Close Menu
  • 🏠 होम
  • देश
  • धर्म
  • प्रेरणादायक
  • रोचक तथ्य
  • लाइफस्टाइल
  • वीमेन डायरी
  • हेल्थ एंड ब्यूटी
    • योग
    • होम्योपैथी
  • इंडिया मित्र सीरीज
    • लॉकडाउन के सितारे
    • गुदड़ी के लाल
Facebook X (Twitter) Instagram
  • About
  • Contact
  • Disclaimer
  • Privacy Policy
Facebook X (Twitter) Instagram
India MitraIndia Mitra
Download Our App
  • 🏠 होम
  • देश
  • धर्म
  • प्रेरणादायक
  • रोचक तथ्य
  • लाइफस्टाइल
  • वीमेन डायरी
  • हेल्थ एंड ब्यूटी
    • योग
    • होम्योपैथी
  • इंडिया मित्र सीरीज
    • लॉकडाउन के सितारे
    • गुदड़ी के लाल
India MitraIndia Mitra
Home»tenali raman stories»तेनालीराम की कहानी – हीरे का सच
tenali raman stories

तेनालीराम की कहानी – हीरे का सच

By Archana DwivediUpdated:May 15, 2024
Facebook WhatsApp Twitter Telegram Pinterest LinkedIn Email
Share
Facebook WhatsApp Twitter Telegram LinkedIn Pinterest Email

तेनालीराम का जन्म सोलहवीं शताब्दी में भारत के आन्ध्रप्रदेश राज्य के गुन्टूर जिले के गाँव – गरलापाडु में एक तेलुगू ब्राह्मण परिवार में हुआ। वह कवि थे, व तेलुगू साहित्य के महान ज्ञानी थे। अपने वाक चातुर्य के कारण वह काफी प्रख्यात थे। और उन्हे “विकट कवि” के उपनाम से संबोधित किया जाता था। तेनालीराम राजा कृष्ण देव राय के निर्णय लेने में उनकी सहायता करते थे एवं उन्हें उचित सलाह भी देते थे।

तेनालीराम अपनी वाक पटुता द्वारा राज्य से जुड़ी विकट परेशानीयों से उभरने के लिए महाराज की मदद करते थे। उनकी बुद्धि चातुर्य और ज्ञान बोध से जुड़ी कई कहानियाँ बहुत ही लोकप्रिय हैं । आज इस लेख में हम आपको तेनालीराम की एक ऐसी कहानी बताने वाले हैं जिसमें तेनालीराम ने अपनी वाक पटुता और चातुर्य को दर्शाया है।

हमारे आज की कहानी का शीर्षक है-

हीरे का सच

एक बार राजा कृष्णदेवराय दरबार में बैठे मंत्रियों के साथ विचार विमर्श कर रहे थे कि तभी एक व्यक्ति उनके सामने आकर कहने लगा,”महाराज मेरे साथ न्याय करें। मेरे मालिक ने मुझे धोखा दिया है। इतना सुनते ही महाराज ने उससे पूछा, तुम कौन हो? और तुम्हारे साथ क्या हुआ है।”

अन्नदाता मेरा नाम नामदेव है। कल मैं अपने मालिक के साथ किसी काम से एक गाँव में जा रहा था। गर्मी की वजह से चलते-चलते हम थक गए और पास में स्थित एक मंदिर की छाया में बैठ गए। तभी मेरी नज़र एक लाल रंग की थैली पर पड़ी जो की मंदिर के एक कोने में पड़ी हुई थी। मालिक की आज्ञा लेकर मैंने वो थैली उठा ली उसे खोलने पर पता चला कि उसके अंदर बेर के आकार के दो हीरे चमक रहे थे। हीरे मंदिर में पाए गए थे इसलिए उन पर राज्य का अधिकार था। परन्तु मेरे मालिक ने मुझसे ये बात किसी को भी बताने से मना कर दिया और कहा कि हम दोनों इसमें से एक-एक हीरा रख लेंगे। मैं अपने मालिक की गुलामी से परेशान था इसलिए मैं अपना काम करना चाहता था जिसके कारण मेरे मन में लालच आ गया।हवेली आते ही मालिक ने हीरे देने से साफ़ इनकार कर दिया।यही कारण है कि मुझे इन्साफ चाहिए।

महाराज ने तुरंत कोतवाल को भेजकर नामदेव के मालिक को महल में पेश होने का आदेश दिया। नामदेव के मालिक को जल्द ही राजा के सामने लाया गया । राजा ने उससे हीरों के बारे में पूछा तो वह बोला, “महाराज ये बात सच है कि मंदिर में हीरे मिले थे लेकिन मैंने वो हीरे नामदेव को देकर उन्हें राजकोष में जमा करने को कहा था। जब वह वापस लौटा तो मैंने उससे राजकोष की रशीद मांगी तो वह आनाकानी करने लगा। मैंने जब इसे धमकाया तो ये आपके पास आकर मनगढ़त कहानी सुनाने लगा।” “अच्छा, तो ये बात है।” महाराज ने कुछ सोचते हुए कहा – “क्या तुम्हारे पास इस बात का कोई सबूत है कि तुम सच बोल रहे हो?” “अन्नदाता अगर आपको मेरी बात पर यकींन नहीं तो आप मेरे दूसरे तीनों नौकरों से पूछ सकते हो। वो उस वक़्त वहीं थे ।”

उसके बाद तीनों नौकरों को राजा के सामने लाया गया। तीनों ने नामदेव के खिलाफ गवाही दी। महारज तीनों नौकरों और मालिक को वही बिठा कर अपने विश्राम कक्ष में चले गए और सेनापति तेनालीराम, महामंत्री को भी इस विषय में बात करने के लिया वहाँ बुलवा लिया। उनके पहुँचने पर महाराज ने महामंत्री से पूछा, “आपको क्या लगता है ? क्या नामदेव झूठ बोल रहा है ?”

जी महाराज! नामदेव ही झूठा है। उसके मन में लालच आ गया होगा और उसने हीरे अपने पास ही रख लिए होंगे।” सेनापति ने गवाहों को झूठा बताया। उसके हिसाब से नामदेव सच बोल रहा था। तेनालीराम चुपचाप खड़ा सब की बातें सुन रहा था। तब महाराज ने उसकी ओर देखते हुए उसकी राय मांगी। तेनालीराम बोला , “महाराज कौन झूठा है और कौन सच्चा इस बात का अभी पता लग जायेगा परन्तु आप लोगों को कुछ समय के लिए पर्दे के पीछे छुपना होगा।” महाराज इस बात से सहमत हो गए क्योंकि वो जल्दी से जल्दी इस मसले को सुलझाना चाहते थे इसीलिए पर्दे के पीछे जाकर छुप गए।महामंत्री और सेनापति मुंह सिकोड़ते हुए पर्दे के पीछे चले गए।

अब विश्राम कक्ष में केवल तेनालीराम ही दिखाई दे रहा था। अब उसने सेवक से कहकर पहले गवाह को बुलाया। गवाह के आने पर तेनालीराम ने पूछा,“क्या तुम्हारे मालिक ने तुम्हारे सामने नामदेव को हीरे दिए थे।”
“जी हाँ।”

फिर तो तुम्हें हीरे के रंग और आकार के बारे में भी पता होगा। तेनालीराम ने एक कागज़ और कलम गवाह के सामने करते हुए उससे कहा लो मुझे इस पर हीरे का चित्र बनाकर दिखाओ । इतना सुनते ही उसकी सिट्टी -पिट्टी गुल हो गयी और बोला,“मैंने हीरे नहीं देखे क्योंकि वो लाल रंग की थैली में थे।” “अच्छा अब चुपचाप वहाँ जाकर खड़े हो जाओ ।” अब दूसरे गवाह को बुलाकर उससे भी यही प्रश्न पूछा गया।उसने हीरो के रंग के बारे में बताकर कागज़ पर दो गोल -गोल आकृतियाँ बनाकर अपनी बात साबित की। फिर उसे भी पहले गवाह के पास खड़ा कर दिया गया और तीसरे गवाह को बुलाया गया।

उसने बताया कि हीरे भोजपत्र की थैली में थे। इस वजह से वह उन्हें देख नहीं पाया। इतना सुनते ही महाराज पर्दे के पीछे से सामने आ गए ।महाराज को देखते ही तीनों घबरा गए और समझ गए कि अब सच बोलने में ही उनकी भलाई है। तीनों महाराज के पैरों को पकड़कर माफ़ी मांगने लगे और बोले हमें झूठ बोलने के लिए हमारे मालिक ने धमकाया था और नौकरी से निकालने की धमकी दी थी इसीलिए हमें झूठ बोलना पड़ा। महाराज ने तुरंत मालिक के घर की तालाशी के आदेश दे दिए।

तालाशी लेने पर दोनों हीरे बरामद कर लिए गए। सजा के तौर पर मालिक को दस हज़ार स्वर्ण मुद्राएं नामदेव को देनी पड़ी और बीस हज़ार स्वर्ण मुद्राएं जुर्माने के तौर पर भरनी पड़ी जबकि बरामद हुए दोनों हीरे राजकोष में जमा कर लिए गए। इस प्रकार तेनालीराम की मदद से महाराज ने नामदेव के हक में फैसला

कहानी से शिक्षा

हीरे का सच कहानी से हमे यह शिक्षा मिलती है कि हमें कभी लालच नहीं करना चाहिए क्योंकि  व्यक्ति का लालच हमेशा अपमान का कारण बनता है।

Like this:

Like Loading...

Related

Share. Facebook WhatsApp Twitter Telegram Pinterest LinkedIn Email
Previous Articleपाचन-तंत्र व आंतों को हेल्दी रखने के लिए खाएं ये 5 फूड्स, रहेंगे स्वस्थ
Next Article अंतर्राष्ट्रीय परिवार दिवस 2024(International family day)
Archana Dwivedi
  • Website

I’m Archana Dwivedi - a dedicated educator and founder of an educational institute. With a passion for teaching and learning, I strive to provide quality education and a nurturing environment that empowers students to achieve their full potential.

Related Posts

तेनालीराम की कहानी : लालची ब्राह्मण

October 11, 2025

रंग-बिरंगी मिठाइयां : तेनालीराम की कहानी

September 19, 2025

 चोर और कुआँ  : तेनालीराम की कहानियां

September 8, 2025
लेटेस्ट स्टोरीज

“दीवाली की सफाई: पवित्रता, समृद्धि और नई शुरुआत का प्रतीक”

October 14, 2025

The Secret Lesson from Potatoes, Eggs, and Coffee

October 13, 2025

जाने यह कैसे करें घर की सफाई.. जिससे लक्ष्मी माता की प्राप्त हो पूर्ण कृपा

October 12, 2025

तेनालीराम की कहानी : लालची ब्राह्मण

October 11, 2025
उत्तर प्रदेश

15 अगस्त 1947( स्वतंत्रता दिवस ) क्यों मनाते हैं यह दिवस.. जाने इसका  कारण व महत्व …

August 14, 2025

खास रिपोर्ट | मोबाइल पर रील देखना पड़ सकता है भारी, बढ़ रहे हैं नए किस्म के साइबर ठगी के मामले

August 2, 2025

डिजिटल अरेस्ट” का सच: एक क्लिक में कैसे लुट जाती है ज़िंदगी?

July 22, 2025

यूपी सरकार ने शुरू की नई योजना बिना ब्याज,बिना गारंटी के मिलेगा ₹5 लाख तक का लोन, जानिए स्कीम के बारे में सब कुछ….

July 21, 2025
सरकारी योजनाये

आयुष्मान भारत मिशन क्या है, आयुष्मान कार्ड कैसे बनवाये

August 24, 2023

क्या आप जानते हैं?.. क्या है उत्तर प्रदेश सरकार की ” परिवार कल्याण कार्ड योजना”

August 25, 2022

विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज व आवेदन की प्रक्रिया

May 4, 2022

उत्तर प्रदेश विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना 2022

May 4, 2022

News

  • World
  • US Politics
  • EU Politics
  • Business
  • Opinions
  • Connections
  • Science

Company

  • Information
  • Advertising
  • Classified Ads
  • Contact Info
  • Do Not Sell Data
  • GDPR Policy
  • Media Kits

Services

  • Subscriptions
  • Customer Support
  • Bulk Packages
  • Newsletters
  • Sponsored News
  • Work With Us

Subscribe to Updates

Get the latest creative news from FooBar about art, design and business.

© 2025 India Mitra | All Rights Reserved. Designed by RG Marketing.
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Contact

Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.

%d