भूमिका
दीपों का त्योहार दीपावली पाँच दिनों तक चलने वाला पर्व है, जिसकी शुरुआत धनतेरस से होती है। यह दिन समृद्धि, स्वास्थ्य और सुख-शांति का प्रतीक माना जाता है। “धन” का अर्थ है संपत्ति और “तेरस” का अर्थ है कृष्ण पक्ष की तेरहवीं तिथि। इसी दिन भगवान धन्वंतरि का प्राकट्य हुआ था, इसलिए इसे धनत्रयोदशी भी कहा जाता है।
धनतेरस का महत्व
9पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, जब देवताओं और असुरों ने समुद्र मंथन किया, तो अमृत कलश लेकर भगवान धन्वंतरि प्रकट हुए। वे आयुर्वेद और स्वास्थ्य के देवता माने जाते हैं। इसीलिए धनतेरस के दिन लोग भगवान धन्वंतरि की पूजा करके निरोगी जीवन और दीर्घायु की कामना करते हैं।
इसके साथ ही, यह दिन माता लक्ष्मी और धन के देवता कुबेर की आराधना का भी विशेष अवसर होता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन विधि-विधान से पूजा करने पर वर्षभर घर में लक्ष्मी का वास रहता है और परिवार पर धन-धान्य की कृपा बनी रहती है।
धनतेरस की पूजा विधि

धनतेरस के दिन प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें और घर-आंगन की सफाई करें। शाम के समय प्रदोष काल में पूजा करना शुभ माना गया है।
1. पूजा स्थल पर चौकी रखकर उस पर लाल या पीला वस्त्र बिछाएँ।
2. भगवान धन्वंतरि, माता लक्ष्मी और कुबेर जी की मूर्तियाँ या चित्र स्थापित करें।
3. कलश स्थापित कर उसमें जल, दूर्वा, सुपारी, सिक्का और आम के पत्ते रखें।
4. दीपक जलाएँ और पुष्प, धूप, मिठाई, फल तथा नैवेद्य अर्पित करें।
5. मंत्र-जाप करें —
धन्वंतरि मंत्र: “ॐ नमो भगवते धन्वंतरये अमृतकलशहस्ताय नमः।”
लक्ष्मी मंत्र: “ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं महालक्ष्म्यै नमः।”
कुबेर मंत्र: “ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय नमः।”
6. पूजा के अंत में आरती करें और परिवार में प्रसाद बाँटें।
7. इस दिन दक्षिण दिशा में यम-दीपक जलाने की परंपरा भी है — यह अकाल मृत्यु के भय से रक्षा करता है।
क्या खरीदना शुभ होता है?
धनतेरस के दिन सोना, चांदी, तांबे-पीतल के बर्तन या नई झाड़ू खरीदना अत्यंत शुभ माना जाता है। ऐसा करने से घर में लक्ष्मी का आगमन होता है और दरिद्रता दूर होती है।
धनतेरस का संदेश
धनतेरस केवल धन-संपत्ति का पर्व नहीं, बल्कि स्वास्थ्य, सद्भाव और सुख-समृद्धि का प्रतीक है। यह हमें यह सिखाता है कि सच्चा धन वही है जो स्वास्थ्य, सदाचार और सेवा-भाव से प्राप्त हो। जब घर-परिवार में प्रेम, सौहार्द और सकारात्मकता हो, तभी लक्ष्मी-कृपा स्थायी रहती है।
इस प्रकार, धनतेरस का दिन न केवल दीपावली की शुरुआत है, बल्कि यह हमें स्वास्थ्य और समृद्धि दोनों का महत्व याद दिलाता है। भगवान धन्वंतरि, माता लक्ष्मी और कुबेर जी की कृपा से सबके जीवन में सुख-शांति, निरोगता और धन-धान्य की वृद्धि हो — यही इस पर्व का सच्चा संदेश है।

