सार
भारत सरकार ने 1 जुलाई से सिंगल यूज या एक बार उपयोग होने वाले प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगा दिया है। पॉलीस्टायरीन और विस्तारित पॉलिस्ट्रीन सहित एक बार उपयोग होने वाले प्लास्टिक का निर्माण, आयात, भंडारण, वितरण, बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध संबंधी यह आदेश 1 जुलाई 2022 से प्रभावी हो गया है। यह जानकारी केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से दी गई है।
विस्तार
इस महीने की शुरुआत से ही देश भर में सिंगल यूज प्लास्टिक के 19 आइटमो पर बैन लगा दिया गया है। आने वाली 10 जुलाई तक इसका उपयोग करने वालों को जागरूक किया जाएगा लेकिन इसके बाद जुर्माना से लेकर जेल तक का प्रावधान भी रखा गया है सबसे खास बात इसमें यह है कि अगर कोई नदियों में प्लास्टिक फेकता मिला है तो उस पर भी जुर्माना लगेगा यही काम कोई संस्था करती है तो उस पर आम आदमी से 25 गुना ज्यादा जुर्माना लगेगा।
प्लास्टिक की बनी किन वस्तुओ पर लगाया गया बैन
प्लास्टिक के बने एअरबड्स ,बैलून स्टिक,झंडे, कैंडी स्टिक, आइसक्रीम स्टिक्स ,थर्माकोल ग्लास, प्लेट ,चम्मच, छुरी स्ट्रा, ट्रे, व डिब्बों को पैक करने वाली प्लास्टिक ,निमंत्रण पत्र, सिगरेट पैकेट सहित 100 माइक्रोन से भी कम मोटाई वाले प्लास्टिक और पीवीसी बैनर को बंद कर दिया गया है।

सिंगल यूज प्लास्टिक क्या है?
प्लास्टिक की ऐसी वस्तुएं जिन्हें केवल एक बार इस्तेमाल करने के बाद फेंक दिया जाता है। आमतौर पर इनका उपयोग पैकेजिंग में किया जाता है। इनमें किराना बैग, खाद्य पैकेजिंग, सिगरेट बट्स, प्लास्टिक की बोतलें, प्लास्टिक के ढक्कन, स्ट्रॉ और स्टिरर, प्लास्टिक के कंटेनर, कप और कटलरी का सामान शामिल हैं।
अधिकांश प्लास्टिक नष्ट होने वाले या बायोडिग्रेडेबल नहीं होते हैं। इसके बजाय वे धीरे-धीरे छोटे टुकड़ों में टूट जाते हैं जिन्हें माइक्रोप्लास्टिक कहा जाता है।
एक बार उपयोग होने वाले प्लास्टिक से पर्यावरण अव्यवस्थित होता है। अपर्याप्त अपशिष्ट प्रबंधन प्रणालियों का भी भारी प्रभाव पड़ता है।
कैसे करें इसकी पहचान
इस बार सिंगल उस प्लास्टिक के तहत 19 आइटम पर बैन लगाया गया है इसकी पहचान केंद्रीय रसायन व उर्वरक मंत्रालय के निर्देशों पर रसायन एवं पेट्रो रसायन विभाग के विशेषज्ञों की एक समिति के द्वारा की जाएगी समिति ने दो पैमानों पर यह आइटम चुने हैं।
१. पहला उपयोगिता के आधार पर
२ दूसरा पर्यावरण पर असर के आधार पर
दुनिया भर में हर सेकेंड 15,000 प्लास्टिक की बोतलें बिकती हैं, वहीं हर साल 26 से 27 ट्रिलियन प्लास्टिक बैगों की खपत होती है।
सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन क्यों है जरूरी?
सिंगल यूज प्लास्टिक वो होता है, जिसका इस्तेमाल एक ही बार होता है और फिर उसे फेंक दिया जाता है।खास बात ये है कि इन्हें रिसाइकिल भी नहीं किया जा सकता है।
अब बताते हैं कि आखिर सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन क्यों जरूरी है? देश में प्रदूषण फैलाने में प्लास्टिक कचरा सबसे बड़ा कारण है. रिपोर्ट्स के अनुसार, केंद्र सरकार के आंकड़ों के मुताबिक देश में 2018-19 में 30.59 लाख टन और 2019-20 में 34 लाख टन से ज्यादा प्लास्टिक कचरा जेनरेट हुआ था. ये कचरा ही नदियों में पहुंचकर पानी और वातावरण को दूषित करता है.
सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगने के बाद क्यों सता रहा कारोबारियों को बेरोजगारी का डर
देश भर में कई हज़ार उद्योग और उत्पादन इकाइयां प्लास्टिक के व्यापार में लगी हुई हैं, जिससे देश में करोड़ों लोगों को रोजगार मिल रहा है।सिंगल यूज प्लास्टिक के बंद होने की स्थिति में उनकी व्यावसायिक गतिविधियां समाप्त हो जाएंगी, जिसकी वजह से इन कंपनियों में काम करने वाले ऐसे सभी लोगों की बेरोजगारी भी हो सकती है।
एक तो सिंगल यूज प्लास्टिक के बैन से इसका कारोबार करने और इसके प्रोडक्शन में शामिल लोगों के लिए रोजगार का खतरा हो जाएगा। इसके अलावा इंडस्ट्री में काम कर रहे लोगों के लिए भी मुश्किल खड़ी हो जाएगी।
हाल ही में कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने कहा कि सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन एक व्यावहारिक कदम है और पर्यावरण की रक्षा के लिए बहुत जरूरी है, लेकिन समान और उचित विकल्पों के अभाव में यह बैन देश के उद्योग एवं व्यापार पर विपरीत प्रभाव डाल सकता है।