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इस साल परिवर्तिनी एकादशी का व्रत 14 सितंबर शनिवार को रखा जाएगा। मान्‍यता है कि इस दिन भगवान विष्‍णु की विधि विधान से पूजा करने और व्रत करने से आपको सभी पापों से मुक्ति मिलने के साथ ही मोक्ष की भी प्राप्ति होती है

किशोरी जी श्रीकृष्ण जी की प्राणप्रिया मानी जाती है। प्रत्येक वर्ष भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को राधा अष्टमी (Radha Ashtami 2024) का पर्व मनाया जाता है।

प्राचीन काल में एक ब्राह्मण था जिसका नाम उत्तंक था। वह बहुत ही धार्मिक और वेदों के ज्ञाता थे। एक दिन, वह अपनी पत्नी के साथ एक यज्ञ में भाग लेने के लिए गया। वहाँ, उन्होंने देखा कि यज्ञ के लिए एक गाय की बलि दी जा रही है। उत्तंक को यह देखकर बहुत दुःख हुआ और उन्होंने सोचा कि यह कैसे धर्म हो सकता है।

गणेश चतुर्थी हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है। यह त्योहार भारत के विभिन्न भागों में मनाया जाता है किन्तु महाराष्ट्र व कर्नाटक में बडी़ धूमधाम से मनाया जाता है। पुराणों के अनुसार इसी दिन भगवान श्री गणेश जी का जन्म हुआ था।गणेश चतुर्थी पर हिन्दू भगवान गणेशजी की पूजा की जाती है।

सनातन धर्म में कुंवारी लड़कियों और सुहागिन महिलाओं के लिए हरतालिका तीज का विशेष महत्व है। यह व्रत निर्जला किया जाता है। हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि के दिन हरतालिका तीज का व्रत रखा जाता है।

हरछठ यानि ललही छठ व्रत कथा के अनुसार प्राचीन काल में एक ग्वालिन रहती थी। उसको जल्द ही बच्चा होने वाला था। एक तरफ वह प्रसव संबंधित परेशानियों से व्याकुल थी तो वहीं दूसरी तरफ उसका मन गोरस यानि दूध-दही बेचने में लगा हुआ था। उसने सोचा कि यदि उसे प्रसव हो गया तो उसका गौ-रस यूं ही पड़ा रह जाएगा

हलषष्ठी या ऊब छठ, इस दिन भगवान श्री कृष्ण के बड़े भाई भगवान बलराम का जन्म हुआ था और उनका शस्त्र हल था इसलिए इस दिन को हलषष्ठी कहा जाता है. वहीं कई जगह इस दिन को चंदन षष्ठी के रूप में धूमधाम से मनाया जाता है

रक्षा करने और करवाने के लिए बांधा जाने वाला पवित्र धागा रक्षा बंधन कहलाता है। यह पवित्र पर्व श्रावण शुक्ल पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाई की रक्षा के लिए उनके कलाई पर रक्षा सूत्र बांधती हैं और भाई बहनों को जीवन भर उनकी रक्षा का वचन देते हैं।भाई-बहनों के अटूट प्रेम का त्योहार रक्षाबंधन 19 अगस्त को दिन सोमवार को मनाया जाएगा।

22 जुलाई 2024 से सावन माह की शुरुआत हो रही है। इस दिन पहला सोमवार व्रत भी है। वहीं पंचांग के अनुसार सावन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 2 अगस्त को दोपहर 3 बजकर 26 मिनट से शुरू होगी, जो 3 अगस्त दोपहर 3 बजकर 50 मिनट पर समाप्त हो रही है।