नवरात्रि के पहले दिन माँ शैलपुत्री की पूजा की जाती है।‘शैल’ का अर्थ है पर्वत और ‘पुत्री’ का अर्थ है पुत्री। वे पर्वतराज हिमालय की पुत्री होने के कारण शैलपुत्री कहलाती हैं। माँ शैलपुत्री के दाहिने हाथ में त्रिशूल और बाएँ हाथ में कमल पुष्प होता है। वे वृषभ (बैल) पर विराजमान रहती हैं।माँ शैलपुत्री को सभी सिद्धियों और शक्तियों का मूल आधार माना जाता है। माँ शैलपुत्री की कथा पिछले जन्म में वे सती थीं और भगवान शिव की पत्नी बनीं।जब उनके पिता दक्ष प्रजापति ने भगवान शिव का अपमान किया, तब सती ने यज्ञकुंड में कूदकर अपना देह…
Author: Archana Dwivedi
नवरात्रि भारत के बहुत ही पवित्र त्यौहार है। यह देवी मां दुर्गा की आराधना का पर्व है। जैसा कि आप सब जानते हैं की नवरात्रि साल में दो बार आती है – चैत्र नवरात्रि ( मार्च और अप्रैल ) और शारदीय नवरात्रि ( सितंबर और अक्टूबर )इस बार शारदीय नवरात्रि 22 सितंबर 2025 से शुरू हो रही है और 1 अक्टूबर 2025 तक रहेगी। घट स्थापना का शुभ मुहूर्त -: पंडितों के अनुसार नवरात्रि की शुरुआत घटस्थापना से होती है। इस दिन माँ दुर्गा का स्वागत कलश स्थापना करके किया जाता है।तारीख – 22 सितम्बर 2025 (सोमवार)शुभ मुहूर्त – सुबह…
वसंत ऋतु छाई हुई थी। राजा कृष्णदेव राय बहुत ही खुश थे। वह तेनालीराम के साथ बाग में टहल रहे थे। वह चाह रहे थे कि एक ऐसा उत्सव मनाया जाए, जिसमें उनके राज्य के सारे लोग शामिल हों। पूरा राज्य उत्सव के आनंद में डूब जाए। इस विषय में वह तेनालीराम से भी राय लेना चाहते थे। तेनालीराम ने राजा की इस सोच की प्रशंसा की और इसके बाद राजा ने विजयनगर में राष्ट्रीय उत्सव मनाने का आदेश दे दिया। शीघ्र ही नगर को स्वच्छ करवा दिया गया, सड़कों व इमारतों में रोशनी की व्यवस्था कराई गई। पूरे नगर…
त्वचा (Skin) हमारे शरीर का सबसे बड़ा और संवेदनशील अंग है, जो न केवल हमें बाहरी वातावरण से सुरक्षित रखता है बल्कि हमारी सुंदरता और व्यक्तित्व का भी अहम हिस्सा है। आज की भागदौड़ भरी जिंदगी, प्रदूषण, तनाव और असंतुलित खानपान का सीधा असर हमारी त्वचा पर पड़ता है। ऐसे में सही स्किन केयर रूटीन अपनाना बेहद ज़रूरी हो जाता है। त्वचा की देखभाल क्यों ज़रूरी है? 1. स्वास्थ्य की पहचान – साफ और दमकती त्वचा हमारे अच्छे स्वास्थ्य का प्रतीक है। 2. आत्मविश्वास बढ़ाती है – निखरी त्वचा से आत्मविश्वास बढ़ता है और व्यक्तित्व आकर्षक लगता है। 3. बचाव…
परिचय हिंदू धर्म में एकादशी का विशेष स्थान है — यह चन्द्रमा की ग्यारवीं तिथि होती है, जब भगवान विष्णु की भक्ति, उपवास और आत्म-संयम के द्वारा शुद्धि और पुण्य की प्राप्ति होती है। ‘इंदिरा एकादशी’ आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी है, जिसे पितृपक्ष की अवधि में भी माना जाता है। इस दिन पितरों की आत्मा को शांति प्राप्त कराने और अपने पापों से मुक्ति पाने के लिए विशेष उपाय और व्रत किए जाते हैं। तिथि एवं मुहूर्त इंदिरा एकादशी इस वर्ष 17 सितंबर 2025 को है, आश्विन मास के कृष्ण पक्ष में। एकादशी-तिथि लगभग रात के 12:22…
हर निर्माण के पीछे एक ज्ञान, कौशल और समर्पण छिपा होता है। विश्वकर्मा—वह दिव्य हस्ती जिनके हाथों से देवों के भवन, यंत्र और अस्त्र जन्म लेते हैं—उनके प्रति आदर स्वरूप मनाया जाने वाला पर्व ही विश्वकर्मा पूजा है। यह त्यौहार शिल्पकारों, कारीगरों, इंजीनियरों, मैकेनिकों और उन सभी का सत्कार है जो किसी न किसी रूप में बनाते-गढ़ते हैं। इस वर्ष कब मनाएं? (तारीख और समय) तिथि: इस वर्ष विश्वकर्मा पूजा 17 सितंबर 2025 (बुधवार) को पड़ रही है। उपयुक्त समय (शुभ संकेत): सुबह-दोपहर के बीच पूजा करना श्रेष्ठ माना जाता है; कई स्थानों पर विजय-मुहूर्त दोपहर में आता है। सुझाव:…
एक छोटे से गाँव में अर्जुन नाम का लड़का रहता था। उसका परिवार बहुत गरीब था। पिता किसान थे और माँ घर का काम संभालती थी। अर्जुन बचपन से ही पढ़ाई में अच्छा था, लेकिन हालात ऐसे थे कि किताबें खरीदना भी मुश्किल हो जाता था। कई बार तो उसे अपने दोस्तों से पुरानी किताबें लेनी पड़ती थीं। गाँव के लोग अकसर कहते –“इतनी गरीबी में पढ़-लिखकर करेगा भी क्या? खेत जोत, यही तेरी किस्मत है।” लेकिन अर्जुन के अंदर एक अलग आग थी। वह मानता था कि अगर इंसान सच में ठान ले, तो उसकी मेहनत उसकी किस्मत बदल…
भारत विविधताओं का देश है। यहां अलग-अलग संस्कृतियाँ, परंपराएँ और भाषाएँ देखने को मिलती हैं। लेकिन इन सबके बीच हिंदी वह भाषा है जो सबसे अधिक लोगों को जोड़ती है। इसी कारण हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है। हिंदी दिवस क्यों मनाया जाता है? 14 सितंबर 1949 को भारतीय संविधान सभा ने एक ऐतिहासिक निर्णय लिया। इसमें तय किया गया कि हिंदी को भारत की राजभाषा बनाया जाएगा। इस दिन को यादगार बनाने और हिंदी के महत्व को समझाने के लिए हिंदी दिवस मनाने की परंपरा शुरू की गई पहली बार हिंदी दिवस कब मनाया गया?…
भारत का उपराष्ट्रपति संविधान के अनुसार देश का दूसरा सबसे बड़ा संवैधानिक पद है। यह पद न केवल प्रतिष्ठा का प्रतीक है, बल्कि राज्यसभा के सभापति के रूप में इसकी भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है। उपराष्ट्रपति का कार्यकाल और चुनाव का समय उपराष्ट्रपति का कार्यकाल पाँच वर्ष का होता है। कार्यकाल समाप्त होने से पहले ही निर्वाचन आयोग चुनाव की तारीख तय करता है ताकि पद कभी रिक्त न रहे। यदि इस्तीफा, निधन या किसी कारणवश पद खाली हो जाए तो जितनी जल्दी संभव हो सके, चुनाव कराया जाता है। हाल ही में 9 सितंबर 2025 को हुए चुनाव…
अभी हाल ही में हुए चुनाव (9 सितम्बर 2025) में सी. पी. राधाकृष्णन (C. P. Radhakrishnan) भारत के नए उपराष्ट्रपति चुने गए हैं। उनका कार्यकाल पाँच साल का होगा और वे राज्यसभा के सभापति (Chairman of Rajya Sabha) के रूप में भी काम करेंगे। कौन है भारत के अगले उपराष्ट्रपति सी पी राधाकृष्णन। आईये जानते हैं इनके पृष्ठभूमि के बारे में पूरा नाम: Chandrapuram Ponnusamy Radhakrishnan जन्म: 4 मई 1957, तिरुप्पुर, तमिलनाडु शिक्षा: उन्होंने वाणिज्य (Business Administration) में स्नातक की डिग्री प्राप्त की है, V. O. Chidambaram College, तूतीकोरिन से। राजनीतिक एवं सार्वजनिक जीवन राधाकृष्णन बहुत छोटे से ही सामाजिक/राजनीतिक…