साल में 12 शिवरात्रि होती है, परंतु इन 12 शिवरात्रियों में फाल्गुन महीने की शिवरात्रि का विशेष महत्त्व है। जिसके कारण इसे महाशिवरात्रि के नाम से जाना जाता है।
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मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि के दिन ही माता एकादशी की उत्पत्ति हुई थी। इस दिन देवी एकादशी श्रीहरि विष्णु के अंश से जन्मीं थीं और उन्होंने मुर नाम के राक्षस का संहार किया था। ये व्रत साधक की तमाम मनोकामना को पूर्ण करता है।
तुलसी माता की पूजा की अनेक कथाएं प्रचलित है हम आपके यहां पर एक कथा स्वागत करने वाले हैं आईए जानते हैं कि क्या है तुलसी माता की पूजा की कथा-
करवा चौथ का त्योहार कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चौथ पर मनाया जाता है। इस वर्ष होने वाले करवा चौथ व्रत के दिन सर्वार्थ सिद्ध और शिव योग का संयोग भी बन रहा है इस शुभ संयोग से इस व्रत की महत्व और भी ज्यादा बढ़ गई है।
नवरात्रि के प्रथम दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है और इस दिन कलश स्थापना के बाद मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप शैलपुत्री का पूजन अर्चन – स्तवन करके दुर्गा कवच का पाठ पढ़ना चाहिए। माता की पूजन में कीलक मंत्र का जाप जरुर करना चाहिए।
सावन इस बार 58 दिनों का होने के कारण शिव भक्तों को राज्याभिषेक और पूजन के लिए कुल 8 सोमवार मिलेंगे।ऐसा संयोग 19 वर्ष बाद अधिमास यानी एक माह बढ़ने से बना है। जबकि चतुर्मास यानी मलमास किस बार 4 माह के बजाय 5 माह का रहेगा।मलमास 18 जुलाई से प्रारंभ होगा । इस बार अधिवास होने के कारण यह साल 12के बजाय 13 माह का होगा इसका कारण
वर्ष 2022 में 31 अगस्त को गणेश चतुर्थी पड़ी है। जिसकी वजह से प्रत्येक जगह गणपति उत्सव बड़े धूमधाम से मनाया जा रहा है। वैसे गणपति जी की मूर्ति शुभ होती है परंतु घर में गणेश चतुर्थी के दिन स्थापित की जाने वाली मूर्ति के लिए विशेष सामग्री बताई गयी हैं।यदि आप इस प्रकार की मूर्ति अपने घर में स्थापित करते हैं तो निश्चित ही भगवान गणपति प्रसन्न होंगे और समृद्धि लाएंगे आइए जानते हैं कौन सी गणपति बप्पा की मूर्ति है सबसे उत्तम
गणेश चतुर्थी प्रत्येक वर्ष गणेश जी के आगमन और उत्सव पर मनाई जाती है। वर्ष 2022 की इस साल गणेश चतुर्थी 31 अगस्त को पड़ी है। सही तरीके से गणेश चतुर्थी उदया तिथि में मनानी चाहिए।
श्रावण (Sawan Somvar 2022) का महीना सबसे पवित्र महीना माना जाता है और इस दौरान भगवान शिव की आराधना की जाती है। खासकर श्रावण का सोमवार विशेष महत्व रखता है। इस दिन भगवान भोलेनाथ की पूजा आराधना विशेष की जाती है तथा इस दिन भक्त भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए व्रत करते हैं, अभिषेक करते हैं या रुद्राभिषेक करवाते हैं।
उड़ीसा पुरी में स्थित भगवान श्री जगन्नाथ जी का मंदिर हिंदू मंदिर है जो भगवान जगन्नाथ जी का मंदिर श्री कृष्ण को समर्पित है । भारत के उड़ीसा राज्य के तटवर्ती शहर पुरी में स्थित है।