हमारे शरीर को स्वस्थ रखने के लिए किडनी की भूमिका अहम होती है इसलिए शरीर को स्वस्थ रखने के लिए एवं रोगों पर नियंत्रण पाने के लिए किडनी को स्वस्थ रखना हमारी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है।
यदि कोई व्यक्ति कहता है कि उसको अटैक की बीमारी है या किसी व्यक्ति को पथरी है तो इसके पीछे भी किडनी का अहम रोल होता है। आईए जानते हैं कि हमारे शरीर में किडनी की क्या भूमिका है एवं कैसे किडनी हमारे शरीर को नियंत्रित करने में सहायक होती है-
किडनी की भूमिका एवं कार्य

किडनी हमारे ब्लड से दूषित विषाक्त पदार्थों के साथ ही शरीर के अन्य तरल विषाक्त पदार्थों को ब्लड से फिल्टर करने का काम करती है । किडनी शरीर में इलेक्ट्रोलाइट के स्तर को बनाए रखने और हार्मोन्स के उत्पादन में भी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है।
यदि हमारे शरीर में किडनी में कोई समस्या उत्पन्न हो जाती है तो हमें कई प्रकार की बीमारियों का सामना भी करना पड़ता है। इस प्रकार से किडनी हमारे शरीर में हार्मोन्स ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने, रेड ब्लड सेल के सृजन और हड्डियों को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करती हैं इसलिए शरीर के लिए किडनी एक आवश्यक अंग के रूप में काम करती हैं। किडनी का आकार से के बीज के जैसा होता है। प्रत्येक मनुष्य के शरीर में दो किडनिया होती हैं।
यदि किडनी सही तरीके से काम नहीं करेगी तो शरीर विकारों एवं बीमारियों से घिर जाएगा।हम आपको बता दे कि खराब लाइफस्टाइल से किडनी सबसे ज्यादा प्रभावित होती है।
ऐसी होती है किडनी खराब…
किडनी विशेषज्ञों के अनुसार लोगों के खराब दिनचर्या एवं प्रतिदिन योगा एक्सरसाइज न करने के कारण किडनी के बीमारी से पीड़ित मरीजों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है इसके लिए डायबिटीज और ब्लड प्रेशर जिम्मेदार माने जाते हैं।
किडनी खराब होने का सबसे अहम कारण लोगों की पानी की मात्रा होती है। विशेषज्ञ बताते हैं कि कम मात्रा में पानी पीने से भी किडनी की समस्याओं व कब्ज दोनों का सामना करना पड़ सकता है। यदि कोई व्यक्ति औसत से अधिक पानी पीता है तो उसे हार्ट अटैक जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है वहीं यदि व्यक्ति औसत से कम पानी पीता है तो उसे पथरी की बीमारी होने की संभावना हो सकती है इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को एक औसत ही प्रतिदिन पानी पीना चाहिए यानी कि जितना पानी आपके शरीर से प्रतिदिन पसीने और यूरिन के रूप में निकलता है उसके लगभग बराबर ही हमें प्रतिदिन पानी का सेवन करना चाहिए
डॉक्टर के अनुसार एक स्वस्थ शरीर वाले व्यक्ति को दिन भर में काम से कम तीन से चार लीटर पानी पीना चाहिए क्योंकि किडनी को ब्लड से दूषित पदार्थों को सही तरीके से फिल्टर करने के लिए पर्याप्त पानी की आवश्यकता होती है। जब आप पानी कम पीते हैं तो आपकी किडनी ठीक से काम नहीं करती है इससे संभावित रूप से किडनी में पथरी है यूरीनरी ट्रैक में इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। इसके साथ ही डिहाइड्रेशन के चलते कब्ज की समस्या भी बढ़ सकती है। इसमें हेल्थ केयर प्रोवाइडर समय-समय पर किडनी को बेहतर बनाए रखने में मदद कर सकते हैं। किडनी सही तरीके से काम कर रही है या नहीं इसका पता लगाने के लिए आप ब्लड या यूरिन टेस्ट भी करवा सकते हैं साथ ही किडनी इन्फेक्शन टेस्ट करवाने का विकल्प भी आपके पास मौजूद रहता है इसलिए अपनी किडनी का ध्यान रखने एवं शरीर को स्वस्थ रखना आपकी जिम्मेदारी है।
किडनी फेल होने या उसमें समस्याएं आने के लक्षण

यदि किसी व्यक्ति की किडनी में किसी प्रकार की कोई समस्या इंफेक्शन हो गया है तो कई ऐसे लक्षण होते हैं जिसके माध्यम से आप इसका पता लगा सकते हैं।आईए जानते हैं कि क्या है प्रमुख लक्षण
किडनी में सूजन भी एक संकेत
यदि आपकी किडनी में किसी प्रकार का इंफेक्शन हो गया है तो उसे पैरों में सूजन आने लगती है जिसे मेडिकल भाषा में एडिमा भी कहते है। किडनी में समस्या होने पर हाथ पैर और चेहरे पर सूजन आने लगती है।यह किडनी की समस्या का संकेत हो सकता है।
किडनी का सबसे महत्वपूर्ण कार्य शरीर से नमक और अतिरिक्त पानी को बाहर निकलना है ऐसे में अगर शरीर में पानी ठहर जा रहा है तो नेफ्रोटिक सिंड्रोम,एक्यूट किडनी इंजरी और क्रॉनिक किडनी रोग जैसे कई प्रकार की किडनी समस्याओं का संकेत हो सकता है।
लगातार खुजली होना
किडनी की समस्याओं के परिणाम स्वरुप ब्लड में दूषित पदार्थों का स्तर बढ़ जाता है जिसे लगातार खुजली की समस्या भी होने लगती है साथ ही स्किन भी काफी ड्राई हो जाती है ऐसी समस्याएं होने पर एक बार ब्लड टेस्ट जरूर करा ले। किसी भी दवा का सेवन करने से पहले एक बार डॉक्टर की सलाह जरूर ले।
समझे पीठ में ज्यादा दर्द का संकेत
यदि किसी भी व्यक्ति के लगातार पीठ में दर्द हो रहा है तो यह भी किडनी के संक्रमण का एक लक्षण हो सकता है किडनी में पथरी या संक्रमण जैसे समस्याओं के चलते पीठ के निचले हिस्से में दर्द का कारण बन सकती है आमतौर पर इससे आपको एक तरह दर्द लगातार होता रहेगा।
यूरिनेंस में बदलाव
अगर आपको सामान्य से कम या ज्यादा यूरिन आ रहा है या मूत्र की समस्या हो रही है तो यह आपकी किडनी में किसी समस्या का संकेत हो सकता है। इसके साथ ही यदि आपको मूत्र त्याग करते समय अगर परेशानी हो रही है या उसका रंग असामान्य लग रहा है तो यह भी इससे जुड़ी समस्या की ओर इशारा करता है।आपको ऐसा कुछ महसूस होने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह ले।
ब्लड शुगर और बीपी रहे कंट्रोल में
यदि आपको डायबिटीज या हाई बीपी है तो इन स्थितियों को प्रभावित ढंग से मैनेज करना बहुत जरूरी है एक हेल्थ केयर प्रोवाइडर के अनुसार नियमित रूप से ब्लड शुगर लेवल को मॉनिटर करना जरूरी है डॉक्टर द्वारा बताएगी दवाएं समय पर लेते रहें। स्वस्थ जीवन शैली के नियमो का पालन करें। प्रतिदिन एक्सरसाइज करें एवं संतुलित आहार लें। नियमित रूप से व्यायाम करते रहे इसको ना छोड़े तनाव से दूर रहकर किडनी को स्वस्थ रख सकते हैं।
किडनी का स्वस्थ रखने के उपाय

यदि आप लंबे समय तक स्वस्थ जीवन जीना चाहते हैं और किसी प्रकार के समस्याओं या बीमारी से नहीं घिरना चाहते हैं तो इसके लिए जरूरी है कि अपना लाइफ स्टाइल में बदलाव लाये एवं अपने शरीर एवं किडनी को स्वस्थ बनाए रखें यह आपकी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है क्योंकि सभी कार्यों से सबसे महत्वपूर्ण कार्य है आपका अपने शरीर का ध्यान रखना है। तो आईए जानते हैं कि कैसे हम अपनी किडनी को स्वस्थ रख सकते हैं-
- पर्याप्त पानी पिए लगभग तीन से चार लीटर प्रतिदिन
- औसत से अधिक या कम पानी न पिए
- ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रखें
- नमक का सेवन कम करें
- नियमित रूप से व्यायाम और मेडिटेशन करें विशेष रूप से कपालभाति
- पौष्टिक और संतुलित आहार ले
- प्रतिदिन 6 से 7 घंटे की नींद जरूर ले
- धूम्रपान न करें क्योंकि धूम्रपान करने से किडनी ब्लॉक हो जाती है एवं वे फेल हो सकती हैं।
- बिना डॉक्टर परिचय के मिलने वाली दवा का उपयोग सीमित या न के बराबर करें
किडनी की समस्या है ‘साइलेंट डिजीज’
किडनी की बीमारी को साइलेंट डिजीज भी कहा जाता है क्योंकि इसके लक्षण जल्द नजर नहीं आते हैं इसे आमतौर पर शुरुआती लक्ष्य चरण में इस बीमारी का पता भी नहीं चल पाता है इसलिए समय-समय पर पूरी बॉडी की चेकअप कराना जरूरी होता है जिससे हम अपने शरीर का ध्यान रख सकते हैं एवं शरीर को स्वस्थ रखने के उपाय खोज सकते हैं।