भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (BHEL) भारत सरकार की एक प्रमुख संस्था है। भारत सरकार ने भारत में भारी विद्युत उपस्करों के निर्माण के लिए भोपाल में एक कारखाने की स्थापना के लिए एसोसिएटेड इलेक्ट्रिकल इंडस्ट्रीज ( एईआई ) , ब्रिटेन के साथ 17 नवंबर , 1955 को एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। कंपनी को 29 अगस्त , 1956 को उद्योग और वाणिज्य मंत्रालय के अंतर्गत सार्वजनिक क्षेत्र में हेवी इलेक्ट्रिकल्स इंडिया लिमिटेड ( HIL ) के रूप में पंजीकृत किया गया था ।
जाने कहां स्थापित किए गए हैवी विद्युत संयंत्र
अभी तक भारत में कुल 3 विद्युत संयंत्र स्थापित किए गए हैं जिनका विवरण इस प्रकार से है
- पहला संयंत्र तिरुचिराप्पल्ली ( तमिलनाडु ) में उच्च दबाव बॉयलर के लिए ,
- दूसरा संयंत्र स्टीम टर्बो जनरेटर और उच्च दबाव पंप और कंप्रेसर के लिए हैदराबाद (तेलंगाना) में दोनों चेकोस्लोवाकिया की सहभागिता से
- और तीसरा संयंत्र बड़े भाप टर्बो जनरेटिंग सेट और मोटर्स एवं टर्बाइन तथा जेनरेटर सहित हाइड्रो जनरेटिंग सेट के लिए यू.एस.एस.आर. सहभागिता के साथ हरिद्वार (उत्तराखंड) में स्थापित किया गया।
ये तीन नई परियोजनाएं हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (HIL) का हिस्सा थीं , जिनके लिए भोपाल में काम शुरू किया गया था।
सभी प्रारंभिक कार्य भोपाल से नवंबर 1964 तक किए गए सरकार ने इन तीन इकाइयों की स्थापना और प्रबंधन के लिए एक अलग निगम बनाने का फैसला किया।इस प्रकार , भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड अस्तित्व में आया और औपचारिक रूप से 13 नवंबर , 1964 को BHEL के रूप में निगमित किया गया ।
भेल का मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है वर्तमान में BHEL के अध्यक्ष नलिन सिंघल है
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