दीवाली पवित्रता, प्रकाश और समृद्धि का त्योहार है। इस अवसर पर सफाई करने के पीछे वैज्ञानिक, धार्मिक और सामाजिक — तीनों कारण हैं। 1. धार्मिक कारण माना जाता है कि माता लक्ष्मी स्वच्छ और सुंदर घर में ही प्रवेश करती हैं। इसलिए दीवाली से पहले घर, दुकान और आस-पास की सफाई कर घर को पवित्र बनाया जाता है। सफाई से नकारात्मक ऊर्जा (negative energy) दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा (positive energy) आती है। 2. वैज्ञानिक कारण वर्षा ऋतु के बाद धूल, कीड़े-मकोड़े, और नमी घर में जमा हो जाती है। सफाई करने से वातावरण स्वच्छ और स्वास्थ्यवर्धक (healthy) बनता…
Author: Archana Dwivedi
Once upon a time a daughter complained to her father that her life was miserable and that she didn’t know how she was going to make it. She was tired of fighting and struggling all the time. It seemed just as one problem was solved, another one soon followed. Her father, a chef, took her to the kitchen. He filled three pots with water and placed each on a high fire. Once the three pots began to boil, he placed potatoes in one pot, eggs in the second pot, and ground coffee beans in the third pot. He then let…
विजयदशमी का पर्व निकलते ही हर घर में दिवाली की तैयारी शुरू हो जाती है।साफ सफाई से लेकर रंगाई पुताई तक के काम युद्ध स्तर पर चलने लगते हैं।माता लक्ष्मी के स्वागत के लिए हर घर चमकने लगता है। घर को चमकदार बनाने के लिए लोग अलग-अलग तरह के तरीके इस्तेमाल करते हैं। कहते हैं कि जिनके घर में साफ सफाई होती है माता लक्ष्मी उनके घर जरूर जाती हैं और वहां पर संपन्नता और प्यार फैलती हैं परंतु जिनके घर में लड़ाई झगड़ा होता है और साफ सफाई नहीं रहती है उनके घर माता लक्ष्मी का आगमन कभी नहीं…
राजा कृष्णदेवराय की माँ बहुत धार्मिक थीं। एक दिन वह आईं और उन्होंने राजा से कहा कि वह अगली सुबह ब्राह्मणों को पके आमों की भेंट देना चाहती हैं। राजा ने अपने सेवक से आम लाने को कहा। उसी रात, राजा की माँ की मृत्यु हो गई। राजा बहुत दुखी थे, लेकिन उन्हें अपनी माँ की आखिरी इच्छा याद थी। राजा ने सभी आवश्यक धार्मिक संस्कार किए। अंतिम दिन, उन्होंने कुछ ब्राह्मणों को बुलाया और उनसे अपनी माँ की अंतिम इच्छा पूरी करने का सुझाव मांगा। ब्राह्मण लालची थे, चर्चा के बाद, उन्होंने राजा से कहा कि उनकी माँ की आत्मा तभी शांत होगी जब…
आज 10 अक्टूबर 2025 को करवा चौथ का पावन पर्व मनाया जा रहा है। इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रहती हैं। ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को रखने से अखंड सौभाग्य की तो प्राप्ति होती ही हैं साथ ही दांपत्य जीवन में सदैव खुशहाली बनी रहती है। ये व्रत चंद्र उदय तक रखा जाता है। रात में चांद निकलने से पहले महिलाएं विधि विधान करवा चौथ की पूजा करती हैं और इसकी पावन कथा जरूर पढ़ती हैं। यहां हम आपको बताएंगे करवा चौथ के दिन कौन सी कथा पढ़नी चाहिए करवा चौथ…
भारतीय संस्कृति में जब बात नारी के प्रेम और त्याग की होती है, तो करवा चौथ का नाम सबसे पहले आता है। यह व्रत केवल एक परंपरा नहीं, बल्कि एक भावना है — जहाँ प्रेम उपवास से पवित्र बनता है, और आस्था चाँद की शीतल किरणों में घुल जाती है। कब है करवा चौथ 2025 ? तारीख: 10 अक्टूबर 2025, शुक्रवारतिथि: कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्थीव्रत प्रारंभ: 9 अक्टूबर रात 10:54 बजे सेव्रत समाप्ति: 10 अक्टूबर शाम 7:38 बजे तकपूजा मुहूर्त (लखनऊ): शाम 05:43 से 06:57 बजे तकचाँद उदय (लखनऊ): लगभग 09:01 बजे रात व्रत का उद्देश्य करवा चौथ का…
वचा (Skin) में एलर्जी (Allergy) होना आजकल बहुत आम है। यह कई कारणों से हो सकती है — जैसे गलत कॉस्मेटिक, धूल-मिट्टी, मौसम बदलना, किसी खाने की चीज़ से एलर्जी या कीड़े-मकोड़ों के काटने से।आइए इसे विस्तार से समझते हैं त्वचा में एलर्जी क्यों होती है: 1. धूल-मिट्टी या पराग कण (Dust & Pollen) से 2. रासायनिक उत्पाद (Cosmetics, Detergents, Perfumes) से 3. खाने की चीज़ें जैसे मूंगफली, अंडा, दूध या समुद्री भोजन से 4. कीड़े के काटने या पसीना जमने से 5. मौसम बदलने पर त्वचा का सूखना या संक्रमण 6. कपड़ों या धातु (Metal) से एलर्जी (जैसे…
भारतवर्ष में अनेक ऋषि-मुनियों ने अपने ज्ञान, तपस्या और लेखनी से समाज को दिशा दी है। उन्हीं में से एक महान ऋषि थे महर्षि वाल्मीकि — जिन्हें आदिकवि यानी भारत का पहला कवि कहा जाता है। उनके द्वारा रचित “रामायण” केवल एक ग्रंथ नहीं, बल्कि मानव जीवन का आदर्श मार्गदर्शक है। वाल्मीकि जी कौन थे? महर्षि वाल्मीकि का मूल नाम रत्नाकर था। वे प्रारंभ में एक वनवासी (भिल या निषाद) समुदाय से थे और जीवनयापन के लिए डकैती किया करते थे। किंतु एक दिन उन्हें महान ऋषि नारद मुनि से भेंट हुई। नारद जी ने रत्नाकर को यह समझाया कि…
आज देशभर में शरद पूर्णिमा का पर्व मनाया जा रहा है और इस दिन मां लक्ष्मी और चंद्र देव की पूजा करने का विधान है। शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा अपनी 16 कलाओं के साथ पूर्ण रहता है और पृथ्वी पर अपनी किरणों से अमृत वर्षा करता है। चंद्रमा की ये 16 कलाएं, उसके पूर्ण रूप को दर्शाते हैं और यह कलाएं चंद्रमा की शक्तियां और सौंदर्य का प्रतीक भी हैं। शास्त्रों में बताया गया है कि शरद पूर्णिमा के दिन समुद्र मंथन के दौरान माता लक्ष्मी प्रकट हुई थीं इसलिए इस दिन को लक्ष्मी माता के जन्मदिवस के रूप में भी…
अक्सर हमारी स्किन पर कई बार क्रीम लगाने से बेजान और रूखी प्रतीत होती है क्योंकि ज्यादा क्रीम लगाने से हमारी स्किन पर उसकी परत जम जाती है और स्क्रीन के पोर्स बंद हो जाते हैं जिसकी वजह से चमक चली जाती है। आज इस लेख में हम स्क्रीन के डेड होने का कारण व पुनः उसको चमकदार बनाने के उपाय बताएंगे। आईये जानते हैं कि क्यों हमारी स्किन बेजान और रुकी लगने लगती है- अंदरूनी कारण: शरीर में टॉक्सिन्स (विषैले तत्व) बढ़ जाना पानी कम पीना नींद पूरी न लेना कब्ज या पेट साफ न रहना जंक फूड, तली…