जहाँ शिक्षक को कक्षा में बच्चों को पढ़ना चाहिए और क्लास में होना चाहिए आज सड़को पर उतर आये है। शिक्षक अपने स्वार्थ के लिए नहीं बल्कि बच्चों के लिए न्याय मांग रहे हैं उनके अधिकारों की मांग कर रहे हैं ताकि सभी परीक्षाएं निष्पक्षता और पूरी पारदर्शिका के साथ करवाई जाए।
देश के अलग-अलग राज्यों से SSC Protest को लेकर अभ्यर्थियों के समर्थन में दिल्ली पहुंचे शिक्षकों को पुलिस ने खदेड़ दिया और कुछ को अरेस्ट कर लिया. सभी शिक्षक कर्मचारी चयन आयोग (SSC) की ओर से आयोजित परीक्षा में होने वाली गड़बड़ियों में सुधार की मांग को लेकर दिल्ली स्थित कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग कार्यालय (DOPT) के पास जमा हुए थे।
विरोध का कारण क्या है?

SSC Selection Post Phase‑13 परीक्षा में हुई तकनीकी गड़बड़ियाँ, अचानक रद्द हुई शिफ्टें, खराब केंद्र प्रबंधन और कथित दुर्व्यवहार को लेकर आज हजारों छात्र और शिक्षक दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे हैं .
इस विरोध अभियान की शुरुआत “Delhi Chalo” नारे के साथ हुई, जहां प्रदर्शनकारियों ने Jantar Mantar और CGO Complex सहित SSC मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन किया .
#SSCMisManagement क्या है?
सोशल मीडिया पर यह एक प्रमुख ट्रेंड (#SSCMisManagement) बन चुका है, जिससे सिस्टम की लंबी अवधि की दोषपूर्ण प्रक्रियाओं और जवाबदेही की कमी को उजागर किया जा रहा है ।
शिक्षकों की भागीदारी
Neetu mam जैसे लोकप्रिय शिक्षक भी छात्रों के साथ शामिल हुए और उन्होंने सरकार से परीक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता एवं सुधार की मांग की है ।
पुलिस का रवैया
प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस ने लाठी चार्ज और गिरफ्तारी जैसी कार्रवाई की, जिससे तनावपूर्ण स्थिति उत्पन्न हुई ।
विरोध प्रदर्शन के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हैं, जिसने सार्वजनिक गुस्से को और बढ़ावा दिया है।
विरोधकारियों की मुख्य माँगें
माँग विवरण
जांच और जवाबदेही SSC की परीक्षा प्रक्रिया की निष्पक्ष स्वतंत्र जांच हो।
प्रणाली में सुधार परीक्षा संचालन में vendor/प्रौद्योगिकी की भूमिका में सुधार एवं SSC में विश्वास बहाली।
प्रभावित उम्मीदवारों के लिए राहत परीक्षाओं को पुनः आयोजित करना, मुआवजा या वैकल्पिक व्यवस्था की व्यवस्था।
Protests पर निष्कर्ष
आज देशभर से आए छात्रों और शिक्षकों द्वारा SSC परीक्षा प्रणाली के खिलाफ एक संगठित विरोध चल रहा है।
उनका मानना है कि अचानक रद्द हुई शिफ्टें, तकनीकी दोष, और प्रयोगशाला-स्तरीय प्रबंधन में कमी ने उनकी मेहनत और भविष्य को प्रभावित किया है।
विरोधकारियों की मांग पारदर्शिता, जवाबदेही, और न्याय की दिशा में सरकार द्वारा उचित कदम उठाना है।