हिंदू धर्म में एकादशी का दिन बहुत पावन दिन माना गया है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, जो व्यक्ति इस तिथि पर भगवान विष्णु की पूजा-पाठ विधिवत करता है, उसके जीवन में कभी धन-धान्य की कमी नहीं होती है। कहा जाता है कि इस दिन भगवान नारायण ने मोहिनी का रूप धारकर भस्मासुर का संहार किया था। इस कारण इस एकादशी को मोहिनी एकादशी कहा जाता है।
वैशाख मास के शुल्क पक्ष की एकादशी तिथि को मोहिनी एकादशी के रूप में मनाया जाता है। इस बार मोहिनी एकादशी 19 मई को मनाई जा रही है। अगर इस दिन भगवान विष्णु की उपासना और एकादशी का व्रत विधि विधान से किया जाए तो ये जातक को इतना फल देती है कि जीवन से कष्ट और दरिद्रता से मुक्ति मिल सकती है और सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है।
मोहिनी एकादशी का व्रत करने से होने वाले लाभ
मोहिनी एकादशी का व्रत करने वाले व्यक्ति को भगवान नारायण की विशेष कृपा प्राप्त होती है साथ ही महालक्ष्मी माता भी उन पर सहाय रहती हैं। आईए जानते हैं कि एकादशी का व्रत रखने से कौन से लाभ मिलते हैं।
- मोहिनी एकादशी पर तुलसी के सामने घी का दीपक जलाएं। साथ ही तुलसी माता के मंत्रों का जाप करें। इसके बाद तुलसी माता की 11 परिक्रमा पूरी करें। ऐसा करने से भगवान विष्णु की कृपा भक्त पर बनी रहती है और दुखों से मुक्ति मिलती है।
- जिन लोगों के विवाह में देरी हो रही है। उन्हें मोहिनी एकादशी का व्रत जरूर करना चाहिए। इस दिन आप बताए गए इस उपाय को जरूर करें। मोहिनी एकादशी पर आपको भगवान विष्णु को पीले फूल अर्पित करने चाहिए है। ऐसी मान्यता जाता है कि जो भी जातक इस उपाय को करता है, तो उसके विवाह में आ रही बाधाएं खत्म हो जाती हैं।
- शास्त्रों के अनुसार मोहिनी एकादशी का व्रत पूरे विधि-विधान से करने और रात्रि जागरण करने वाले व्यक्ति को वर्षों की तपस्या के बराबर पुण्य प्राप्त होता है. इससे प्राप्त पुण्य एक हजार गायों का दान करने, तीर्थों की यात्रा करने और यज्ञों को करने से प्राप्त होने वाले के बराबर होते हैं. इस व्रत के शुभ फल से व्यक्ति जन्म और पुनर्जन्म के चक्र से मुक्त हो जाता हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है.
मोहिनी एकादशी शुभ योग
इस बार मोहिनी एकादशी बहुत ही खास मानी जा रही है क्योंकि इस दिन द्विपुष्कर योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग, शुक्रादित्य योग, राजभंग योग और लक्ष्मी नारायण योग का निर्माण होने जा रहा है.
मोहिनी एकादशीकी पूजन विधि
मोहिनी एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और व्रत का संकल्प लें। साफ व नए कपड़े पहनें और फिर अपने घर के मंदिर की साफ सफाई करें। एक चौकी पर साफ पीले या लाल रंग का कपड़ा बिछाएं और फिर भगवान विष्णु की मूर्ति स्थापित करें। भगवान को चंदन का तिलक जरूर लगाएं. भगवान विष्णु को पीले रंग के फूल अर्पित करें और साथ ही धूप, दीप, नैवेद्य चढ़ाएं। मोहिनी एकादशी की कथा का पाठ अवश्य करें क्योंकि इसके बिना व्रत व पूजा अधूरी मानी जाती है।इस दिन गरीबों व जरूरतमंदों को दान करना शुभ माना जाता है।शाम के समय आरती करें और अगले दिन द्वादशी तिथि के दिन व्रत पारण करें।
मोहिनी एकादशी की सही तिथि
वैशाख मास शुक्ल पक्ष एकादशी तिथि का व्रत 19 मई दिन रविवार को रखा जाएगा।ऐसे तो सभी एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित है, लेकिन यह एकादशी तिथि और भी अधिक खास है। हर माह में 2 बार एकादशी तिथि आती है।एक कृष्ण पक्ष और दूसरा शुक्ल पक्ष में। वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 19 मई को पड़ रही है।