वाराणसी को एक बहुत ही प्रसिद्ध पर्यटक स्थल माना जाता है। वाराणसी को हम बनारस के नाम से भी जानते हैं।बनारस में पर्यटकों की लगातार बढ़ रही संख्या और आए दिन अलग-अलग जगह से आने वाले श्रद्धालुओं को बनारस में मौजूद हजारों मंदिरों का इतिहास बताने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन को सार्थक करते हुए वाराणसी प्रशासन ने एक प्लान तैयार किया था। यह प्लान था बनारस के मंदिरों के बाहर एक बार कोड लगाकर डिजिटल तरीके से मंदिरों की जानकारी हर किसी के मोबाइल पर पहुंचाने का था।वाराणसी के मंदिर में अब लैंग्वेज स्कैनर लगाए जाएंगे ताकि पर्यटकों को अपनी ही भाषा में जानकारियां प्राप्त हो सके यानी यदि वे किसी भी बात के बारे में जानना चाहते हैं तो वे अपनी लैंग्वेज स्कैन करके उसे अपनी भाषा में बदल सकते हैं और समझ सकते हैं।
क्यूआर कोड स्कैन करते ही मोबाइल पर मिलेगी जानकारी
वाराणसी आने वाले पर्यटकों के लिए अच्छी खबर है कि काशी की मंदिरों में पर्यटक स्थलों पर भ्रमण करना और इतिहास के बारे में जानकारी मिलना अब आसान हो जाएगा क्योंकि मंदिर व पर्यटक स्थलों के बाहर क्यूआर कोड लगाए जाएंगे। जिसके माध्यम से पर्यटक आसानी से सभी जानकारियो को अपनी ही भाषा में प्राप्त कर सकते हैं। हम आपको बता दे की क्यूआर कोड को स्कैन करते ही मोबाइल पर पांच भाषा में जानकारी सामने आ जाएगी।
शुरुआत में पंचक्रोशी मार्ग में पढ़ने वाले मंदिरों के बारे में जानकारी तैयार कर ऑनलाइन करने के बाद उन्हें कर कोड से लैस किया जाएगा।
इसके पहले काशी विश्वनाथ धाम बनने के बाद पर्यटकों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है अभी तक काशी के मंदिर और पर्यटक स्थलों के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए पर्यटकों को साइड का सहारा लेना पड़ता था परंतु क्यूआर कोड लगने के बाद उनको साइड का सहारा नहीं लेना पड़ेगा बल्कि क्योआर स्कैन करते ही उन्हें समस्त ऐतिहासिक और अन्य जानकारियां मोबाइल पर ही प्राप्त हो जाएगी। मंदिरों के बाहर कर कोड लगने से जानकारियां मोबाइल पर आसानी से मिल जाएंगे।
इसमें पर्यटक अपनी जरूरत के अनुसार भाषा का चयन कर सकते हैं जिसमें पांच भाषाओं को शामिल किया जाएगा।यह सुविधा पर्यटक विभाग शुरू करने जा रहा है।