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प्राचीन काल में एक अत्यंत सुंदर वन था, जिसे चैत्ररथ कहा जाता था। यह वन अपनी आभा और मनोहरता के लिए प्रसिद्ध था, जहाँ देवराज इंद्र गंधर्व कन्याओं, अप्सराओं और देवताओं संग विहार किया करते थे।

आमलकी एकादशी, जिसे रंगभरी एकादशी भी कहा जाता है, हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण व्रत है। यह फाल्गुन शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है और इस वर्ष यह 10 मार्च 2025, सोमवार को पड़ रही है。

महाशिवरात्रि भगवान शिव की पूजा-अर्चना का एक प्रमुख पर्व है, जिसे फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन शिव भक्त व्रत, उपवास और रात्रि जागरण करते हैं तथा शिवलिंग पर जल, दूध, बेलपत्र आदि चढ़ाकर भगवान शिव की आराधना करते हैं।

सनातन धर्म के अनुसार प्रत्येक महीने दो एकादशी होती है। एकादशी का विशेष महत्व होता है क्योंकि इस दिन भगवान नारायण माता लक्ष्मी की आराधना की जाती है। सनातन पुस्तकों में इससे संबंधित मंत्र उच्चारण ,पूजा विधान को वर्णित किया गया है। ऐसी धार्मिक मान्यता है कि विजया एकादशी का व्रत करने से समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं

हिंदू धर्म में भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व है कहते हैं भोले बाबा सबसे भोले हैं उनकी पूजा करने वाले की महादेव समस्त मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं और उनके भक्त अनेक समस्याओं का सामना करने के बावजूद भी हार नहीं मानता है बाबा अपने भक्तों को कभी हारने नहीं देते हैं सदैव उनको प्रेरणा देते हैं और आगे बढ़ते हैं

इस वर्ष देश में नए इलेक्शन कमिश्नर की नियुक्ति की जाएगी।  वर्तमान इलेक्शन कमिश्नर राजीव कुमार रिटायर होने वाले हैं जिनकी जगह ने चुनाव आयुक्त लेंगे। हम आपको बता दे की 19 फरवरी को देश को नया चीफ इलेक्शन कमिश्नर मिलेगा।

जया एकादशी व्रत रखने से ब्रह्म हत्या के पाप से भी मुक्ति मिलती है इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को जया एकादशी का व्रत रखना चाहिए जया एकादशी का व्रत करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है एवं भगवान नारायण और माता लक्ष्मी दोनों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। जया एकादशी के दिन दान पुण्य

माघ के महीने में जया एकादशी मनाई जाती है। जया एकादशी से हजारों पुण्य के बराबर फल मिलता है। माना जाता है कि इस व्रत को करने से पापों से मुक्ति मिलती और मोक्ष की प्राप्ति होती है। जया एकादशी काफी फलदाई है। जया एकादशी व्रत करने तथा दीन-दु:खी, जरूरतमंदों को दान देने से न केवल जीवन के पापों से मुक्ति मिलती है,

बसंत पंचमी की पूजा इस वर्ष 2025 में 3 फरवरी को की जाएगी । कुछ लोग इस असमंजस में थे की पूजा 2 फरवरी को होगी या 3 फरवरी को। तो हम आपको बता दें की बसंत पंचमी 2 फरवरी को मनाई गई परंतु उदया तिथि के अनुसार 3 फरवरी को भी बसंत पंचमी का शुभ योग है परंतु

मौनी अमावस्या माघ महीने की कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मनाई जाती है । सनातन धर्म में ऐसा माना जाता है कि मौनी अमावस्या के दिन मौन रहकर शांत मन से ईश्वर की आराधना की जाती है एवं गंगा स्नान करके दान पुण्य किया जाता