आज एक और सुर हमेशा के लिए शांत हो गया मंगलवार को मशहूर संगीतकार और गायक बप्पी लहरी का निधन हो गया है
अलोकेश लहरी जिन्हें बप्पी लहरी के नाम से जाना जाता था इन्हीं प्यार से लोग “बप्पी दा” करके पुकारते थे।
बप्पी दा एक भारती गायक ,संगीतकार, राजनीतिज्ञ और रिकॉर्ड निर्माता थे उन्हें भारतीय सिनेमा में संश्लेषित डिस्को संगीत के लोग उपयोग को लोकप्रिय बनाया और अपने कुछ रचनाओ को भी गाने के रूप में गाया। आज देश ने एक सितारा खो दिया है। अभी कुछ दिन पहले देश ने अपना एक और अद्भुत अतुलनीय सितारा लता मंगेशकर जी को भी खो दिया है।
मशहूर गायक संगीतकार बप्पी लहरी का निधन
मशहूर संगीतकार बप्पी लहरी का मंगलवार रात मुंबई के एक अस्पताल में कई स्वास्थ्य समस्याओं के कारण निधन हो गया वह अभी मात्र 69 वर्ष के थे उनका अंतिम संस्कार संस्कार गुरुवार को होगा उनके परिवार ने ऐसा एक बयान में कहा
परिवार के सदस्यों का कहना है कि अंतिम संस्कार 17 फरवरी को होगा क्योंकि उनका परिवार उनके बेटे के लॉस एंजिल्स से लौटने का इंतजार कर रहा है। यह हमारे लिए एक गहरा दुखद क्षण है हमारे प्यारे बप्पा दा कल आधी रात को स्वर्ग की यात्रा पर निकल गए हैं। अब हम सभी उनकी आत्मा की शांति के लिए भगवान से प्रार्थना कर रहे हैं।
अस्पताल के निदेशक डॉ दीपक नामजोशी ने बताया कि बप्पा लहरी ऑब्स्ट्रक्टिव स्लीप एपनिया(ओ ए एस) और बार-बार होने वाली सीने में संक्रमण से पीड़ित थे ।इसके साथ उन्हें 29 दिनों के लिए क्रिटीकेयर अस्पताल , जुहू में भर्ती कराया गया था। अभी कुछ दिन पहले अच्छी तरह से ठीक हो गए थे 14 फरवरी को उन्हें घर जाने की अनुमति दे दी गई थी हालांकि 1 दिन के बाद घर पर उनका स्वास्थ्य फिर से बिगड़ गया और उन्हें गंभीर अवस्था में वापस क्रिटीकेयर अस्पताल लाया गया और लगभग 11:45 पर उनकी बीमारी के कारण उनकी मृत्यु हो गई और वे स्वर्ग को सिधार गए। पिछले साल कोविड संक्रमण से भी पीड़ित थे उन्हें पिछले 1 साल से ओएएस था।
बप्पी लहरी की पृष्ठभूमि
जन्म नाम(वास्तविक नाम) – आलोकेश लाहड़ी
जन्म – 27 नवंबर 1952 जलपाईगुड़ी पश्चिम बंगाल भारत
मृत्यु – 15 फरवरी 2022 (आयु 69 साल)
व्यवसाय -गायक संगीतकार रिकॉर्ड निर्माता राजनीतिज्ञ
उपकरण – तबला ,पियानो ,ड्रम गिटार, बोगो ,ढोलक, वोकल्स,
लेबल -बीएल ध्वनि ,सारेगामा, विनस रिकॉर्ड्स और टेप्स ,टी सीरीज, टिप्स इंडस्ट्रीज, यूनिवर्सल म्यूजिक ग्रुप, अभय रोड स्टूडियो
आरंभिक जीवन
बप्पी लहरी गजानन जलपाईगुड़ी में एक बंगाली परिवार में हुआ था उनके माता-पिता अपरेश लहरी और बांसुरी लहरी दोनों शास्त्रीय संगीत और श्यामा संगीत में बंगाली गायक और संगीतकार थे। श्यामा संगीत में बप्पी दा भी काफी निपुण थे । बप्पी दा अपने मां बाप की इकलौती संतान थी उनकी रिश्तेदारों में गायक किशोर कुमार उनके मामा शामिल है।
बप्पी दा के जीवन में संगीत का आगमन
बप्पी लहरी ने 3 साल की उम्र में तबला बजाना शुरू किया था शुरुआत में उन्हें माता-पिता ने प्रशिक्षित किया बचपन से ही उन्होंने अमेरिका संगीतकार एल्विस प्रेसली को मूर्तिमान किया और जिन्होंने उन्हें आभूषण पहनने के लिए प्रेरित किया।
हालांकि उन्हें डिस्को शैली की गीतों के लिए जाना जाता था जहां उन्होंने अंतरराष्ट्रीय ध्वनियों और युवा उत्साही संगीत के साथ भारतीय संगीत का आर्केस्ट्रा और फ्यूजन भी संगीत की दुनिया में लाए हालांकि उनके अधिकांश गीतों को लोगों के द्वारा पसंद किया गया। हम आपको बता दें कि उन्होंने 1985 की फिल्म एतबार के लिए कुछ गजलों को भी तैयार किया जिसका नाम किसी नजर को तेरा इंतजार आज भी है और ‘आवाज दी है‘ जैसे है।
बप्पी दा के लोकप्रिय गीतों एवं संगीतोके कारण दुनिया उन्हें हमेशा याद रखेगी क्योंकि वह लोगों के दिल में अपनी एक विशेष जगह बना कर इस दुनिया से अलविदा कह गए हैं।
बप्पी लहरी की प्रमुख रचनाएं
- अमर संगीत
- आशा ओ भालोबाशा
- अमर प्रेम
- मदिरा
- बदनाम
- नमक हलाल
- शराबी
- नौकर बीवी का
- नया कदम
- डिस्को डांस
- मास्टर जी
- बेवफाई
- इंसाफ मैं करूंगा
- डांस डांस
- साहेब
- अधिकार
- आज का विधायक राम आदि
बप्पी लहरी का राजनीतिक जीवन
बप्पी दा 2014 में भाजपा में शामिल हुए थे उन्हें पश्चिम बंगाल के श्रीरामपुर लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा का उम्मीदवार घोषित किया गया 2014 में भारतीय जनता पार्टी के चुनाव हुए जिसमें वे हार गए थे
एक संगीतकार के रूप में उनका जीवन
- बप्पी दा को संगीत के क्षेत्र में अनेक पुरस्कार से सम्मानित किया गया है
- 1982 में उन्हें अरमानी,
- 1983 में नमक हलाली, शराबी के लिए उत्कृष्ट पुरस्कार दिया गया
- 1985 में फिल्म कसम पैदा करने वाले की के सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशक के रूप में उन्हें फिल्म फेयर पुरस्कार से सम्मानित किया।
- 2018 में बप्पी लहरी को लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से नवाजा गया था
- 2012 में मिर्ची संगीत पुरस्कार से उन्हें सम्मानित किया गया था
बप्पी लहरी की प्रसिद्धि का कारण
बप्पी दा संगीत के क्षेत्र में तो प्रसिद्ध थे ही साथ ही बप्पी दा को लोग रॉकस्टार के नाम से भी जानते थे बप्पी दा सोना पहनने और चश्मा लगाकर चलने के लिए भी जाने जाते थे। उनका असली नाम और आलोकेश लहरी था । उन्होंने 3 साल की उम्र में ही तबला बजाना शुरू कर दिया था और 19 साल की उम्र में संगीत के क्षेत्र में अपना एक अद्भुत स्थान प्राप्त कर लिया।