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Home»Religion (dharmik)»जाने छठ पूजा की पौराणिक कथा एवं पूजा में इन छह फलों का विशेष महत्व…
Religion (dharmik)

जाने छठ पूजा की पौराणिक कथा एवं पूजा में इन छह फलों का विशेष महत्व…

By Archana DwivediUpdated:November 20, 2023
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हिंदू धर्म में छठ पूजा का भी विशेष महत्व है । जिसकी शुरुआत आस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने से उदय होते सूर्य को अर्घ्य देने तक माना जाता है। यह पूजा लगभग चार दिन तक चलती है। जिसकी शुरुआत कार्तिक शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को नहाए खाए छठ व्रत से प्रारंभ हो जाती है।

2023 में यह महापर्व कार्तिक मास में शुक्रवार से प्रारंभ होकर सोमवार तक मनाया गया है। आज इस पूजा का अंतिम दिन है जिसमें उदय होते सूर्य को अर्घ्य दिया गया है। आईये जानते हैं कि क्या है छठ व्रत की पौराणिक मान्यता…

पौराणिक मान्यता

माता सीता ने भी रखा था यह व्रत

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार ऐसा माना जाता है कि इस व्रत को माता सीता ने भी रखा था यह कथा उस समय की है जब रावण का वध करने के बाद भगवान श्री रामचंद्र की पहली बार अयोध्या आए तो माता सीता ने छठ का उपवास रखा था और उन्होंने सूर्य देव की पूजा अर्चना की थी ।तब से सभी महिलाएं छठ माता का व्रत रखकर सूर्य को अर्घ्य देने से पूजा प्रारंभ करती हैं।

महाभारत में द्रोपदी ने भी रखा था यह व्रत

छठी मां छठ माता के व्रत की अनेक पौराणिक कथाएं प्रसिद्ध हैं जिसमें से एक कथा द्रोपदी के व्रत से प्रारंभ होती है यह बात उसे समय की है जब महाभारत काल में पांडव चापर में अपना राजपाट सब जब हार गए थे तो द्रौपदी ने छठ व्रत रखकर छठी मैया और सूर्य देव की उपासना कर उन्हें प्रसन्न किया था। जिससे खुश होकर छठ माता ने द्रौपदी को आशीर्वाद दिया था द्रोपदी की इस पूजा का सफल फल यह हुआ कि पांडवों को उनका खोया हुआ राज्य पाट और साथ में सम्मान भी प्राप्त हुआ।

तभी से सभी महिलाएं अपने संतान, स्वास्थ्य और समृद्धि की कामना हेतु माता की पूजा करती हैं एवं उनका व्रत रखती हैं यह पूजा भोजपुरी समाज में बड़ी आस्था का प्रतीक है। माता सभी की मनोकामनाएं पूरी करती हैं इस व्रत में पवित्रता का विशेष महत्व है। यह एक ऐसा व्रत है जिसमें विवाहित महिलाओं के अलावा पुरुष भी यह व्रत रखते हैं।

इन 6 फलों का होता है विशेष महत्व

वैसे तो छठी माता की व्रत में अनेक प्रकार के पुष्प फल सब्जियां आदि प्रसाद के रूप में चढ़ाए जाते हैं परंतु इसमें कुछ चीज ऐसी हैं जिनका इसमें विशेष महत्व होता है आईए जानते हैं कि कौन से हैं वे फल , सब्जियां जिन्हें इसमें चढ़ाना बहुत जरूरी माना जाता है-

गागर नींबू

छठ माता को चढ़ाए जाने वाले गागर नींबू का अपना एक विशेष महत्व है गागर नींबू ऊर्जा का प्रतीक है छठ माता को चढ़ाने से व्यक्ति हमेशा ऊर्जावान रहता है।

गन्ना

यदि हम बात करें कि गन्ने की तो तो यह मीठा होता है जो कि सुख समृद्धि का भी पर्याय है । इसका प्रयोग छठ माता के व्रत में किया जाता है।

केला

केला को सभी प्रकार की पूजा में फल के तौर पर प्रयोग किया जाता है परंतु छठ माता के व्रत में यह विशेष शक्ति का प्रतीक माना जाता है। केला शक्ति भाव देने का प्रतीक है।

सुपारी

सुपारी छठ माता के व्रत में शुभता का प्रतीक है जिसका प्रयोग छठ पूजा में किया जाता है। इससे घर में सुख समृद्धि एवं शुभता बनी रहती है ।

सिंघाड़ा

छठ माता के व्रत में सिंघाड़े को भी चढ़ाया जाता है सिंघाड़ा आवरण से ढका होता है जो आत्म सुरक्षा का भाव जागृत करता है ।

नारियल

नारियल जो की माता के व्रत में भी चढ़ाया जाता है यह प्रेम व सुंदरता का प्रतीक माना जाता है । मान्यता है कि छठ मां को नारियल चढ़ाने से व्यक्ति के घर में प्रेम, प्रसन्नता ,संपन्नता का वास होता है

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Archana Dwivedi
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I’m Archana Dwivedi - a dedicated educator and founder of an educational institute. With a passion for teaching and learning, I strive to provide quality education and a nurturing environment that empowers students to achieve their full potential.

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