गुड फ्राइडे ईसाई धर्म का एक प्रमुख धार्मिक पर्व है। यह हर साल ईस्टर संडे से पहले वाला शुक्रवार को मनाया जाता है। इस दिन को “गुड फ्राइडे” कहा जाता है, लेकिन वास्तव में यह ईसाई समुदाय के लिए एक शोक का दिन होता है।
गुड फ्राइडे मनाने के पीछे का कारण:
इस दिन ईसाई धर्म के संस्थापक ईसा मसीह (Jesus Christ) को सूली पर चढ़ाया गया था। उन्हें अन्यायपूर्ण रूप से गिरफ्तार किया गया, अपमानित किया गया, और फिर क्रूस (सूली) पर चढ़ा दिया गया।
ईसाई मान्यताओं के अनुसार, ईसा मसीह ने मानवता के पापों का प्रायश्चित करने के लिए अपनी जान दी थी। उन्होंने प्रेम, क्षमा, और बलिदान का संदेश दिया। इसलिए, भले ही यह दिन दुखद है, लेकिन इसे “गुड” (अच्छा) इसलिए कहा जाता है क्योंकि इस दिन ईसा मसीह ने मानवता के उद्धार के लिए बलिदान दिया।
गुड फ्राइडे पर क्या किया जाता है:

- चर्चों में विशेष प्रार्थनाएं होती हैं।
- ईसा मसीह के बलिदान को याद किया जाता है।
- कई लोग इस दिन उपवास (fasting) करते हैं और शांति व आत्म-चिंतन करते हैं।
- कोई भी खुशियाँ या उत्सव नहीं मनाए जाते।
कहानी:
बहुत समय पहले, आज से लगभग 2000 साल पहले, एक महान आत्मा ने जन्म लिया था—ईसा मसीह। उन्होंने हमेशा लोगों को सच्चाई, प्रेम, करुणा और क्षमा का संदेश दिया। वे गरीबों की मदद करते थे, बीमारों को ठीक करते थे और दूसरों को सच्चाई की राह पर चलने के लिए प्रेरित करते थे।
ईसा मसीह के बढ़ते प्रभाव से कुछ लोग, खासकर राजा और धार्मिक नेता, असंतुष्ट हो गए। उन्हें लगा कि ईसा मसीह उनके खिलाफ लोगों को भड़का रहे हैं। इसलिए उन्होंने षड्यंत्र रचकर ईसा को गिरफ्तार करवा दिया।
उन्हें बिना किसी दोष के, जनता के सामने सूली पर चढ़ाने की सजा सुनाई गई। जिस दिन उन्हें सूली पर चढ़ाया गया, वह दिन शुक्रवार था—और यही दिन आज गुड फ्राइडे के नाम से जाना जाता है।
ईसा मसीह ने मृत्यु से पहले भी अपने दुश्मनों को माफ कर दिया और कहा—
“हे पिता, इन्हें क्षमा करना, क्योंकि ये नहीं जानते कि ये क्या कर रहे हैं।”
उनका यह प्रेम और क्षमा का भाव ही उन्हें महानतम गुरु बनाता है।
गुड फ्राइडे का संदेश यही है कि बुराई कितनी भी शक्तिशाली क्यों न हो, अंत में सच्चाई, प्रेम और बलिदान की ही जीत होती है।