आज देशभर में शरद पूर्णिमा का पर्व मनाया जा रहा है और इस दिन मां लक्ष्मी और चंद्र देव की पूजा करने का विधान है। शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा अपनी 16 कलाओं के साथ पूर्ण रहता है और पृथ्वी पर अपनी किरणों से अमृत वर्षा करता है। चंद्रमा की ये 16 कलाएं, उसके पूर्ण रूप को दर्शाते हैं और यह कलाएं चंद्रमा की शक्तियां और सौंदर्य का प्रतीक भी हैं। शास्त्रों में बताया गया है कि शरद पूर्णिमा के दिन समुद्र मंथन के दौरान माता लक्ष्मी प्रकट हुई थीं इसलिए इस दिन को लक्ष्मी माता के जन्मदिवस के रूप में भी मनाया जाता है।
शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा अपनी 16 कलाओं के साथ पृथ्वी पर अमृत वर्षा करता है और इन कलाओं का जीवन के कई पहलुओं पर गहरा प्रभाव डालती हैं। इसलिए पूर्णिमा की रात को खीर बनाकर चंद्रमा की रोशनी में रखते हैं। खीर दूध से बनी होती है और दूध को चंद्रमा का प्रतीक माना गया है और चंद्रमा मन और माता का प्रतिनिधित्व करते हैं। कुंडली में चंद्रमा की स्थिति अनुकूल होती है तब मानसिक शांति मिलती है और कार्यों को लेकर फोकस बना रहता है।
जाने क्या है शरद पूर्णिमा

शरद पूर्णिमा की रात में चंद्रमा से निकलने वाली किरणों में कई बीमारियों की दवा होती है इसलिए खीर बनाकर खाई जाती है। चंद्रमा की 16 कलाओं को भगवान श्रीकृष्ण ने भी धारण किया था, इसलिए उनको 16 कलाओं का स्वामी भी कहा गया है और भगवान राम को 12 कलाओं का। इसकी अलग-अलग व्याख्या हर जगह देखने को मिलती है। कुछ की राय यह है कि भगवान राम सूर्यवंशी थे तो इसलिए वे 12 कलाओं का स्वामी कहा गया है। श्रीकृष्ण चंद्रवंशी थे तो इसलिए उनको सोलह कलाओं का स्वामी कहा गया है।
जाने क्या होती हैं चंद्रमा की 16 कलाएं

चंद्रमा की सोलह कलाओं के नाम
- अमृता
- मनदा (विचार)
- पुष्प (सौंदर्य)
- पुष्टि (स्वस्थता)
- तुष्टि( इच्छापूर्ति)
- ध्रुति (विद्या)
- शाशनी (तेज)
- चंद्रिका (शांति)
- धरा
- कांति (कीर्ति)
- ज्योत्सना (प्रकाश)
- श्री (धन)
- प्रीति (प्रेम)
- अंगदा (स्थायित्व)
- पूर्ण (पूर्णता अर्थात कर्मशीलता)
- पूर्णामृत (सुख)।
शरद पूर्णिमा का राशियों पर पड़ता है गहरा प्रभाव

शरद ऋतु की पूर्णिमा महत्वपूर्ण तिथि है, इसी तिथि से शरद ऋतु का आरंभ होता है. ज्योतिषियों के अनुसार, ग्रहों और नक्षत्रों के नजरिए से इस बार शरद पूर्णिमा बहुत ही खास मानी जा रही है. दरअसल, चंद्रमा मीन राशि में प्रवेश करने वाले हैं जो कि बहुत ही विशेष माना जा रहा है. इसके अलावा, कल उत्तर भाद्रपद नक्षत्र और वृद्धि योग का संयोग बन रहा है. तो चलिए जानते हैं कि शरद पूर्णिमा से किन राशियों का अच्छा समय शुरू होने वाला है.
मेष
शरद मेष राशि वालों के लिए भाग्यशाली साबित हो सकती है. इस समय रुका हुआ पैसा वापस मिल सकता है और आर्थिक स्थिति मजबूत बनेगी.जो लोग बिजनेस कर रहे हैं, उन्हें अचानक बड़ा लाभ मिल सकता है. पारिवारिक जीवन में भी खुशियां बढ़ेंगी और जीवनसाथी का पूरा सहयोग मिलेगा. किसी नए काम की शुरुआत करने के लिए यह समय शुभ रहेगा.
सिंह

शरद पूर्णिमा मिथुन राशि के जातकों के लिए नई ऊर्जा लेकर आएगी. करियर में प्रगति होगी और नए अवसर मिलेंगे. विद्यार्थी वर्ग के लिए भी यह समय सुनहरा है, पढ़ाई में एकाग्रता बढ़ेगी और परीक्षा में अच्छे परिणाम मिल सकते हैं. अविवाहित लोगों के लिए भी विवाह प्रस्ताव आने की संभावना है. सेहत में सुधार होगा और मन प्रसन्न रहेगा.
3. तुला
सिंह राशि के जातकों के लिए शरद पूर्णिमा बेहद शुभ मानी जा रही है. नौकरी में प्रमोशन या नई जिम्मेदारी मिलने के योग बन रहे हैं. व्यापार में अचानक लाभ होगा और प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी. लंबे समय से रुके हुए काम पूरे हो सकते हैं. परिवार में खुशी का माहौल रहेगा और मां लक्ष्मी की विशेष कृपा बनी रहेगी.