जाती हैं।
दोस्तों आज हम आपको एक छोटी सी कहानी के माध्यम से कुछ महत्वपूर्ण जानकारी देना चाहते हैं जिससे आप भी हमेशा खुश रहेंगे और दूसरों को भी खुश रख पाएंगे तो चलिए शुरू करते हैं अपनी यह कहानी जिसके माध्यम से हमने आप को खुश रहने के लिए प्रेरित करने का प्रयास किया है –
दक्षिण में एक बड़े संत हुए तिरुवल्लुवर एक बार एक गांव में पहुंचे तो वहां उस गांव वाले उनके दर्शन करने के लिए आने लगे गांव का मुखिया वसंत से मिलने पहुंचा यथोचित अभिवादन के बाद संत ने कहा कि मुझे बड़ी हैरानी हो रही है कि आज के समय में दुनिया में तो हर व्यक्ति बहुत ही परेशान है और वह अपने आप को प्रसन्न नहीं बताता है परंतु आश्चर्य की बात यह है कि आपकी इस गांव में सभी लोग बहुत ही ज्यादा प्रसन्न है कोई भी व्यक्ति दुखी नहीं है यहां तक हर शख्स के चेहरे पर एक शांति दिखाई देती है। इसकी क्या वजह है?
गांव के मुखिया ने बताया कि आपकी ही तरह एक महान संत हमारे गांव आए थे उन्होंने इसका इलाज बताया था कि अगर हम छोटी-छोटी बातों का विशेष ध्यान रखें तो हम खुश रह सकते हैं आपको पता है कि हमारे भी गांव में इसी प्रकार से छोटी-छोटी बातों पर वाद विवाद हो जाया करता था चारों तरफ सिर्फ अशांति का ही माहौल था परंतु उन संत ने हमें एक ऐसा तरीका बताया जिसके माध्यम से आज हमारे गांव में भी सुख शांति और समृद्धि है । भले ही हम बहुत ज्यादा अमीर नहीं है परंतु हृदय से और मन से हमें शांति है। हमें अपने आप में संतुष्टि महसूस होती है जिसकी वजह से आज हमारा गांव काफी खुश हाल है।
उन्होंने बताया कि पहले हमारे गांव में भी यदि कोई किसी को नजर भर देख भी लेता था तो भी उनके भी झगड़ा शुरू हो जाता था संत ने पूछा फिर यह परिवर्तन कैसे हुआ गांव के मुखिया ने बताया किहम लोगों ने उन संत के कहने पर छोटी-छोटी बातों पर वाद विवाद करना छोड़ दिया लोगों की नकारात्मक चीजों को ध्यान देना छोड़ दिया इस प्रकार से छोटी हम लोग एक दूसरे का सम्मान करने लगे और आज का हालात देख ही सकते हैं कि सभी लोग कितनी शांति से प्रेम पूर्वक साथ में रहते हैं।
तिरुवल्लुवर ने माना कि वास्तव में यह बात सच है कि यदि मनुष्य किसी की नकारात्मक चीजें ना देखकर उसकी सकारात्मक चीजों पर ध्यान दें तो लोगो बीच किसी प्रकार कोई ईर्ष्या नहीं होगी । इससे प्रत्येक व्यक्ति शांतिपूर्वक सुखी रह सकता है। इसलिए दोस्तों हम आपको यह बताना चाहते हैं कि
हमारा जीवन किसी बहुत बड़ी चीज या बहुत बड़ी घटना से नहीं बनता है जीवन में दो ही घटनाएं सबसे बड़ी होती है पहली है जन्म और दूसरी मौत । इन दोनों के बीच जो चीजें जीवन को सुचारू रूप से चलाती है वो जीवन के इंजन में मोबिल -आयल का कार्य करती है। यदि इंसान इन छोटी-छोटी बातों को साधना सीख ले तो सचमुच जीवन अपने आप ही साधने लगेगा लेकिन जब तक इंसान छोटी-छोटी बातों को नजरअंदाज नहीं करता है तो उसके जीवन का कल्पवृक्ष सूखने लगता है उसके पत्ते झड़ने लगते हैं और 1 दिन आता है जब उस कल्पवृक्ष के नीचे आकर कोई भी आनंदित महसूस नहीं करता है ऐसा ही कुछ हमारे जीवन के साथ भी है कि यदि कोई व्यक्ति बहुत परेशान रहता हैं तो उससे कोई भी खुश व्यक्ति मिलना ही नहीं चाहता है।
अपने यहां की पारिवारिक अदालत इन्हीं छोटी-छोटी बातों के बोझ तले कराह रही है। किसी व्यक्ति की दाल में यदि रोज-रोज नमक मिर्ची ज्यादा हो जाए या किसी पत्नी का पति समय से घर नहीं आता है या दो घड़ी अपनी पत्नी के साथ नहीं बैठ पाता है, तो ज्यादा नमक हो जाना या पत्नी के साथ दो घड़ी ना बैठ पाने छोटी सी बात है लेकिन यह भी चीजें रोज-रोज होने लगती है तो मन पर कहीं एक निशान पड़ जाता है कि और आपसे दरार पैदा होने लगती है। अदालतों में ना जाने कितनी ऐसे निशान फाइलों में बंद है, और अदालतों के बाहर लोग इनके गांव लेकर खड़े हैं। जीवन कभी ना रुकने वाली प्रक्रिया है लेकिन नाकारात्मक बातें संबंधो में ऐसी गांठ लाती है जो अंत तक नहीं खुलती।
दोस्तों क्रांति किसी बड़ी बात से नहीं होती बल्कि छोटी-छोटी बातों से ही मन में दरारें पड़ जाती है जिसके कारण कई बार व्यक्ति घर छोड़कर भी चला जाता है इसलिए हम सभी को छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखना चाहिए ताकि सभी के जीवन में सुख शांति और समृद्धि सदैव बनी रहे अगर जीवन के एक छोर से दूसरे छोर तक समय के सुर साधना हैं तो हमें दूसरों की छोटी-छोटी बातों का उनकी इच्छाओं का आदर करना पड़ेगा।
जहां तक हो सके अपनों की कुछ बातों को नजरअंदाज करते हुए उनके सकारात्मक बिंदुओं को ध्यान दीजिए एवं सभी के साथ मेलजोल को बढ़ाइए खुद को प्रसन्न रखें और दूसरों को भी प्रसन्न रखिए यही जिंदगी का असली मूल मंत्र होना चाहिए।