अरुणाचल प्रदेश में 13000 फुट की ऊंचाई पर स्थित दुनिया की सबसे लंबी सुरंग का निर्माण किया जा चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो लेन वाली इस सुरंग को राष्ट्र को समर्पित किया। दुनिया की सबसे लंबी दो लेन की सेला सुरंग को खोला गया। सीमा सड़क संगठन (BRO ) के अधिकारी के अनुसार यह सुरंग 825 करोड रुपए की लागत से बनाई गई है। सुरंग सामरिक से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह वास्तविक नियंत्रण रेखा यानी LAC( लाइन ऑफ़ एक्चुअल कंट्रोल) के करीब है।
सीमा सड़क संगठन द्वारा निर्मित सुरंग
BRO एक अधिकारी के अनुसार सुरंग का निर्माण 13000 फुट की ऊंचाई पर किया गया है। हम आपको बता देंगे अरुणाचल प्रदेश में बालीपाड़ा- चारीद्वारा- तवांग रोड पर सेला से गुजरते हुए तवांग तक हर मौसम में पहुंच उपलब्ध कराएगी। यह क्षेत्र में न केवल तेज और अधिक सुगम रफ्तार देने वाली रास्ता उपलब्ध कराएगी बल्कि चीन के साथ लगी सीमा रेखा यानी LAC(line of actual control) के पास होने के कारण देश के लिए इसका रणनीति महत्व भी है। इस सुरंग की नींव वर्ष 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने फरवरी में रखी थी। जो अब बनकर तैयार हो गई है। यह एक सिंगल ट्यूब सुरंग है।
सेला सुरंग की कुछ खास बाते
- इस दो लेन वाली सिंगल ट्यूब सुरंग की लंबाई 1003 मीटर है।
- यह सुरंग अरुणाचल प्रदेश में 13000 फुट की ऊंचाई पर बनाई गई है।
- यह विश्व की सबसे लंबी सुरंग है।
- इस प्रोजेक्ट में दो सुरंगे बनाई गई हैं जिसमें पहली 1003 मीटर की है जबकि दूसरी सुरंग 1595 मीटर लंबी है।
- इसमें 8.6 किमी लंबी एप्रोच रोड बनाई गई है।
- यह सुरंग बचाओ सुरंग से समानांतर 500 मीटर पर जुड़ी हैं।
- 80 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम स्पीड से इसमें गाड़ियां गुजर सकती हैं।
- इस सुरंग की क्षमता इतनी है कि इसमें से 5000 गाड़ियां रोज सुरंग से निकल सकती हैं।
- इस प्रोजेक्ट पर कुल 650 कर्मियों और मजदूरों ने काम किया और अपनी सेवा प्रदान की।
- इस सुरंग के माध्यम से अरुणाचल प्रदेश से तवांग तक हर मौसम में पहुंचा जा सकता है।
- यह सर सुरंग इस प्रकार से बनाई गई है कि यह हर मौसम को झेलने में सक्षम है जिससे इसमें से निकलने वाली गाड़ियों पर मौसम का प्रभाव नहीं पड़ेगा।