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हर साल ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष में निर्जला एकादशी का व्रत किया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि निर्जला एकादशी के दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करने से जातक को मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती है। साथ ही जातक के जीवन में खुशियों के आगमन होता है। 

ज्येष्ठ माह के प्रथम मंगलवार को मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम और उनके परम भक्त हनुमान जी की भेंट हुई थी। अतः ज्येष्ठ माह के प्रत्येक मंगलवार पर बुढवा मंगल मनाया जाता है। हनुमान जी को संकट मोचन बाबा के नाम से भी जाना जाता है

ज्येष्ठ माह का तीसरा मंगलवार यानि तीसरा बड़ा मंगल 11 जून 2024 को है। बड़ा मंगल को बुढ़वा मंगल भी कहा जाता है। इस दिन बजरंगबली की भक्ति करने वालों को सुख-समृद्धि और संकटों से मुक्ति का आशीर्वाद प्राप्त होता है

गंगा दशहरा” हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो गंगा नदी की पूजा के लिए समर्पित है। यह त्योहार हिन्दू माह ज्येष्ठ के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। इस शुभ अवसर पर गंगा की आकाश से पृथ्वी पर अवतरण की स्मृति की जाती है। भक्त नदी के किनारे एकत्र होते हैं, पवित्र स्नान करते हैं, रीति-रिवाज करते हैं और आशीर्वाद के लिए प्रार्थनाएं करते हैं। माना जाता है कि इस दिन गंगा में स्नान करने से पापों का नाश होता है और इच्छाओं की पूर्ति होती है। यह त्योहार गंगा को संरक्षित और सुरक्षित रखने के महत्व को भी दर्शाता है,

ज्येष्ठ माह में कृष्ण पक्ष की एकादशी अपरा एकादशी के नाम से जानी जाती है। इस साल अपरा एकादशी 2…

मंगलवार का दिन हनुमानजी को समर्पित होता है। लेकिन धार्मिक दृष्टि से ज्येष्ठ माह के मंगल का दिन बहुत महत्व रखता है, इन्हें बड़ा मंगल या बुढ़वा मंगल भी कहा जाता है। इस दिन बजरंगबली की विधि-विधान से पूजा करने से भक्तों को हर समस्या से छुटकारा मिल जाता है और इस दिन किए गए उपायों से हनुमान जी प्रसन्न होते हैं और उनकी कृपा से भक्तों के सारे काम बनने लगते हैं। इस साल का पहला बड़ा मंगल 28 मई यानी आज पड़ रहा है, ऐसे में हनुमान जी की कृपा के लिए विधि-विधान से पूजा करें

पंचांग के अनुसार, जगन्नाथ रथ यात्रा का आयोजन आषाढ़ शुक्ल द्वितीया तिथि को होता है, ऐसे में इस साल आषाढ़…

वैशाख मास के शुल्क पक्ष की एकादशी तिथि को मोहिनी एकादशी के रूप में मनाया जाता है। इस बार मोहिनी एकादशी 19 मई को मनाई जा रही है। अगर इस दिन भगवान विष्णु की उपासना और एकादशी का व्रत विधि विधान से किया जाए तो ये जातक को इतना फल देती है कि जीवन से कष्ट और दरिद्रता से मुक्ति मिल सकती है और सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है।

अक्षय तृतीया के विषय में मान्यता है कि इस दिन जो भी काम किया जाता है उसमें बरकत होती है। यानी इस दिन जो भी अच्छा काम करेंगे उसका फल कभी समाप्त नहीं होगा अगर कोई बुरा काम करेंगे तो उस काम का परिणाम भी कई जन्मों तक पीछा नहीं छोड़ेगा।