सार
तीनों सेनाओं(जल, थल, वायु )के अधिकारियों के लिए सेनानिवृत्ति संबंधी कुछ नियमो परिवर्तन किया गया है। सेना के अधिकारी अब रिटायरमेंट के बाद घर पर नहीं बैठेंगे बल्कि उन अधिकारियों को अपना खुद का स्वरोजगार करने का अधिकार दे दिया गया है।
विस्तार
हम आपको बता दें कि तीनों सेनाओं के प्रमुखों को रिटायरमेंट के बाद खाली घर पर ना बैठना पड़े। इसके लिए केंद्र सरकार,राष्ट्रीय उद्यमिता और लघु व्यवसाय विकास संस्थान में तीनों सेनाओं के अधिकारियों को स्वरोजगार का प्रशिक्षण दिला रही है। इससे उनके आत्मसम्मान और गौरव दोनों की रक्षा हो सकेगी।
इसी क्रम में 13 से 18 मार्च तक सेना नौसेना के वरिष्ठ अधिकारियों को उद्यमिता विकास कार्यक्रम यानी ईडीपी का प्रशिक्षण दिलाया गया है। इसके अलावा अधिकारियों को स्वरोजगार करने के अनेक विधियों से भी अवगत कराया गया है। यह कार्यक्रम 2 माह से ज्यादा तो चलेगा।इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में विशेष प्रशिक्षकों को बुलाया जा रहा है जो सेना के उन वरिष्ठ अधिकारियों को प्रशिक्षण दे रहे हैं जो रिटायर होने की कगार पर है।
सेल्फ के साथ -साथ वेबसाइट डेवलपमेंट करने का मिलेगा मौका..
सैन्य अधिकारियों को वेबसाइट डेवलपिंग कभी प्रशिक्षण दिलाया गया है जिसमें तीनों सेनाओ के 38 अधिकारी शामिल रहे। इसका प्रारंभ 2 जनवरी को हुआ था शुक्रवार को समाप्त हो गया है इसके अलावा EDP का ही एक कार्यक्रम और चल रहा है। जिसमें 40 सैन्य अधिकारी शामिल हैं।6 मार्च से शुरू होकर या प्रशिक्षण 26 मई तक चलेगा
चलाए जा रहे प्रमुख सत्र….
तीनों सेनाओं के प्रमुखों को प्रशिक्षित करने के लिए अनेक सत्रों का आयोजन किया गया है आइए जानते हैं कि कौन से हैं वह का किया गया है आयोजन
- यह डीपी कार्यक्रम में उद्यमिता शिक्षा
- उद्यमशीलता प्रेरणा
- व्यापार अवसर की पहचान
- बाजार सर्वेक्षण
- समर्थन परिस्थितिकी तंत्र सरकारी योजनाएं
- कानूनी संस्थान के प्रकार
- व्यवसाय योजना की तैयारी
- विपणन ब्रान्डिंग
- डिजिटल प्लेटफॉर्म समेत अन्य सत्र।
इन सत्रों की सबसे खास बात यह है कि प्रशिक्षण लेने वाले सभी अधिकारी ऑन ड्यूटी होते हैं।