बदलते युग में समय के साथ आज दुनिया तेजी से तकनीकी की तरफ बढ़ रही है इस युग में टेक्नोलॉजी का इतना अधिक महत्व बढ़ गया है कि प्रत्येक कार्य टेक्नोलॉजी के आधार पर किए जा सकते हैं।
हम आपको बता दें कि भारत में पहली 3D प्रिंटेड डाकघर का निर्माण हुआ। 3D प्रिंटिंग तकनीकी से बना देश का पहला डाकघर बेंगलुरु ( कर्नाटक)में शुरू हुआ। इस प्रिंटेड डाकघर का का निर्माण रेलवे संचार इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्वनी वैष्णव ने किया। इस शुरू होते 3D प्रिंटेड डाकघर के निर्माण हेतु प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डाकघर की सराहना करते हुए कहा -“यह देश में इनोवेशन, तरक्की का एक विशेष प्रमाण है।।इस डाकघर को देखकर हर भारतीय को गर्व होगा। यह हमारे देश के नवाचार और प्रगति का एक प्रमाण है, यह आत्मनिर्भर भारत की भावना का भी प्रतीक है।उन लोगों को बधाई जिन्होंने डाकघर को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत की है”
वास्तव में यदि हम बात करें तो यह तकनीकी के क्षेत्र में बदलते भारत की एक तस्वीर है। अब बेंगलुरू स्थित डाकघर भारत का प्रथम 3D प्रिंटेड डाकघर बन गया है।
निर्माणकर्ता कंपनी…
3D प्रिंटेड डाकघर का निर्माण कर्नाटक के बेंगलुरु में किया गया है। डाकघर की इस इमारत को कैंब्रिज लेआउट में 1021 वर्ग फुट क्षेत्र में L&T कंपनी ने बनाया है। आईआईटी मद्रास ने इसके लिए तकनीकी की मदद दी।
कितने दिन में बना यह डाकघर..
बेंगलुरु स्थित 3D प्रिंटर डाकघर के निर्माण में महज 45 दिन लगे काम की शुरुआत किस चीज साल 21 मार्च से हुई थी पारंपरिक तरीके से इसे बनाने में 8 महीने लग सकते थे मई में इमारत तैयार होने के बाद इसमें ड्रेनेज और वॉटर नेटवर्किंग बनाने में लगभग 2 महीने लग गए परंतु अब बिल्कुल बेहतरीन 3D प्रिंटेड डाकघर तैयार हो चुका है जहां पर सभी कार्य तकनीकी के माध्यम से किये जायेंगे।