दिवाली या दीपावली भारत का सबसे प्रमुख और पवित्र त्योहार है। यह अंधकार पर प्रकाश, बुराई पर अच्छाई, और अज्ञान पर ज्ञान की विजय का प्रतीक है। इस दिन भगवान श्रीराम चौदह वर्षों के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे, इसलिए नगरवासियों ने दीप जलाकर उनका स्वागत किया। तभी से यह परंपरा हर वर्ष मनाई जाती है।
दिवाली धन, समृद्धि और सौभाग्य की देवी माँ लक्ष्मी की पूजा का विशेष पर्व भी है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन माँ लक्ष्मी पृथ्वी पर आती हैं और जिस घर में स्वच्छता, पवित्रता और भक्ति होती है, वहाँ स्थायी रूप से निवास करती हैं
杖 दिवाली का पर्व कैसे मनाया जाता है
1. घर की सफाई व सजावट:
दिवाली से पहले घर की पूरी सफाई की जाती है। दीवारें, दरवाजे, खिड़कियाँ, और आंगन सबको साफ करके सुंदर रंगोली, फूलों, और दीपों से सजाया जाता है।
2. दीप प्रज्ज्वलन:
सूर्यास्त के बाद घर के हर कोने में मिट्टी के दीये जलाए जाते हैं। ये दीये न केवल रोशनी फैलाते हैं बल्कि यह संकेत भी देते हैं कि हमें अपने जीवन से अंधकार (अज्ञान) को मिटाना चाहिए।
3. लक्ष्मी-गणेश की पूजा:
सायं काल में शुभ मुहूर्त में लक्ष्मी-गणेश की विधिवत पूजा की जाती है।
4. मिष्ठान व मिठाई बाँटना:
परिवारजन और मित्र एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर बधाई देते हैं।
5. आतिशबाजी व खुशियाँ:
बच्चे और बड़े सब मिलकर दीप, पटाखे, और आतिशबाजी से अपनी खुशियाँ व्यक्त करते हैं।
दिवाली की पूजा क्यों की जाती है
दिवाली की पूजा धन और समृद्धि की देवी लक्ष्मी तथा बुद्धि के देवता गणेश जी की की जाती है।
लक्ष्मी जी से घर में धन, समृद्धि, और सौभाग्य का आगमन होता है।
गणेश जी की पूजा से बुद्धि और विवेक की प्राप्ति होती है ताकि धन का सदुपयोग हो।
पूजा का विधान

1. शुभ मुहूर्त में पूजा आरंभ करें।
2. लक्ष्मी जी, गणेश जी, कुबेर जी, और दीपक देव की प्रतिमा को स्थापित करें।
3. चावल से स्वस्तिक बनाकर दीप जलाएँ।
4. पुष्प, फल, मिठाई, चांदी/सोने के सिक्के, और हल्दी-कुमकुम से पूजन करें।
5. आरती करें और घर में दीप जलाएँ।
6. पूजा के बाद कुबेर जी और लक्ष्मी जी से धन-समृद्धि की प्रार्थना करें।
दिवाली 2025 का शुभ मुहूर्त
दीपावली की तिथि: सोमवार, 20 अक्टूबर 2025
लक्ष्मी पूजन मुहूर्त: सायं 5:41 PM से 7:39 PM तक
(अवधि: 1 घंटा 58 मिनट)
अमावस्या तिथि प्रारंभ: 20 अक्टूबर को सुबह 02:40 बजे
अमावस्या तिथि समाप्त: 21 अक्टूबर को सुबह 04:15 बजे
अपने घर और मन दोनों को साफ रखें।
गरीबों और ज़रूरतमंदों को दान दें।
परिवार के साथ समय बिताएँ और प्यार बाँटें।
प्रदूषण-मुक्त दिवाली मनाएँ — दीपों की रोशनी से घर जगमगाएँ।
मिठास, प्रेम और भाईचारे से इस पर्व को मनाएँ।
✨ संदेश
> “दीपों की रौशनी से जीवन को जगमगाएँ,
मन के अंधकार को ज्ञान से मिटाएँ।
माँ लक्ष्मी का आशीर्वाद सब पर बरसे,
हर घर में खुशियाँ और समृद्धि बस जाएँ।”

 
									 
					
